हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक दिवसीय दौरे पर हरिद्वार पहुंचे जहां मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ऋषिकुल के सभागार में आयोजित प्रथम अंतरराष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में प्रतिभाग किया. इस कार्यक्रम के बाद धामी कनखल के गौतम फार्म हाउस में वैश्य परिवार मिलन समारोह में भाग लेने पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री उत्तराखंड में होने जा रही जी20 की तीन बैठक को लेकर भी बेहद उत्साहित दिखे.
वैदिक काल से भारत में आयुर्वेद का परचम: आयुर्वेद संगोष्ठी के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने भारत को पशुधन स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान वाला देश बताया और कहा कि वैदिक काल से ही भारत ने 'सर्वे संतु निरामया' का संदेश दिया है. आयुर्वेद भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने 'पंचप्राण' विकास रणनीति में देश के विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी समृद्ध विरासत को सहेजने पर जोर दिया है.
धामी ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि आदर्श जीवन जीने का तरीका भी है. आयुर्वेद के एक ऐसा जरिया है जो न केवल शरीर की बीमारियों का इलाज करता बल्कि आयुर्वेद हमे नया जीवन देता है. उन्होंने कहा कि पशुधन को बचाना हमारा प्रमुख कर्तव्य है. आयुर्वेद के प्रयोग से हम अपने पशुओं को भी रोगों से दूर रख सकते हैं. पशुओं के रोग को दूर करने के लिए प्रदेश में मौजूद हर्बल संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंता: वहीं, वर्तमान समय में पशुओं में एंटीबॉयोटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल होने पर सीएम चिंतित दिखे. सीएम ने कहा कि यह स्थिति पशुओं के लिए तो हानिकारक है ही लेकिन इससे मनुष्य भी अछूता नहीं है. इस स्थिति को आयुर्वेद से ही नियंत्रित किया जा सकता है. सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में जड़ी-बूटियों का भंडार होने से आयुर्वेद का बड़ा महत्व है. उत्तराखंड को प्रकृति का वरदान है. यहां अनेकों नदियां 12 महीने बहती हैं साथ ही 71 प्रतिशत भू-भाग वनों से ढका है.
बता दें कि हरिद्वार में भले ही सीएम की मौजूदगी में ये काम आज हुआ हो, लेकिन हरिद्वार के ही देश विदेश में ख्याति रखने वाले आयुर्वेद के विशेषज्ञ प्रोफेसर ज्ञानेंद्र पांडे ने कुछ वर्ष पूर्व पश्व आयुर्वेद (Veterinary Ayurveda) शीर्षक से पुस्तक का लेखन कर दिया था. इसी पुस्तक के आधार पर आज कई औषधि निर्माता इस पुस्तक के आधार पर अनुसंधान भी कर रहे हैं. गुरुकुल आयुर्वेद के पूर्व छात्र प्रोफेसर ज्ञानेंद्र पांडे अपने जीवन में 75 से अधिक आयुर्वेद और जड़ी बूटी पर किताबें लिखी हैं और लगभग 50 वर्षों से ज्यादा समय आयुर्वेद अनुसंधान एवं वनौषधि विज्ञान के उत्थान के लिए सक्रिय कार्य भारत सरकार एवं विश्वविद्यालयों के साथ किया है. देश के कई बड़े संस्थानों में उनकी किताबें से पढ़ाई हो रही है.
G20 मेजबानी पर उत्साहित हैं सीएम: जी20 की मेजबानी उत्तराखंड को मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जताई है. धामी ने कहा कि वो प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने उत्तराखंड को जी20 की तीन बैठक आयोजित करने का मौका दिया है. जो पीएसएम लेवल की सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी बैठक हैं. भारत में होने वाली जी20 की सबसे महत्वपूर्ण बैठक में से एक बड़ी बैठक मार्च महीने के अंत में रामनगर में होने वाली है.
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सीएम ने कहा कि, उत्तराखंड में जी20 की बैठक 28, 29 और 30 मार्च को होने वाली है. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस बैठक के होने से हमारा उत्तराखंड पूरी दुनिया के सामने आ जाएगा. यहां की सांस्कृतिक चीजें और विशेषताएं को भी दुनिया के सामने लाने का मौका मिलेगा. यहां की मातृशक्ति द्वारा किए हुए काम दुनिया में जाएंगे. हमारे यहां का कॉर्बेट जो अपना एक विशिष्ट पहचान रखता है, वह भी पूरी दुनिया के सामने आएगा. निश्चित रूप से यह हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है.
हरिद्वार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने की संभावना: सीएम ने कहा कि, निश्चित रूप से यह अच्छा प्रपोजल है, इस पर हम लोग विचार करेंगे. सीएम धामी ने कहा कि, उत्तराखंड की बजट को हम लोगों ने पूरी हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ बनाया है. यह सभी के लिए समावेशी बजट है. इसमें उत्तराखंड के अंदर जितने भी पोटेंशियल हैं, जिन-जिन क्षेत्रों में भी उत्तराखंड की चीजों को आगे लाया जा सकता है, उन सभी के लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है. यह बजट एक नए उत्तराखंड के संकल्प का बजट है. प्रधानमंत्री का कहना है कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा.