रुड़की: बॉर्डर पर खड़े डग्गामार वाहन विभिन्न प्रदेशों से आए यात्रियों को धड़ल्ले से उत्तराखंड में प्रवेश करा रहे हैं. डग्गामार वाहनों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है. साथ ही उनसे मनमाना किराया वसूला जाता है. आलम ये है कि बाहर से आने वाले लोग बिना 24 घंटे की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के उत्तराखंड में प्रवेश कर रहे हैं. हैरानी की बात तो ये है कि ये सब बॉर्डर पर तैनात प्रशासनिक अमले के सामने हो रहा है और जिम्मेदारों को कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है.
दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए शासन-प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है. इसी के मद्देनजर प्रदेश में अभी भी आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू है. कर्फ्यू में नियमानुसार ही दुकानें खोलने की अनुमति है. शनिवार और रविवार को पूर्ण कर्फ्यू लागू करने के आदेश हैं. कोरोना कर्फ्यू के नियमों के अनुसार बॉर्डर पर भी बाहरी यात्रियों के प्रवेश से पहले 24 घंटे पहले की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य किया गया है.
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टेस्ट रिपोर्ट दिखाने के बाद ही यात्रियों को उत्तराखंड में प्रवेश दिए जाने की अनुमति है. लेकिन उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर खड़े डग्गामार वाहन बाहरी यात्रियों को नियमों को ताक पर रखकर उत्तराखंड में धड़ल्ले से प्रवेश करा रहे हैं. उसके बाद यात्री प्रदेशभर में फैल जा रहे हैं. ऐसे में बाहरी लोगों के लिए प्रशासन की कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन मात्र दिखावाभर रह जाता है. प्रदेश के भीतर आने के बाद लोगों की कोविड रिपोर्ट भी नहीं चेक की जाती है.
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वहीं, इस मामले में रुड़की के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अपूर्वा पांडे का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को सख्ती से निपटने के लिए निर्देशित किया जाएगा. साथ ही बिना कोविड टेस्ट रिपोर्ट के किसी को भी प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.