हरिद्वार: नगर निगम हरिद्वार (Nagar Nigam Haridwar) में मेयर और अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी और बोर्ड पार्षदों की आपसी खींचतान शहर की सफाई व्यवस्था पर भारी पड़ रही है. हर साल होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (Swachh Survekshan 2021) में हरिद्वार नगर निगम इस बार 41 पायदान नीचे पहुंच गया है.
बता दें कि, साल 2020 में देशभर में 244 नंबर पर रहने वाला नगर निगम हरिद्वार इस साल 285 नंबर पर पहुंच गया है. इस पर नेता प्रतिपक्ष मेयर अनीता शर्मा पर मनमानी करने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, मेयर का कहना है कि साल की शुरुआत में निगम के पास संसाधनों की कमी थी. हालांकि, फिलहाल डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठीक ढंग से हो रहा है. आने वाले समय मे हम इस से कई बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
नेता प्रतिपक्ष सुनील अग्रवाल गुड्डू का कहना है कि भले ही बोर्ड में पार्षदों में भाजपा के ज्यादा पार्षदों हो, लेकिन मेयर कांग्रेस की है. वह अपनी मनमानी के चलते हरिद्वार की सफाई व्यवस्था पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. इतना ही नहीं हमारे बार-बार कहने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. हरिद्वार नगर निगम का इस तरह से सर्वे में प्रदर्शन करना सिर्फ और सिर्फ अनीता शर्मा ही इसका कारण है. अनीता शर्मा को शिवालिक नगर निगम और रुड़की के नगर निगम से सीख लेनी चाहिए जोकि कम संसाधनों के बावजूद भी इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
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अनीता शर्मा का कहना है कि जिस समय सर्वे हुआ था उस समय उनके पास संसाधनों की बहुत कमी थी. बात चाहे मशीनरी की हो या फिर कंपनी की. जो कूड़ा निस्तारण में का कार्य नगर निगम के लिए करती है अब उनके द्वारा नई कंपनियां को इनकी जिम्मेदारी दे दी गई है. हमारे पास संसाधनों की भी अब फिलहाल कोई कमी नहीं है आने वाले समय में नगर निगम हरिद्वार और अच्छा प्रदर्शन करके दिखाएगा.