देहरादून/लक्सर: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने पदोन्नति पर लगी रोक को भी हटा दिया है. सरकार द्वारा आरक्षण खत्म करने पर बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हो गए. देहरादून में बसपा के प्रदेश प्रभारी चरण दिनकर का कहना है कि राष्ट्रपति अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए. उत्तराखंड की सरकार धर्म के आधार पर लोगों में भेदभाव करती है क्योंकि भाजपा सरकार का फैसला एक पक्षीय है.
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वहीं, लक्सर में बीएसपी कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के जरिए राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. बसपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार जनरल-ओबीसी कर्मचारियों के दबाव में प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करने का फैसला लिया है वो संविधान विरूद्ध है. एससी-एसटी वर्ग के कर्मचारी अब सरकार के फैसले का विरोध करेंगे. बसपा कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को वापस लेने की गुहार लगाई है. बसपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एससी-एसटी समाज के हितों की रक्षा नहीं की गई तो पार्टी कार्यकर्ता उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.