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गुरू पूर्णिमा पर बाबा रामदेव बोले-सामूहिक प्रयास से ही भारत बनेगा विश्व गुरू

पतंजलि योगपीठ में गुरू पूर्णिमा पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया. योग गुरू बाबा रामदेव ने गुरू शिष्य की सनातन परंपरा पर कहा कि मिलजुल कर एक मजबूत भारत का निर्माण करना है.

पतंजलि योगपीठ
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Published : Jul 16, 2019, 8:15 PM IST

हरिद्वारः गुरू के प्रति शिष्य का आदर भाव व्यक्त करने का पर्व गुरू पूर्णिमा आस्था और उल्लास के साथ पतंजलि योगपीठ में मनाया गया. व्यास पूजन यानी गुरू पर्व पर अपने गुरू का सम्मान करने के लिए दूर-दूर से पहुंचे लोगों ने योग गुरू बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को शॉल ओढ़ाकर और चरण वंदन कर आभार व्यक्त किया.

पतंजलि योगपीठ में गुरू पूर्णिमा पर्व मना.

इस अवसर पर आचार्यकुलम के पतंजलि विद्यालय के बच्चों ने और अन्य अनुयायियों ने हवन यज्ञ किया, जबकि मुस्लिम धर्मगुरू ने भी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अंग वस्त्र ओढ़ाकर और माला पहनाकर स्वागत किया. खुद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भी अपने गुरू का सम्मान कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की.

गुरू महोत्सव पर योग गुरू बाबा रामदेव ने गुरू शिष्य की सनातन परंपरा के बारे में बताया. बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि योगपीठ में श्रीमद्भागवत गीता वाणी, अष्टाध्याई सामान्य से 5 उपदेश 9 उपनिषद इसके साथ वेद चाणक्य, विदुर नीति शास्त्र कंठस्थ करने वाले बच्चों को देखकर हमें विश्वास है कि भारत का धर्म और संस्कृति सुरक्षित हाथों में है.

हमारे सनातन आर्य हिंदू वैदिक परंपरा का यश गौरव बढ़ाने के लिए एक नई पीढ़ी पतंजलि योगपीठ में तैयार कर रहे हैं. गुरू परंपरा ऋषि परंपरा यह हमारी सनातन परंपरा है.

यह भी पढ़ेंः हरिद्वारः 4 बजे की गई गंगा आरती, सभी मंदिरों के कपाट कल सुबह तक के लिए बंद

इसी परंपरा के आधार पर भारत विश्व गुरू था और गुरुओं का ज्ञान जीवन आचरण चरित्र इतना ऊंचा था कि उसे पूरी दुनिया शिक्षा लिया करती थी. ऐसा भारत जिसको पूरा विश्व अपना आदर्श माना करता था, उस भारत की गुरू सत्ता और इसी सप्ताह फिर से गौरवान्वित हो रही है और पूरी दुनिया अब भारत की ओर देख रही है.

हमें भारत को दुनिया की सबसे बड़ी आध्यात्मिक और आर्थिक महाशक्ति बनाना है. इस संकल्प के साथ गुरू पूर्णिमा उत्सव मनाया है. 2050 तक भारत को विश्व की सबसे बड़ी आध्यात्मिक और आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए बड़ा प्रयास पतंजलि योगपीठ कर रहा है.

बाबा रामदेव का कहना है कि भारत स्वभाव से ही एक अध्यात्मिक देश है. हम अपनी मूल संस्कृति और मूल परंपरा से जुड़कर और सभी पंत संप्रदाय का सम्मान करते हुए हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध सब साथ में मिलकर आगे बढ़ना है.

यह भी पढ़ेंः गुरू पूर्णिमा: चार माह तक शयन पर गए भगवान विष्णु, देखरेख के लिए कैलाश से ससुराल आए शिव

सभी प्रकार की गुरू परंपरा का सम्मान करते हुए मिलजुल कर एक मजबूत भारत का निर्माण करना है. समाज और सरकार, संत और सैनिक सभी क्षेत्र के लोग जब साथ मिलकर पुरुषार्थ करेंगे तो ही भारत विश्व गुरू बनेगा.

इस दौरान पूरे विधि-विधान से पतंजलि योगपीठ में छोटे बच्चों सहित युवा और बुजुर्ग सभी ने हवन कुंड में आहुति दी. देश के निर्माण के लिए संकल्प लिया कि आने वाले वक्त में भारत को विश्व गुरू बनाना है और इसके लिए अध्यात्म एक सच्चा मार्ग है.

हरिद्वारः गुरू के प्रति शिष्य का आदर भाव व्यक्त करने का पर्व गुरू पूर्णिमा आस्था और उल्लास के साथ पतंजलि योगपीठ में मनाया गया. व्यास पूजन यानी गुरू पर्व पर अपने गुरू का सम्मान करने के लिए दूर-दूर से पहुंचे लोगों ने योग गुरू बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को शॉल ओढ़ाकर और चरण वंदन कर आभार व्यक्त किया.

पतंजलि योगपीठ में गुरू पूर्णिमा पर्व मना.

इस अवसर पर आचार्यकुलम के पतंजलि विद्यालय के बच्चों ने और अन्य अनुयायियों ने हवन यज्ञ किया, जबकि मुस्लिम धर्मगुरू ने भी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अंग वस्त्र ओढ़ाकर और माला पहनाकर स्वागत किया. खुद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भी अपने गुरू का सम्मान कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की.

गुरू महोत्सव पर योग गुरू बाबा रामदेव ने गुरू शिष्य की सनातन परंपरा के बारे में बताया. बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि योगपीठ में श्रीमद्भागवत गीता वाणी, अष्टाध्याई सामान्य से 5 उपदेश 9 उपनिषद इसके साथ वेद चाणक्य, विदुर नीति शास्त्र कंठस्थ करने वाले बच्चों को देखकर हमें विश्वास है कि भारत का धर्म और संस्कृति सुरक्षित हाथों में है.

हमारे सनातन आर्य हिंदू वैदिक परंपरा का यश गौरव बढ़ाने के लिए एक नई पीढ़ी पतंजलि योगपीठ में तैयार कर रहे हैं. गुरू परंपरा ऋषि परंपरा यह हमारी सनातन परंपरा है.

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इसी परंपरा के आधार पर भारत विश्व गुरू था और गुरुओं का ज्ञान जीवन आचरण चरित्र इतना ऊंचा था कि उसे पूरी दुनिया शिक्षा लिया करती थी. ऐसा भारत जिसको पूरा विश्व अपना आदर्श माना करता था, उस भारत की गुरू सत्ता और इसी सप्ताह फिर से गौरवान्वित हो रही है और पूरी दुनिया अब भारत की ओर देख रही है.

हमें भारत को दुनिया की सबसे बड़ी आध्यात्मिक और आर्थिक महाशक्ति बनाना है. इस संकल्प के साथ गुरू पूर्णिमा उत्सव मनाया है. 2050 तक भारत को विश्व की सबसे बड़ी आध्यात्मिक और आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए बड़ा प्रयास पतंजलि योगपीठ कर रहा है.

बाबा रामदेव का कहना है कि भारत स्वभाव से ही एक अध्यात्मिक देश है. हम अपनी मूल संस्कृति और मूल परंपरा से जुड़कर और सभी पंत संप्रदाय का सम्मान करते हुए हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध सब साथ में मिलकर आगे बढ़ना है.

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सभी प्रकार की गुरू परंपरा का सम्मान करते हुए मिलजुल कर एक मजबूत भारत का निर्माण करना है. समाज और सरकार, संत और सैनिक सभी क्षेत्र के लोग जब साथ मिलकर पुरुषार्थ करेंगे तो ही भारत विश्व गुरू बनेगा.

इस दौरान पूरे विधि-विधान से पतंजलि योगपीठ में छोटे बच्चों सहित युवा और बुजुर्ग सभी ने हवन कुंड में आहुति दी. देश के निर्माण के लिए संकल्प लिया कि आने वाले वक्त में भारत को विश्व गुरू बनाना है और इसके लिए अध्यात्म एक सच्चा मार्ग है.

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uk_har_ramdev_ki_guru_purnima_pkg_04_uk10006

गुरु शिष्य का पर्व गुरु को सम्मान करने के पर्व गुरु पर्व पतंजलि योगपीठ में आस्था श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया व्यास पूजन यानी गुरु पर्व पर अपने गुरु का सम्मान करने के लिए दूर-दूर से पतंजलि योगपीठ पहुंचे योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के शिष्यों ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को माला पहनाकर शॉल उड़ाकर और उनके चरण वंदन कर उनका आभार व्यक्त किया इस अवसर पर आचार्यकुलम के बच्चों पतंजलि विद्यालय के बच्चों ने और अन्य अनुयायियों ने हवन यज्ञ किया जबकि मुस्लिम धर्मगुरु ने भी इस अवसर पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अंग वस्त्र उड़ाकर और माला पहनाकर स्वागत किया खुद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भी अपने गुरु का सम्मान कर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की


Body:गुरु पर महोत्सव पर योग गुरु बाबा रामदेव ने गुरु शिष्य की सनातन परंपरा के बारे में बताया योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि योगपीठ में छोटे बच्चों ने श्रीमद्भागवत गीता वाणी अष्टाध्याई सामान्य से 5 उपदेश 9 उपनिषद इसके साथ वेद चाणक्य नीति विदुर नीति शास्त्र कंठस्थ करने वाले बच्चों को देखकर हमें विश्वास है भारत का धर्म और भारत की संस्कृति सुरक्षित हाथों में है हमारे सनातन आर्य हिंदू वैदिक परंपरा का यश गौरव बढ़ाने के लिए एक नई पीढ़ी हम यहां पतंजलि योगपीठ में तैयार कर रहे हैं

बाइट-- बाबा रामदेव--योग गुरु

गुरु परंपरा ऋषि परंपरा यह हमारी सनातन परंपरा है और इसी परंपरा के आधार पर भारत विश्व गुरु था और गुरुओं का ज्ञान जीवन आचरण चरित्र इतना ऊंचा था कि उसे पूरी दुनिया शिक्षा लिया करती थी ऐसा भारत जिसको पूरा विश्व अपना आदर्श माना करता था उस भारत की गुरु सत्ता और इसी सप्ताह फिर से गौरवान्वित हो रही है और पूरी दुनिया अब भारत की ओर देख रही है हमें भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अध्यात्मिक और आर्थिक महाशक्ति बनाना है इस संकल्प के साथ हमने यह गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया है और 2050 तक भारत विश्व की सबसे बड़ी आध्यात्मिक आर्थिक महाशक्ति बनने इसके लिए हम बहुत बड़ा पुरुषार्थ यहां पतंजलि योगपीठ से कर रहे हैं और ऐसे करोड़ों करोड़ों भारतीय इस भारत को भारत बनाने के लिए खोए हुए यस गौरव प्रतिष्ठा के लिए प्रयत्नशील है उन सब को हम प्रणाम करते हैं

बाइट-- बाबा रामदेव--योग गुरु

बाबा रामदेव का कहना है कि भारत स्वाभाव से ही एक अध्यात्मिक देश है और हम अपनी मूल संस्कृति और मूल परंपरा से जुड़कर और सभी पंत संप्रदाय का सम्मान करते हुए हिंदू मुसलमान सिख ईसाई जैन बौद्ध सब साथ में मिलकर इस तरह आगे बढ़ाते की सभी गुरु परंपराओं को खाली हिंदू गुरु परंपरा ही नहीं सिखों की जैन की बौद्धों की मुसलमानों की इकाइयों की सभी प्रकार की गुरु परंपरा का सम्मान करते हुए अपने पूर्वजों के सम्मान करते हुए सब मिलजुल कर एक मजबूत भारत का निर्माण करें और समाज और सरकार संत और सैनिक सभी क्षेत्र के लोग जब साथ मिलकर पुरुषार्थ करेंगे तो ही भारत विश्व गुरु बनेगा

बाइट-- बाबा रामदेव--योग गुरु


Conclusion:गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश-विदेश से आए बाबा रामदेव के अनुयायियों ने बाबा रामदेव का स्वागत किया साथ ही पूरे विधि-विधान से पतंजलि योगपीठ में छोटे बच्चों सहित युवा और बुजुर्ग सभी ने हवन कुंड में आहुति दी और देश के निर्माण के लिए संकल्प लिया कि आने वाले वक्त में भारत को विश्वगुरु बनाना है और इसके लिए अध्यात्म एक सच्चा मार्ग है
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