हरिद्वार: देश में कोई भी धार्मिक यात्रा शुरू होने से पहले छड़ी यात्रा निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. धार्मिक यात्रा के शुरू होने से पहले भगवान की छड़ी ले जाकर मंदिर में स्थापित की जाती है. ऐसी ही एक छड़ी यात्रा उत्तराखंड के बागेश्वर से चारों धाम के लिए 1100 साल से जूना अखाड़े को साधु-संतों द्वारा निकाली जा रही है, लेकिन बीते 70 सालों से किसी कारण वंश ये छड़ी यात्रा नहीं निकाली जा रही थी. एक तरीके से ये यात्रा पूरी तरह बंद हो चुका है, लेकिन 70 साल अब इस छड़ी यात्रा को दोबार शुरू किया गया.
शुक्रवार को अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में छड़ी यात्रा हर की पैड़ी पहुंची, जहां पूरे विधि-विधान के साथ मां गंगा की पूजा अर्चना की गई. इसके बाद छड़ी को हरिद्वार के सभी मंदिरों में भ्रमण कराया गया. शनिवार को मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में छड़ी चारधाम के लिए रवाना की जाएगी.
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बता दें कि कुछ दिनों पहले ही यह छड़ी बड़ी धूमधाम से बागेश्वर से लाकर हरिद्वार स्थित माया देवी मंदिर में स्थापित की गई थी. पुरानी परंपरा समाप्त न हो जाए इसलिए भी इस छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू किया जा रहा है. इस छड़ी यात्रा को खुद शंकराचार्य जी जूना अखाड़े ले गए थे. छड़ी यात्रा किसी भी धार्मिक यात्रा के शुरू होने से पहले यात्रा का उद्घोष करने के लिए निकाली जाती है.
सनातन परंपरा लोगों की जोड़ने की अनूठी पहल
यह यात्रा सनातन परंपरा के लोगों को जोड़ने की एक अनूठी पहल भी है. आज एक बार फिर जूना अखाड़े के प्रयासों के बाद छड़ी यात्रा फिर से शुरू हो गई है, अब छड़ी यात्रा हरिद्वार के माया देवी मंदिर से शुरू होकर चार धाम यात्रा पूरी करने के बाद छड़ी को वापसी हरिद्वार के माया देवी मंदिर में स्थापित की जाएगी. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि पिछले करीब 70 साल से छड़ी यात्रा बंद थी. जिसको दोबारा विधिवत तरीके से शुरू किया गया है. कुंभ 2021 का आयोजन सफल हो इसके लिए भी मां गंगा का पूजन किया गया है.