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जलालपुर गांव में हिंसा के साइड इफेक्ट, ग्रामीणों ने लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', प्रशासन के फूले हाथ पांव

डाडा जलालपुर गांव में हिंसा से घबराए ग्रामीणों ने अपने घर के बाद 'यह मकान बिकाऊ है' लिख दिया. जिसे लेकर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. आनन-फानन में अधिकारी गांव पहुंचे और शब्दों को पेंट से पुतवा दिया. वहीं, ग्रामीणों का साफ कहना है कि कभी भी कोई घटना घट सकती है, जिस कारण उन्होंने गांव से पलायन करने का मन बना लिया है.

Jalalpur villager wrote yah nakan bikau hai
यह मकान बिकाऊ है
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Published : May 12, 2022, 7:09 PM IST

Updated : May 12, 2022, 7:48 PM IST

रुड़कीः भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा में हुए बवाल के बाद ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं. यही वजह है कि ग्रामीणों ने अपने घर के बाहर पेंट से 'यह मकान बिकाऊ है' जैसे शब्द लिखवा दिए. वहीं, जब कुछ परिवारों के पलायन करने की जानकारी आग की तरह फैली तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और अधिकारी आनन-फानन में जलालपुर गांव पहुंच गए, जिसके बाद प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर उसको पेंट से पुतवा दिया. तब कहीं जाकर प्रशासन की टीम ने राहत की सांस ली.

गौर हो कि बीती 16 अप्रैल की रात को डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकालते समय दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था. जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से पथराव (Roorkee stone pelting on procession) हुआ. जिसके बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए. इतना ही नहीं घटनास्थल पर आगजनी भी गई. जिसमें एक वैगनआर कार के साथ दो बाइक जल गए. जबकि, दोनों पक्षों के कई लोग भी घायल हो गए थे.

ग्रामीणों ने लिखा 'यह मकान बिकाऊ है'.

ये भी पढ़ेंः रुड़की के जलालपुर हिंसा में अब तक 11 गिरफ्तारियां

डर के साये में जी रहे ग्रामीणः इस घटना के बाद करीब 25 दिन बाद गांव में कुछ परिवारों ने अपने मकानों घर 'यह मकान बिकाऊ है' लिख दिया और गांव से पलायन करने की ठान ली. जिसकी सूचना मिलते ही आनन-फानन में प्रशासन की टीम गांव में पहुंची और उसे पेंट से पुतवा दिया. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि 16 अप्रैल को गांव में हुई घटना के बाद वो लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं. कभी भी कोई घटना अब घट सकती है, जिस कारण उन्होंने गांव से पलायन करने का मन बना लिया है.

पथराव के बाद उन्हें दहशत हो गई है. इसलिए उन्होंने अपने घरों पर यह मकान बिकाऊ है लिखवा दिया. जैसे ही इस बात की खबर तहसील प्रशासन को लगी तो आनन-फानन में टीम ने गांव पहुंचकर मकान के बाहर बिकाऊ है शब्द को पेंट से पुतवा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि बवाल के दौरान उनका काफी नुकसान हो गया था. जिसका आज तक उन्हें आर्थिक सहायता राशि तक नहीं मिल पाई है. साथ ही वो डर के साए में भी जी रहे हैं. इसलिए वो अब अपने घर बेचना चाहते हैं.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा में श्रद्धालु गंवा रहे जान, डीजी हेल्थ दे रहीं बेतुका बयान

क्या बोले अधिकारी? वहीं, इस मामले में एसडीएम भगवानपुर बृजेश सिंह तिवारी का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि गांव में कुछ लोगों ने 'मकान बिकाऊ है' लिखवा दिया, जिसके तुरंत बाद तहसीलदार गांव में पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत के बाद उन्होंने 'मकान बिकाऊ है' को मिटा दिया. साथ ही बताया कि ग्रामीणों ने भावुकतावश लिख दिया था और नुकसान की अभी तक लिखित में कोई सूचना प्रशासन को नहीं मिली है. वहीं, गांव में फिलहाल शांतिपूर्ण माहौल है.

रुड़कीः भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा में हुए बवाल के बाद ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं. यही वजह है कि ग्रामीणों ने अपने घर के बाहर पेंट से 'यह मकान बिकाऊ है' जैसे शब्द लिखवा दिए. वहीं, जब कुछ परिवारों के पलायन करने की जानकारी आग की तरह फैली तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और अधिकारी आनन-फानन में जलालपुर गांव पहुंच गए, जिसके बाद प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर उसको पेंट से पुतवा दिया. तब कहीं जाकर प्रशासन की टीम ने राहत की सांस ली.

गौर हो कि बीती 16 अप्रैल की रात को डाडा जलालपुर गांव में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकालते समय दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था. जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से पथराव (Roorkee stone pelting on procession) हुआ. जिसके बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए. इतना ही नहीं घटनास्थल पर आगजनी भी गई. जिसमें एक वैगनआर कार के साथ दो बाइक जल गए. जबकि, दोनों पक्षों के कई लोग भी घायल हो गए थे.

ग्रामीणों ने लिखा 'यह मकान बिकाऊ है'.

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डर के साये में जी रहे ग्रामीणः इस घटना के बाद करीब 25 दिन बाद गांव में कुछ परिवारों ने अपने मकानों घर 'यह मकान बिकाऊ है' लिख दिया और गांव से पलायन करने की ठान ली. जिसकी सूचना मिलते ही आनन-फानन में प्रशासन की टीम गांव में पहुंची और उसे पेंट से पुतवा दिया. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि 16 अप्रैल को गांव में हुई घटना के बाद वो लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं. कभी भी कोई घटना अब घट सकती है, जिस कारण उन्होंने गांव से पलायन करने का मन बना लिया है.

पथराव के बाद उन्हें दहशत हो गई है. इसलिए उन्होंने अपने घरों पर यह मकान बिकाऊ है लिखवा दिया. जैसे ही इस बात की खबर तहसील प्रशासन को लगी तो आनन-फानन में टीम ने गांव पहुंचकर मकान के बाहर बिकाऊ है शब्द को पेंट से पुतवा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि बवाल के दौरान उनका काफी नुकसान हो गया था. जिसका आज तक उन्हें आर्थिक सहायता राशि तक नहीं मिल पाई है. साथ ही वो डर के साए में भी जी रहे हैं. इसलिए वो अब अपने घर बेचना चाहते हैं.

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क्या बोले अधिकारी? वहीं, इस मामले में एसडीएम भगवानपुर बृजेश सिंह तिवारी का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि गांव में कुछ लोगों ने 'मकान बिकाऊ है' लिखवा दिया, जिसके तुरंत बाद तहसीलदार गांव में पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत के बाद उन्होंने 'मकान बिकाऊ है' को मिटा दिया. साथ ही बताया कि ग्रामीणों ने भावुकतावश लिख दिया था और नुकसान की अभी तक लिखित में कोई सूचना प्रशासन को नहीं मिली है. वहीं, गांव में फिलहाल शांतिपूर्ण माहौल है.

Last Updated : May 12, 2022, 7:48 PM IST
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