हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) के हरिद्वार पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया. इस दौरान सीएम धामी ने निरंजनी अखाड़े पहुंचकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा आयोजित स्वागत एवं अभिनंदन समारोह में शिरकत की. सीएम ने कार्यक्रम में मौजूद सभी अखाड़ों के साधु संतों का आशीर्वाद भी लिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जूना अखाड़ा में विशाल त्रिशूल स्थापित करने की घोषणा की. साथ ही कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर सरकार की तैयारियों से अवगत भी कराया.
बता दें कि, देवस्थानम बोर्ड को सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा भंग किए जाने के बाद हरिद्वार के साधु-संतों तीर्थ पुरोहितों में खुशी की लहर है. इस दौरान सीएम धामी ने साधु संतों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि साधु संतों का आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हूं, साधु संतों का आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है. उन्होंने कहा कि नए-नए कार्य करने की साधु-संतों से मुझे ऊर्जा मिलती है. देवस्थानम बोर्ड को उत्तराखंड के सभी लोगों की इच्छाओं का संज्ञान लेकर भंग किया गया है.
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार सभी मंदिरों के संवर्धन और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. उत्तराखंड राज्य सभी राज्यों से श्रेष्ठ बने इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गई सभी घोषणाओं को धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार पूरी तरह सजग हैं. संक्रमण के खतरे का संज्ञान लिया जा रहा है. सरकार द्वारा एक दिन में 25 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंग का लक्ष्य रखा गया है. लोगों की जान माल की सुरक्षा के लिए जो भी कार्य जरूरी हैं, वह सरकार द्वारा किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है. रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस स्टैंड सभी जगह जल्द रैपिड एंटीजन टेस्ट दोबारा से शुरू किया जाएगा.
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बता दें कि बीते दिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा था कि सरकार ने देवस्थानम बोर्ड (devasthanam board) को वापस लेने का फैसला लिया है. चार जुलाई 2021 को पदभार ग्रहण के बाद से ही इस मामले पर विचार कर रहा था. तीर्थ-पुरोहित और हक-हकूकधारियों के हित को ध्यान में रखते हुए देवस्थानम बोर्ड पर हमने कमेटी बनाई. इस कमेटी ने तीन महीने तक काम किया और तमाम विषयों पर अध्ययन करने के बाद अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी. उस रिपोर्ट के आधार पर और प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में मैंने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया है.