हरिद्वार: इन दिनों ज्वालापुर क्षेत्र संदिग्धों की पनाहगाह (Jwalapur area suspects safe haven) बनता जा रहा है. केंद्र से आई जांच एजेंसियों की एक संयुक्त टीम ने 2 दिन पड़ताल करने के बाद क्षेत्र से कुल चार संदिग्धों को उठाया और अपने साथ ले गई. हालांकि, इस मामले में पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है. क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) का बताया जा रहा है.
शनिवार को बेहद ही गोपनीय ढंग से ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र से कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी की टीम अपने साथ उठाकर ले गई. हालांकि, स्थानीय पुलिस को आधिकारिक रूप से इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. जिसके बाद से क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं बनी हुई हैं. मामला पीएफआई से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हिरासत में लिए गए सभी लोग हरिद्वार से बाहर के निवासी हैं. जो यहां अलग-अलग काम कर रहे थे.
बता दें कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां इन दिनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) से जुड़े लोगों की तलाश में जुटी हैं. देश विरोधी गतिविधियों के चलते इस संगठन को बैन कर दिया गया है. संगठन के पदाधिकारियों से सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आ चुके लोगों की धरपकड़ देश के कई राज्यों में चल रही है.
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इस बीच एक संयुक्त टीम दो दिन से ज्वालापुर क्षेत्र में घूम रही थी. टीम ज्वालापुर के पांवधाई क्षेत्र में देखी गई. बताया गया है कि टीम ने चार लोगों को उठाया और अपने साथ नोएडा ले गई. इनमें एक व्यक्ति ईदगाह रोड पर कपड़े की दुकान चलाता है. जबकि, दूसरा सलेमपुर क्षेत्र में मदरसे का हाफिज बताया गया है. इसके अलावा दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है. पुलिस अधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रही है.
सूत्र बताते हैं कि चारों व्यक्तियों को आईबी और एनआईए की संयुक्त टीम उठाकर पूछताछ के लिए नोएडा ले गई है. यदि पकड़े गए आरोपी अपराधी हैं तो, उनका हरिद्वार से पकड़ा जाना हरिद्वार की सुरक्षा के लिए बड़ा सवाल है.