रुड़की: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 (Uttarakhand Assembly Election-2022) को लेकर भाजपा ने कमर कसनी शुरू कर दी है. वहीं, रुड़की में भाजपा की अंतर्कलह इन दिनों पूरे चरम पर है. मामला इतना बढ़ चुका है कि भाजपा कार्यकर्ता एक दूसरे के खिलाफ सड़कों से लेकर पुलिस कार्रवाई तक से भी पीछे नहीं हट रहे है. हाल ही में एक मूर्ति के अनावरण पर लगाए गए शिलापट्ट पर नाम न लिखे जाने से नाराज विधायक के समर्थक में मेयर को मंच पर खरीखोटी सुनाई थी. इस दौरान उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद महाराज भी मंच पर उपस्थित थे. मामला यहीं नहीं थमा विधायक समर्थक और मेयर समर्थकों के बीच भी काफी नोकझोंक हुई.
विधानसभा चुनाव-2022 नजदीक है. ऐसे में जमीनी स्तर पर काम करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच का विवाद आगामी विधानसभा चुनाव में कहीं भाजपा पर ही भारी न पड़ जाए. इसकी चिंता शहर विधायक को भी अंदरूनी तौर पर सता रही है. वर्तमान भाजपा विधायक दोनों समर्थकों को समझाने के प्रयास में लगे हुए हैं.
बता दें कि, 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस, भाजपा व अन्य राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुड़े है. लेकिन रुड़की शहर में अभी भाजपा अपनी अंतर्कलह से निकल नहीं पा रही है. रुड़की शहर में 2019 में नगर निगम के चुनाव से विवाद चला आ रहे है.
दरअसल, नगर निगम के चुनाव में भाजपा ने गौरव गोयल को टिकट न देकर मंयक गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया था, तभी गौरव गोयल भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. हालांकि, जीत के बाद मेयर गौरव गोयल भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन मयंक गुप्ता और गौरव गोयल के बीच संबंध मधुर नहीं बन पाए, कई बार दोनों अलग-अलग दिशाओं में कार्य करते नजर आए.
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हाल ही में रुड़की की गंगनहर कोतवाली के समीप छत्रपति शिवाजी राव की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में फिर सब भाजपाइयों में विवाद शुरू हो गया. इस बार विवाद का कारण मूर्ति स्थल पर लगे शिलापट्ट पर नाम लिखे जाने को लेकर हुआ. दरअसल, कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार के गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पहुंचे थे, मंच सजा हुआ था, और मंच पर मंत्री विधायक समेत मेयर भी मौजूद थे. इसी बीच झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के प्रतिनिधि व नामित पार्षद सतीश शर्मा मंच पर आए और मेयर से उलझ पड़े. सतीश शर्मा का आरोप था कि शिलापट्ट पर विधायक देशराज का नाम लिखा गया था लेकिन मेयर ने उसे हटवाकर अपना नाम लिखवाया है. इस दौरान विधायक और मेयर समर्थकों के बीच खूब नोकझोंक भी हुई.
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बीजेपी की अंतर्कलह पर शहर विधायक प्रदीप बत्रा का कहना है कि सब एक परिवार के सदस्य है, जो विवाद हो रहा है उसे आपस मे बैठकर निपटा लिया जाएगा. ये छोटी-मोटी बातें होती रहती है. इनका चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. जीत भाजपा की ही होगी.