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70 साल बाद शुरू हुई चारधाम छड़ी यात्रा, 1100 साल से चल रही ये अनूठी परपंरा - धार्मिक यात्रा

यह यात्रा सनातन परंपरा के लोगों को जोड़ने की एक अनूठी पहल भी है. आज एक बार फिर 70 साल के बाद जूना अखाड़े के प्रयासों से छड़ी यात्रा फिर से शुरू हो गई है.

चारधाम छड़ी यात्रा
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Published : Oct 11, 2019, 7:15 PM IST

Updated : Oct 11, 2019, 7:30 PM IST

हरिद्वार: देश में कोई भी धार्मिक यात्रा शुरू होने से पहले छड़ी यात्रा निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. धार्मिक यात्रा के शुरू होने से पहले भगवान की छड़ी ले जाकर मंदिर में स्थापित की जाती है. ऐसी ही एक छड़ी यात्रा उत्तराखंड के बागेश्वर से चारों धाम के लिए 1100 साल से जूना अखाड़े को साधु-संतों द्वारा निकाली जा रही है, लेकिन बीते 70 सालों से किसी कारण वंश ये छड़ी यात्रा नहीं निकाली जा रही थी. एक तरीके से ये यात्रा पूरी तरह बंद हो चुका है, लेकिन 70 साल अब इस छड़ी यात्रा को दोबार शुरू किया गया.

शुक्रवार को अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में छड़ी यात्रा हर की पैड़ी पहुंची, जहां पूरे विधि-विधान के साथ मां गंगा की पूजा अर्चना की गई. इसके बाद छड़ी को हरिद्वार के सभी मंदिरों में भ्रमण कराया गया. शनिवार को मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में छड़ी चारधाम के लिए रवाना की जाएगी.

70 साल बाद शुरू हुई चारधाम छड़ी यात्रा.

पढ़ें- तीर्थनगरी में एक बार फिर दिखी गजराज की धमक, एम्स गेट पर दिखा विशालकाय हाथी

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही यह छड़ी बड़ी धूमधाम से बागेश्वर से लाकर हरिद्वार स्थित माया देवी मंदिर में स्थापित की गई थी. पुरानी परंपरा समाप्त न हो जाए इसलिए भी इस छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू किया जा रहा है. इस छड़ी यात्रा को खुद शंकराचार्य जी जूना अखाड़े ले गए थे. छड़ी यात्रा किसी भी धार्मिक यात्रा के शुरू होने से पहले यात्रा का उद्घोष करने के लिए निकाली जाती है.

सनातन परंपरा लोगों की जोड़ने की अनूठी पहल

यह यात्रा सनातन परंपरा के लोगों को जोड़ने की एक अनूठी पहल भी है. आज एक बार फिर जूना अखाड़े के प्रयासों के बाद छड़ी यात्रा फिर से शुरू हो गई है, अब छड़ी यात्रा हरिद्वार के माया देवी मंदिर से शुरू होकर चार धाम यात्रा पूरी करने के बाद छड़ी को वापसी हरिद्वार के माया देवी मंदिर में स्थापित की जाएगी. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि पिछले करीब 70 साल से छड़ी यात्रा बंद थी. जिसको दोबारा विधिवत तरीके से शुरू किया गया है. कुंभ 2021 का आयोजन सफल हो इसके लिए भी मां गंगा का पूजन किया गया है.

हरिद्वार: देश में कोई भी धार्मिक यात्रा शुरू होने से पहले छड़ी यात्रा निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. धार्मिक यात्रा के शुरू होने से पहले भगवान की छड़ी ले जाकर मंदिर में स्थापित की जाती है. ऐसी ही एक छड़ी यात्रा उत्तराखंड के बागेश्वर से चारों धाम के लिए 1100 साल से जूना अखाड़े को साधु-संतों द्वारा निकाली जा रही है, लेकिन बीते 70 सालों से किसी कारण वंश ये छड़ी यात्रा नहीं निकाली जा रही थी. एक तरीके से ये यात्रा पूरी तरह बंद हो चुका है, लेकिन 70 साल अब इस छड़ी यात्रा को दोबार शुरू किया गया.

शुक्रवार को अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में छड़ी यात्रा हर की पैड़ी पहुंची, जहां पूरे विधि-विधान के साथ मां गंगा की पूजा अर्चना की गई. इसके बाद छड़ी को हरिद्वार के सभी मंदिरों में भ्रमण कराया गया. शनिवार को मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में छड़ी चारधाम के लिए रवाना की जाएगी.

70 साल बाद शुरू हुई चारधाम छड़ी यात्रा.

पढ़ें- तीर्थनगरी में एक बार फिर दिखी गजराज की धमक, एम्स गेट पर दिखा विशालकाय हाथी

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही यह छड़ी बड़ी धूमधाम से बागेश्वर से लाकर हरिद्वार स्थित माया देवी मंदिर में स्थापित की गई थी. पुरानी परंपरा समाप्त न हो जाए इसलिए भी इस छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू किया जा रहा है. इस छड़ी यात्रा को खुद शंकराचार्य जी जूना अखाड़े ले गए थे. छड़ी यात्रा किसी भी धार्मिक यात्रा के शुरू होने से पहले यात्रा का उद्घोष करने के लिए निकाली जाती है.

सनातन परंपरा लोगों की जोड़ने की अनूठी पहल

यह यात्रा सनातन परंपरा के लोगों को जोड़ने की एक अनूठी पहल भी है. आज एक बार फिर जूना अखाड़े के प्रयासों के बाद छड़ी यात्रा फिर से शुरू हो गई है, अब छड़ी यात्रा हरिद्वार के माया देवी मंदिर से शुरू होकर चार धाम यात्रा पूरी करने के बाद छड़ी को वापसी हरिद्वार के माया देवी मंदिर में स्थापित की जाएगी. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि पिछले करीब 70 साल से छड़ी यात्रा बंद थी. जिसको दोबारा विधिवत तरीके से शुरू किया गया है. कुंभ 2021 का आयोजन सफल हो इसके लिए भी मां गंगा का पूजन किया गया है.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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देश में कोई भी धार्मिक यात्रा शुरू होने से पहले छड़ी यात्रा निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है चाय फिर यात्रा अमरनाथ की हो या मणिमहेश की यात्रा धार्मिक यात्रा के शुरू होने से पहले भगवान की छड़ी ले जाकर मंदिर में स्थापित की जाती है ऐसी ही एक छड़ी यात्रा उत्तराखंड के बागेश्वर से चारों धाम के लिए 11 सो साल से जूना अखाड़े के साधु संत द्वारा निकाली जाती थी मगर पिछले करीब 70 सालों से यह यात्रा किसी कारण वश निकाली नहीं जा रही थी और इसे एक तरीके से बंद ही कर दिया गया था अब यह छड़ी यात्रा हरिद्वार से जूना अखाड़ा द्वारा दोबारा शुरू की गई है आज अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में छड़ी यात्रा को शहर मैं भ्रमण कराकर हर की पौड़ी पहुंचे और पूरी विधि विधान के साथ मां गंगा की पूजा अर्चना की गई आज छड़ी को हरिद्वार के सभी मंदिरों में भ्रमण कराकर कल मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में चार धाम यात्रा के लिए रवाना की जाएगी


Body:आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही यह छड़ी बड़ी धूमधाम से बागेश्वर से लाकर हरिद्वार स्थित माया देवी मंदिर में स्थापित की गई थी पुरानी परंपरा समाप्त ना हो जाए इसलिए भी इस छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू किया जा रहा है इस छड़ी यात्रा को खुद शंकराचार्य जी जूना अखाड़े ले गए थे छड़ी यात्रा किसी भी धार्मिक यात्रा के शुरू होने से पहले यात्रा का उद्घोष करने के लिए निकाली जाती है और यह यात्रा सनातन परंपरा के लोगों को जोड़ने की एक अनूठी पहल भी है उत्तराखंड के बागेश्वर से निकलने वाली छड़ी यात्रा को 11 सौ साल पहले जूना अखाड़े के साधु संतों द्वारा शुरू की गई थी उत्तराखंड की यह छड़ी यात्रा चारों धाम की यात्रा कर वापस हरिद्वार जूना अखाड़े माया देवी मंदिर में समाप्त होती है थी मगर कई वर्षों से किसी कारण वश यह छड़ी यात्रा बंद कर दी गई थी आज एक बार फिर जूना अखाड़े के प्रयासों के बाद यात्रा फिर से शुरू हो गई है अब छड़ी यात्रा हरिद्वार के माया देवी मंदिर से शुरू होकर चार धाम यात्रा पूरी करने के बाद छड़ी को वापसी हरिद्वार के माया देवी मंदिर में स्थापित की जाएगी

सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी अखाड़ा परिषद के महामंत्री वह जूना अखाड़े के संरक्षक हरि गिरि महाराज और जूना अखाड़ा उपाध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज सहित भारी संख्या में साधु संतों की मौजूदगी में आज छड़ी यात्रा को लेकर हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पहुंचे मां गंगा की पूजा अर्चना की गई और इस मौके पर अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का कहना है कि यह छड़ी बागेश्वर से हरिद्वार के माया देवी मंदिर लाई गई है आज सभी तेरह अखाड़ों के साधु संतों की मौजूदगी में छड़ी की शोभायात्रा निकालकर हर की पौड़ी पहुंच पूजन किया गया है कल छड़ी यात्रा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में चार धाम यात्रा के लिए रवाना की जाएगी इस यात्रा का समय करीब एक महीना रहेगा और इसमें व्यवस्थाओं के अनुरूप भ्रमण किया जाएगा इनका यह भी कहना है कि पिछले करीब 70 साल से छड़ी यात्रा बंद थी जिसको आज दोबारा विधिवत तरीके से शुरू किया गया है नरेंद्र गिरी का कहना है कि कुंभ 2021 आयोजन सफल हो इसके लिए भी आज मां गंगा का पूजन किया गया है वहीं महंत नरेंद्र गिरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तराखंड के मार्गों में पढ़ने वाले व्यवधान जिन जिन जगह पर थे वहां वहां दूर किए गए हैं इसलिए मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट को मैं धन्यवाद देता हूं

बाइट-- नरेंद्र गिरी--अखाड़ा परिषद अध्यक्ष


Conclusion:पिछले करीब 70 वर्षो से बंद की जा चुकी ऐतिहासिक और पौराणिक छड़ी यात्रा को आज फिर जूना अखाड़ा के साधु संतों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखाड़ा परिषद नरेंद्र गिरी और सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मां गंगा का पूजन कर दोबारा शुरू किया गया है मान्यता है कि इस छड़ी को खुद आदि गुरु शंकराचार्य जूना अखाड़ा लेकर आए थे और तभी से यह यात्रा शुरू हुई थी संतों द्वारा की गई एक अच्छी पहल है उत्तराखंड में छड़ी यात्रा के भ्रमण से जहां लोगों को धर्म के बारे में पता चलेगा और लोगों का ज्ञान भी बढ़ेगा वही इस तरह की अच्छी पहल से विलुप्त हो रही हमारी धार्मिक परंपरा को भी संरक्षित किया जा सकेगा
Last Updated : Oct 11, 2019, 7:30 PM IST
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