हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में नियमित गश्त के दौरान वन कर्मियों को चीला पावर हाउस के पीछे घायल अवस्था में गुलदार का शावक पड़ा मिला. मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने जब उसका परीक्षण करने का प्रयास किया, तो वह गुलदार जीवित था, वन कर्मियों ने तत्काल मौके पर डॉक्टरों की टीम के साथ विशेषज्ञों को भेजा, लेकिन हालत नाजुक होने के चलते उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
वन प्रभाग के डीएफओ शर्मा ने बताया कि यह मादा शावक थी. इसकी उम्र तीन से चार वर्ष के बीच है. प्रारंभिक निरीक्षण में लगता है कि आपसी संघर्ष होने के कारण ही यह घायल हुए थी. इसका पोस्टमार्टम किया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की विस्तृत जानकारी मिल पाएगी.
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सूचना मिलते ही वार्डन, रेंजर सहित वन विभाग के आला अधिकारी और पशु चिकित्सक तुरंत मौके के लिए रवाना हो गए. अधिकारियों के अनुसार यह गुलदार का शावक था. जो अभी कुछ दिन पहले ही अपनी मां से अलग हुआ था. इसकी उम्र 24 से 25 महीने के बीच की है. शावक के शरीर पर कई जगह चोट और अपासी संघर्ष के निशान हैं.
पशु चिकित्सक और वार्डन के अनुसार, शावकों में आपसी संघर्ष काफी देर तक चलता रहा. शावक के शरीर में कई जगह दांत के निशान पाए गए हैं, जिस कारण शावक की मौत हुई है. वहीं शावक के शव को पोस्टमार्टम के लिए रेंज कार्यालय ले जाया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण की पुष्टि हो पाएगी.
हरिद्वार राजाजी टाइगर रिजर्व में इससे पहले भी कई घायल गुलदार की मौत हो चुकी है. वन विभाग लगातार राजाजी टाइगर रिजर्व में गुलदारों की मॉनिटरिंग की बात करता है, लेकिन इस तरह की घटना होने के बाद वन विभाग के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.