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ईटीवी भारत की खबर के बाद 'अपनों' से मिलीं हंसी, भाई-बहन के बीच घंटों बातचीत

ईटीवी भारत की खबर के बाद हंसी प्रहरी के भाई आनंद ने उनसे हरिद्वार में मुलाकात की. इस दौरान बहन की हालत देख भाई आनंद की आंखें नम हो गईं. मुलाकात के दौरान भाई-बहन के बीच घंटों कुमाऊंनी भाषा में बातचीत हुई.

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भाई-बहन के बीच घंटों बातचीत
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Published : Oct 20, 2020, 10:34 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 8:31 AM IST

हरिद्वार: ईटीवी भारत पर हंसी प्रहरी की खबर पढ़ने के बाद उन्हें अपनों का साथ मिल गया है. हंसी प्रहरी के भाई आनंद अपनी बहन से मिलने देर शाम हरिद्वार पहुंचे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में हंसी के भाई आनंद ने कहा कि उन्होंने कई बार हंसी को साथ ले जाने की कोशिश की, लेकिन हंसी साथ चलने को तैयार नहीं हुईं. आनंद के मुताबिक उन्हें पता ही नहीं था कि उनकी बहन सड़कों पर इस तरह भीख मांगकर गुजर बसर कर रही है. इसके साथ ही आनंद ने रेखा आर्य और उत्तराखंड के डीजीपी को पत्र लिखकर हंसी की इस हालत के जिम्मेदार लोगों का पता लगाने और हंसी के साथ रह रहे बच्चे के पिता की पहचान करने की मांग की है.

ETV BHARAT से आनंद की खास बातचीत.

ईटीवी भारत से बातचीत में आनंद ने बताया कि हंसी की वजह से ही पूरा परिवार आगे बढ़ा और उन्हीं की वजह से वे नौकरी कर रहे हैं. आनंद ने कहा कि उन्हें यह देखकर काफी दुख हो रहा है कि जिस बहन ने उन्हें पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाया, आज वह हरिद्वार की सड़कों पर भीख मांग रही है.

ये भी पढ़ें: हंसी 'दीदी' से मिलने पहुंची मंत्री रेखा आर्य, महिला कल्याण विभाग में नौकरी का प्रस्ताव

आनंद ने हंसी को नोएडा ले जाने के लिए बार-बार कोशिश की. लेकिन हंसी ने साथ जाने से इनकार कर दिया. हंसी का कहना है कि आनंद छोटा भाई है, जब मैं अपने छोटे भाई को कुछ दे नहीं सकती तो उससे कुछ लेने का हक भी नहीं है.

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भाई बहन के बीच होती बातचीत.

हंसी के मुताबिक मैंने सारी उम्र अपने भाइयों और बहनों के लिए काम किया है. अब छोटे भाई-बहनों से कुछ भी लेना उचित नहीं लगता. आनंद ने हंसी से जुड़ी बातें बताते हुए कहा कि हंसी और उनके पिताजी का सपना था कि वह उनके गांव में शिक्षा के स्तर को बढ़ाएं. उस समय उन्हीं का परिवार पूरे गांव में सबसे पढ़ा-लिखा परिवार माना जाता था. हरिद्वार में अपनी बहन की हालत देखकर भाई आनंद की आंखें भी नम हो गईं.

हरिद्वार: ईटीवी भारत पर हंसी प्रहरी की खबर पढ़ने के बाद उन्हें अपनों का साथ मिल गया है. हंसी प्रहरी के भाई आनंद अपनी बहन से मिलने देर शाम हरिद्वार पहुंचे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में हंसी के भाई आनंद ने कहा कि उन्होंने कई बार हंसी को साथ ले जाने की कोशिश की, लेकिन हंसी साथ चलने को तैयार नहीं हुईं. आनंद के मुताबिक उन्हें पता ही नहीं था कि उनकी बहन सड़कों पर इस तरह भीख मांगकर गुजर बसर कर रही है. इसके साथ ही आनंद ने रेखा आर्य और उत्तराखंड के डीजीपी को पत्र लिखकर हंसी की इस हालत के जिम्मेदार लोगों का पता लगाने और हंसी के साथ रह रहे बच्चे के पिता की पहचान करने की मांग की है.

ETV BHARAT से आनंद की खास बातचीत.

ईटीवी भारत से बातचीत में आनंद ने बताया कि हंसी की वजह से ही पूरा परिवार आगे बढ़ा और उन्हीं की वजह से वे नौकरी कर रहे हैं. आनंद ने कहा कि उन्हें यह देखकर काफी दुख हो रहा है कि जिस बहन ने उन्हें पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाया, आज वह हरिद्वार की सड़कों पर भीख मांग रही है.

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आनंद ने हंसी को नोएडा ले जाने के लिए बार-बार कोशिश की. लेकिन हंसी ने साथ जाने से इनकार कर दिया. हंसी का कहना है कि आनंद छोटा भाई है, जब मैं अपने छोटे भाई को कुछ दे नहीं सकती तो उससे कुछ लेने का हक भी नहीं है.

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भाई बहन के बीच होती बातचीत.

हंसी के मुताबिक मैंने सारी उम्र अपने भाइयों और बहनों के लिए काम किया है. अब छोटे भाई-बहनों से कुछ भी लेना उचित नहीं लगता. आनंद ने हंसी से जुड़ी बातें बताते हुए कहा कि हंसी और उनके पिताजी का सपना था कि वह उनके गांव में शिक्षा के स्तर को बढ़ाएं. उस समय उन्हीं का परिवार पूरे गांव में सबसे पढ़ा-लिखा परिवार माना जाता था. हरिद्वार में अपनी बहन की हालत देखकर भाई आनंद की आंखें भी नम हो गईं.

Last Updated : Oct 21, 2020, 8:31 AM IST
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