रुड़की: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस किशोर उपाध्याय रविवार को रुड़की के ढंढेरा में जल, जमीन, जंगल को लेकर एक संगोष्ठी के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि जो लोग वनों के नजदीक रहते है उनके ये अधिकारों की लड़ाई है. इसको लेकर आज कार्यक्रम में चर्चा की गई.
इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि सल्ट उपचुनाव में जनता कांग्रेस को अपने आशीर्वाद से नजावेगी और पिछली बार हमारे प्रत्याशी काफी कम मतों से हारी थी, इसलिए अब जनता पूरा साथ देगी. साथ ही हरिद्वार जिला पंचायत चुनावों में भी कांग्रेस अपना परचम लहराएगी.
बता दें कि रुड़की के ढंडेरा गांव में 'जल, जंगल, जमीन' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार सभी मोर्चो पर विफल साबित हुई है. भाजपा सरकार ने महिलाओं की पेंशन बंद कर दी गौरी देवी कन्या योजना की धनराशि को सरकार ने घटा दिया. उन्होंने कहा कि पूर्व मूख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी उन्ही महिलाओं की हाय लगी है. जिन्हें अपने पद से हटना पड़ा है.
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हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश में आज भी ऐसे लोग जंगल में मौजूद हैं जिनके अधिकार आज तक भी उन्हें प्राप्त नहीं हुए हैं. जंगल में निवास कर रहे वन गुर्जर और आसपास के लोगों के पास आज भी कोई गुज़र बसर का जरिया नहीं है. सरकार जल जंगल और पानी बचाने में पूरी तरह से नाकाम साबित रही है. हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार ने बड़े पैमाने पर विकास कार्य कराए है। गरीब और निर्धन लोगों को पेंशन का लाभ दिया.
खास बात ये थी कि उनकी सरकार ने मंदिर के पुजारी मस्जिद के इमाम और गुरुद्वारे में काम करने वाले लोगों तक को पेंशन का लाभ दिया. लेकिन भाजपा सरकार गरीबों के अधिकारों से ही खिलवाड़ कर रही है. जिसमें वो कभी कामयाब नहीं होगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर लोगों में अलग ही खुशी का माहौल होगा. हर हाथ को सरकार रोजगार देगी भाजपा सरकार रोजगार छीनने का काम करती है. जबकि कांग्रेस सरकार युवाओं और महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ेगी.
इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री किशोर उपाध्याय ने कहा कि जिन लोगों का जीवन जंगलों मे आधारित था सरकार ने उनका अधिकार और जीवन छीन लिया, उसको वापस किया जाए. उन्होंने कहा कि 2006 में यूपीए सरकार ने जो कानून बनाया था वन अधिकार एक्ट को उत्तराखण्ड में लागू किया जाना चाहिए. किशोर उपाध्याय ने कहा जंगली जानवरों से जो नुकसान पहुंचता है, सरकार को उसमें मुआवजा देना चाहिए. साथ ही बिजली पानी का उत्तराखण्ड के लोगों से बिल नहीं लेना चाहिए.