हरिद्वार: धर्म संसद में विवादित बयान देकर मीडिया की सुर्खियों में रहे वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) ने खुद की जान को डी कंपनी से खतरा बताया है. उनका कहना है कि डी कंपनी के गुर्गे उनकी जान बख्शने के लिए 25 करोड़ की फिरौती मांग रहे हैं. दो दिन से यूपी में रुके जितेंद्र त्यागी ने इसकी शिकायत यूपी सरकार से भी की है. उन्होंने प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है.
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने बताया की 10 जून 2022 को इब्राहिम कासकर के भाई ने उनकी गर्दन काटने की धमकी व्हाट्सएप पर दी है. इस बारे में फिर से दुबई के नंबर से 11 जून 2022 को व्हाट्सएप कॉल आई, जिसमे कॉल करने वाले ने खुद को दाऊद इब्राहिम के गैंग का सदस्य और इब्राहिम कासकर का भाई बताया. कॉल करने वाले ने दो दिन के अंदर उनका सिर काटने व जान की सलामती के लिए 25 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी है.
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आरोपी ने फोन पर धमकी दी कि इब्राहिम कासकर तिहाड़ जेल में बंद है और उसे खाने के सामान में मोबाइल बात करने के लिए जेल में भेजा जाता है, जिसके बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने गृह सचिव भारत सरकार एवं गृह सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को ईमेल के माध्यम से सूचना दी है. साथ ही धमकी देने वाले का ऑडियो भेजकर मामले की जांच की मांग की है. इसके साथ ही अपनी सुरक्षा भी बढ़ाए जाने की मांग की है.
गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Former Shia Waqf Board Chairman) ने 6 दिसंबर को धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपनाया था. डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने उन्हें जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी नाम दिया था. बकायदा पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण के साथ पूरे रीति-रिवाज से उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया था.
हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीट (Haridwar Dharma Sansad Hate Speech) मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को जेल भेजा गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अंतरित जमानत दी. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने शांभवी पीठाधीश्वर व शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप से संन्यास लेने की इच्छा जताई थी.
वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के संन्यासी नाम की भी घोषणा हो चुकी है. संन्यास के बाद उनका नया नाम प्रज्ञानंद होना था, लेकिन जितेंद्र नारायण त्यागी ने इच्छा जताई थी कि वो भगवान श्री कृष्ण के नाम पर अपना नाम रखना चाहते हैं. ऐसे में अब उनका नाम कृष्णानंद भारती सोचा गया है.
धर्म संसद में भड़काऊ और विवादित बयानों से देश में हुए हंगामे के बीच जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने भड़काऊ बयानों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी. त्यागी ने कहा था कि इसका दोषी हमें माना जाए और हरिद्वार के जेल के दरवाजे मेरे लिए खोल दिए जाएं. मैं हरिद्वार जा रहा हूं और मुझे गिरफ्तार करके मुसलमानों को सम्मानित किया जाए.