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हरिद्वार शहर पर 'पहाड़' का खतरा, तलहटी में 'फंसी' जान

महादेव की नगरी हरिद्वार पर 'पहाड़ी आफत' मंडरा रहा है. हमारी इस स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए धर्मनगरी की कौन सी पहाड़ी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है.

Landslide in Haridwar
हरिद्वार शहर पर 'पहाड़' का खतरा
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Published : Jul 28, 2020, 6:25 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 8:01 PM IST

हरिद्वार: धार्मिक आस्थाओं में हरिद्वार का विशेष महत्व है. महादेव की नगरी हरिद्वार भी पहाड़ियों की वजह से खतरे की जद में है. शिवालिक पर्वत पर स्थित मां मनसा देवी के आसपास की पहाड़ियां लगातार दरक रही हैं. जिसकी वजह से पहाड़ियों के नीचे रहने वाले लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं. मनसा देवी की पहाड़ियों का आईआईटी रुड़की की एक टीम ने निरीक्षण भी किया और जांच रिपोर्ट में दरकने की वजह कमजोर पहाड़ी बताई.

हरिद्वार के भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि मनसा देवी मंदिर के आसपास की पहाड़ियां रेतीले पहाड़ होने की वजह लगातार नीचे झुक रहे हैं. इन पहाड़ों पर बिना ट्रीटमेंट के ही कार्य किए जा रहे हैं. मनसा देवी के पहाड़ों के नीचे करोड़ों की लागत से हरिद्वार से मोतीचूर तक सड़क मार्ग का निर्माण किया गया. लेकिन हर मॉनसून सीजन में मलबा आने की वजह से यह सड़क लगातार बंद होता रहता है.

इस सड़क के चलते लोगों को हरिद्वार में जाम की समस्या से भी निजात मिलती है. लेकिन बारिश में इस सड़क पर सफर तय करना खतरे से खाली नहीं है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मनसा देवी के पहाड़ के नीचे से गुजर रही ट्रेनों के कंपन से पहाड़ी कमजोर होती जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मनसा देवी की पहाड़ियों से मॉनसून के सीजन में बड़े-बड़े बोल्डर गिरते रहते हैं. जिसकी वजह से स्थानीय लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.

हरिद्वार शहर पर 'पहाड़' का खतरा.

ये भी पढ़ें: धूपम केक से हवा में मरेगा कोरोना वायरस! उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय का दावा

भूवैज्ञानिक बीडी जोशी का कहना है कि मनसा देवी के पहाड़ बहुत ही कच्चे पहाड़ हैं. यह चट्टान के ऊपर बने पर्वत नहीं है, बल्कि गंगा की पुरानी मिट्टी से बना हुआ पहाड़ है. ऐसे में इन पहाड़ों में भूमि का कटाव बढ़ रहा है. पहाड़ों से वृक्ष कटाव होने के कारण मनसा देवी के पहाड़ काफी कमजोर हो रहे हैं. अगर सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है तो आगे इसके गंभीर परिणाम हरिद्वार की जनता को भुगतना पड़ सकता है.

बीडी जोशी के मुताबिक बिना ट्रीटमेंट के सड़क का उपयोग और चौड़ीकरण का कार्य विनाशक हो सकता है. साथ ही रेलवे का ट्रैक भी डबल किया जा रहा है. इन कार्यों से पहाड़ी पर काफी दबाव पड़ेगा और पहाड़ी तेज बारिश के चलती गिर सकती है.

वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि मनसा देवी की पहाड़ियों को दरकने का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाया गया है. सीएम द्वारा बताया गया कि मनसा देवी के पहाड़ थोड़े कच्चे हैं और इन पहाड़ों का ट्रीटमेंट किया जाएगा. पहाड़ों के बराबर में दीवार खड़ी की जाएगी. साथ ही पक्के निर्माण से पहाड़ों को बचाया जाएगा.

मनसा देवी की पहाड़ियों को लेकर हरिद्वार डीएम सी. रविशंकर का कहना है कि मनसा देवी के पहाड़ों पर पहले भी रिसर्च की गई है. उसको देखते हुए इस मामले का संज्ञान लिया जाएगा. जो भी सुरक्षा के इंतजाम किए जाने हैं, उसे किया जाएगा. जिला प्रशासन आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. जहां पर भी भूस्खलन होने की संभावना है, हमारे द्वारा वहां साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. जिससे लोगों को भूस्खलन जोन होने की जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जा सके.

हरिद्वार: धार्मिक आस्थाओं में हरिद्वार का विशेष महत्व है. महादेव की नगरी हरिद्वार भी पहाड़ियों की वजह से खतरे की जद में है. शिवालिक पर्वत पर स्थित मां मनसा देवी के आसपास की पहाड़ियां लगातार दरक रही हैं. जिसकी वजह से पहाड़ियों के नीचे रहने वाले लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं. मनसा देवी की पहाड़ियों का आईआईटी रुड़की की एक टीम ने निरीक्षण भी किया और जांच रिपोर्ट में दरकने की वजह कमजोर पहाड़ी बताई.

हरिद्वार के भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि मनसा देवी मंदिर के आसपास की पहाड़ियां रेतीले पहाड़ होने की वजह लगातार नीचे झुक रहे हैं. इन पहाड़ों पर बिना ट्रीटमेंट के ही कार्य किए जा रहे हैं. मनसा देवी के पहाड़ों के नीचे करोड़ों की लागत से हरिद्वार से मोतीचूर तक सड़क मार्ग का निर्माण किया गया. लेकिन हर मॉनसून सीजन में मलबा आने की वजह से यह सड़क लगातार बंद होता रहता है.

इस सड़क के चलते लोगों को हरिद्वार में जाम की समस्या से भी निजात मिलती है. लेकिन बारिश में इस सड़क पर सफर तय करना खतरे से खाली नहीं है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मनसा देवी के पहाड़ के नीचे से गुजर रही ट्रेनों के कंपन से पहाड़ी कमजोर होती जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मनसा देवी की पहाड़ियों से मॉनसून के सीजन में बड़े-बड़े बोल्डर गिरते रहते हैं. जिसकी वजह से स्थानीय लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.

हरिद्वार शहर पर 'पहाड़' का खतरा.

ये भी पढ़ें: धूपम केक से हवा में मरेगा कोरोना वायरस! उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय का दावा

भूवैज्ञानिक बीडी जोशी का कहना है कि मनसा देवी के पहाड़ बहुत ही कच्चे पहाड़ हैं. यह चट्टान के ऊपर बने पर्वत नहीं है, बल्कि गंगा की पुरानी मिट्टी से बना हुआ पहाड़ है. ऐसे में इन पहाड़ों में भूमि का कटाव बढ़ रहा है. पहाड़ों से वृक्ष कटाव होने के कारण मनसा देवी के पहाड़ काफी कमजोर हो रहे हैं. अगर सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है तो आगे इसके गंभीर परिणाम हरिद्वार की जनता को भुगतना पड़ सकता है.

बीडी जोशी के मुताबिक बिना ट्रीटमेंट के सड़क का उपयोग और चौड़ीकरण का कार्य विनाशक हो सकता है. साथ ही रेलवे का ट्रैक भी डबल किया जा रहा है. इन कार्यों से पहाड़ी पर काफी दबाव पड़ेगा और पहाड़ी तेज बारिश के चलती गिर सकती है.

वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि मनसा देवी की पहाड़ियों को दरकने का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाया गया है. सीएम द्वारा बताया गया कि मनसा देवी के पहाड़ थोड़े कच्चे हैं और इन पहाड़ों का ट्रीटमेंट किया जाएगा. पहाड़ों के बराबर में दीवार खड़ी की जाएगी. साथ ही पक्के निर्माण से पहाड़ों को बचाया जाएगा.

मनसा देवी की पहाड़ियों को लेकर हरिद्वार डीएम सी. रविशंकर का कहना है कि मनसा देवी के पहाड़ों पर पहले भी रिसर्च की गई है. उसको देखते हुए इस मामले का संज्ञान लिया जाएगा. जो भी सुरक्षा के इंतजाम किए जाने हैं, उसे किया जाएगा. जिला प्रशासन आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. जहां पर भी भूस्खलन होने की संभावना है, हमारे द्वारा वहां साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. जिससे लोगों को भूस्खलन जोन होने की जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जा सके.

Last Updated : Jul 28, 2020, 8:01 PM IST
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