रुड़की: राजस्थान के जालोर में 9 साल के दलित छात्र की मौत के मामले (Jalore student death case) में बसपा कार्यकर्ताओं ने रुडकी में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया (BSP leaders protest) और एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा. बसपा कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन में आरोपी शिक्षक को फांसी की सजा देने की मांग की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मृतक छात्र की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा.
दरअसल, आरोप है कि जिस सरस्वती विद्या मंदिर उच्च प्राथमिक विद्यालय में छात्र इंद्र मेघवाल पढ़ता था, उसी स्कूल के शिक्षक ने मटके छूने की वजह से बुरी तरह पिटाई थी. इसके बाद छात्र की तबीयत बिगड़ गई थी और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत होगी. इसी घटना के विरोध में बसपा कार्यकर्ताओं ने रुड़की में जोरदार प्रदर्शन किया (protest against Rajasthan government).
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बीएसपी नेता आदित्य बृजवाल ने कहा कि इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वाले शिक्षक को फांसी से कम सजा न दी जाए. पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए, परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी, इंद्र मेघवाल के नाम पर एक शिक्षण संस्थान की स्थापना और जिस विद्यालय में यह घटना हुई उसकी मान्यता को रद्द किया जाए.
इस दौरान प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम ने कहा कि यह सरकारें पुराने समय को दोहराना चाहती हैं, जब दलित समाज के लोगों का उत्पीड़न किया जाता था और उनके साथ भेदभाव किया जाता था. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हुई इतनी बड़ी घटना के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौके पर नही पहुंचे. उन्होंने कहा कि बसपा अध्यक्ष के निर्देश पर शांतिपूर्ण ज्ञापन देने आए हैं, अगर उनका निर्देश होगा तो बड़े आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे.
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वहीं मंगलौर विधायक सरवत करीम अंसारी ने कहा कि देश आजादी के 75 वर्ष पूरे कर चुका है, लेकिन इस प्रकार का भेदभाव अब भी लोग कर रहे हैं, लेकिन इस प्रकार की घटना पर भाजपा और कांग्रेस के नेता खामोश हैं. उन्होंने कहा कि बसपा सर्वसमाज की लड़ाई लड़ने वाली पार्टी है और इस प्रकार की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.