हरिद्वार: ज्वालापुर के वार्ड संख्या 60 में निगम द्वारा कूड़ा डालने की व्यवस्था दोबारा शुरू करने का क्षेत्रीय पार्षद ने विरोध किया है. पार्षद ने म्यूनिसिपल कमिश्नर, मेयर और अपनी ही पार्टी के कुछ पार्षदों पर मिलीभगत कर उनके क्षेत्र में दोबारा कूड़ा डालने की व्यवस्था शुरू करने का आरोप लगाया है. साथ ही मामले में पार्षद ने कोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है.
हरिद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 60 से कांग्रेस पार्षद सुहैल अख्तर कुरेशी म्यूनिसिपल कमिश्नर, मेयर अनिता शर्मा और कुछ कांग्रेसी पार्षदों के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं. बगावत का कारण उनके क्षेत्र कस्साबान में निगम द्वारा स्थापित किया गया संयुक्त कूड़ा घर है. जहां पूरे क्षेत्र से निगमकर्मियों द्वारा कुड़ा एकत्र किया जाता है और शाम को कूड़ा उठाकर डंपिंग यार्ड में भेजा जाता है, जबकि सुहैल का कहना है कि इस क्षेत्र में कूड़ा डालने पर निगम बोर्ड तीन साल पहले ही रोक लगा चुका है.
सुहैल ने कहा की मेयर अनिता शर्मा ने कई कांग्रेसी पार्षदों को मेरी प्रेस वार्ता में जाने से मना कर दिया है. उन्हे साफ कहा गया की जो वार्ता में जाएगा, उनको दी जा रही मदद को बंद कर दी जाएगी. हरिद्वार में सफाई व्यवस्था देख रही कसा ग्रीन पर सुहैल ने कहा निगम में सांठ गांठ का खेल चल रहा है. मेयर और पार्षदों में भी कमीशन का खेल जारी है. कमीशन लेने वाले घर बैठे हैं और विरोध करने वाले यहां हैं.
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उन्होंने कहा की वे सभी वार्डों का कूड़ा अपने वार्ड में नहीं डालने देंगे. निगम की इस मनमानी के खिलाफ अब वे कोर्ट जाएंगे. इसके लिए क्षेत्र के लोगों से एक एफिडेविट लेकर कोर्ट में जमा कराएंगे. इस क्षेत्र में डाल रहे कूड़े को 29 जनवरी 2019 को बोर्ड बैठक में पास करके रुकवाया गया था. वहीं, इस क्षेत्र में कूड़ा डालने को लेकर उन्होंने जिलाधिकारी और म्युनिसिपल कमिश्नर को भी कई बार कहा, लेकिन कल जबरन पुलिस को बुलाकर न केवल वहां पर कूड़ा डलवाया गया, बल्कि शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे मुझे वह मेरे लोगों को उठवा दिया गया. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर डरा धमकाकर दबाव बनाने का आरोप लगाया का भी आरोप लगाया. इस मामले में मेयर अनिता शर्मा का कहना है कि ये परिवार की बात है. दोनों पक्षों से बात की जा रही है और जल्द इस मामले को सुलझा लिया जाएगा.
क्या कहते हैं अधिकारी: म्यूनिसिपल कमिश्नर डॉ. दयानंद सरस्वती ने कहा पूरे निगम क्षेत्र को कूड़ा मुक्त करने के लिए नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है. निगम के तमाम 60 वार्डों में 6 बड़े कवर्ड डंपिंग स्टेशन बनाए गए हैं. जहां पर निगम कर्मी घरों व दुकानों से एकत्र किए गए कूड़े को डालते हैं. जहां से यह सारा कूड़ा नगर निगम के सराय स्थित डंपिंग यार्ड में डाला जाता है.
इस नई व्यवस्था के बाद अब सड़कों पर कहीं भी कूड़ा नजर नहीं आ रहा है, लेकिन पार्षद महोदय अपने क्षेत्र में शायद सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं करना चाहते. यही कारण है कि वे अपने यहां बनाए गए डंपिंग स्टेशन को हटवाना चाहते हैं. 6 डंपिंग स्टेशन बनाने से पहले न केवल भाजपा, बल्कि निर्दलीय और कांग्रेस के पार्षदों से भी सहमति ली जा चुकी है. मेयर भी इस नई व्यवस्था के पक्ष में हैं.