हरिद्वार: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हरिद्वार दौरे से पहले सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जनपद भ्रमण पर पहुंचे और कुंभ मेला कार्यों का जायजा लिया. इधर, सीएम निरीक्षण कार्यों में व्यस्त थे उधर पूर्व सीएम हरीश रावत भी उसी समय सरकार की बुद्धि-सुद्धि के लिये हरिद्वार में ही मौन साधन कर रहे थे. इस बाबत सवाल पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुये कहा कि हरीश रावत के मुंह में राम और बगल में छुरी रहती है.
दरअसल, हरिद्वार कुंभ कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा कम बजट दिए जाने को लेकर आज हरीश रावत हरिद्वार किसान घाट पर मौन साधना में 'लीन' थे. पूर्व सीएम के इस साधना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और हैं. मौन व्रत से हरीश रावत अपने पापों का प्रायश्चित कर रहे हैं. हरीश रावत मां गंगा की शरण मे आएं है ताकि मां गंगा उन्हें माफ करें. हरीश रावत की लड़ाई को गंगा मां भी समझती है और हम भी समझते हैं.
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इससे पहले, नारसन बॉर्डर पर निरीक्षण से सीएम ने अपने भ्रमण की शुरुआत की. यहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया साथ ही राज्य मार्ग पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर पुलों का भी जायजा लिया. इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुंभ मेला क्षेत्र पहुंचे और निर्माणाधीन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया. निर्माण कार्यों की गति से संतुष्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिसंबर आखिरी तक कुंभ के 98% कार्य पूरे होने की उम्मीद जताई.
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सीएम ने कहा कि कोरोना के कारण कार्यों में देरी हुई है. चल रहे निर्माण कार्यों में से दो कार्य 15 जनवरी तक पूरे कर लिया जाएंगे और एक कार्य जनवरी महीने के आखिरी हफ्ते तक पूर्ण होने की उम्मीद है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सीसीआर में कुंभ मेला अधिकारियों संग बैठक भी की और उन्हें दिशा निर्देश दिए.
गौर हो कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उनकी साधना को 'पापों का प्रायश्चित' बताए जाने पर हरीश रावत ने पलटवार करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने पापों का प्रायश्चित उस दिन कर लिया जिस दिन 'कानों में तेल डालकर सोयी' हुई प्रदेश की सरकार को जगाने का काम किया. सरकार को होश तब आया जब वो अखाड़ों और गंगा सभा के पास पहुंचे और अपनी गलती को माना और त्रिवेंद्र सरकार से इस गलती को ठीक करने को कहा. हरीश रावत ने कहा कि उनके प्रयास से ही सोई हुई सरकार जागी और गंगा स्कैप चैनल को लेकर पुराना शासनादेश रद्द कर प्रायश्चित कर लिया.