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स्वस्थ-सुरक्षित कुंभ के लिए अनोखी पहल, इस्तेमाल हुए खाद्य तेलों से बनेगा बायोडीजल

बायोडीजल पारंपरिक या 'जीवाश्म' डीजल के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन है. बायोडीजल सीधे वनस्पति तेल, पशुओं की वसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट तेल से उत्पादित किया जा सकता है.

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बायोडीजल का प्रशिक्षण कार्यक्रम.
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Published : Jan 29, 2021, 6:13 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसके लिए होटलों और मिठाइयों की दुकानों पर इस्तेमाल के बाद बचे हुए खाद्य तेल से बायोडीजल बनाने की योजना बनाई गई है. योजना की सफलता के लिए शुक्रवार को आर्य नगर के एक होटल में कुंभ मेला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा गोष्ठी व प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. गोष्ठी में कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत भी मौजूद थे.

प्रयोग किए गए खाद्य तेल से बायोडीजल बनेगा.

प्रशिक्षण कार्यक्रम में होटल और मिठाई वालों को खाद्य तेल से बायोडीजल बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि अध्यात्म और उत्सव के रंग स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य के संग हों. इस नारे को साकार करने की जिम्मेदारी हम सभी की है. खाद्य तेल से बायोडीजल बनाने की योजना अच्छी है. इस योजना से न सिर्फ अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा, बल्कि प्रयोग में लाए गए खाद्य तेल से व्यापारियों को पैसा भी मिलेगा. इस योजना को सिर्फ कुंभ मेले से ही जोड़ कर न देखें, बल्कि यह योजना पूरे देश के लिए लाभकारी है.

पढ़ें- कुंभ की SOP पर नरेंद्र गिरि का बयान, कहा- संत करेंगे गाइडलाइन का पालन

व्यापारियों को मिलेगा पैसा

प्रयोग किए हुए खाद्य तेल से बायोडीजल बनाने की प्रक्रिया के बारे में लीड ऑफिसर आशीष भार्गव ने विस्तार से बताया. उनका कहना है कि इसके लिए एक विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम बनाया गया है. 25 व्यापारियों पर एक प्रशिक्षित व्यापारी की नियुक्ति की जाएगी. इसके साथ ही एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा. जिसमें हरिद्वार के व्यापारियों को जोड़ा जाएगा. इस ग्रुप में व्यापारी प्रयोग के बाद बचे हुए तेल की जानकारी विभाग को देंगे. विभाग उस व्यापारी से 25 रुपए किलो के हिसाब से तेल खरीदेगा. यहां से तेल टैंकरों में भरकर सीधा हरियाणा के रेवाड़ी पहुंचाया जाएगा, जहां इसका बायोडीजल बनाया जाएगा.

क्या होता है बायोडीजल?

बायोडीजल पारंपरिक या 'जीवाश्म' डीजल के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन है. बायोडीजल सीधे वनस्पति तेल, पशुओं की वसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट तेल से उत्पादित किया जा सकता है. इन तेलों को बायोडीजल में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रिया को ट्रान्स-इस्टरीकरण कहा जाता है.

बता दें कि यूज्ड कुकिंग ऑयल का खाद्य पदार्थों को तलने में बार-बार उपयोग करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है. बार-बार उपयोग किए गए तेल के उपभोग का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसके लिए होटलों और मिठाइयों की दुकानों पर इस्तेमाल के बाद बचे हुए खाद्य तेल से बायोडीजल बनाने की योजना बनाई गई है. योजना की सफलता के लिए शुक्रवार को आर्य नगर के एक होटल में कुंभ मेला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा गोष्ठी व प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. गोष्ठी में कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत भी मौजूद थे.

प्रयोग किए गए खाद्य तेल से बायोडीजल बनेगा.

प्रशिक्षण कार्यक्रम में होटल और मिठाई वालों को खाद्य तेल से बायोडीजल बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि अध्यात्म और उत्सव के रंग स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य के संग हों. इस नारे को साकार करने की जिम्मेदारी हम सभी की है. खाद्य तेल से बायोडीजल बनाने की योजना अच्छी है. इस योजना से न सिर्फ अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा, बल्कि प्रयोग में लाए गए खाद्य तेल से व्यापारियों को पैसा भी मिलेगा. इस योजना को सिर्फ कुंभ मेले से ही जोड़ कर न देखें, बल्कि यह योजना पूरे देश के लिए लाभकारी है.

पढ़ें- कुंभ की SOP पर नरेंद्र गिरि का बयान, कहा- संत करेंगे गाइडलाइन का पालन

व्यापारियों को मिलेगा पैसा

प्रयोग किए हुए खाद्य तेल से बायोडीजल बनाने की प्रक्रिया के बारे में लीड ऑफिसर आशीष भार्गव ने विस्तार से बताया. उनका कहना है कि इसके लिए एक विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम बनाया गया है. 25 व्यापारियों पर एक प्रशिक्षित व्यापारी की नियुक्ति की जाएगी. इसके साथ ही एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा. जिसमें हरिद्वार के व्यापारियों को जोड़ा जाएगा. इस ग्रुप में व्यापारी प्रयोग के बाद बचे हुए तेल की जानकारी विभाग को देंगे. विभाग उस व्यापारी से 25 रुपए किलो के हिसाब से तेल खरीदेगा. यहां से तेल टैंकरों में भरकर सीधा हरियाणा के रेवाड़ी पहुंचाया जाएगा, जहां इसका बायोडीजल बनाया जाएगा.

क्या होता है बायोडीजल?

बायोडीजल पारंपरिक या 'जीवाश्म' डीजल के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन है. बायोडीजल सीधे वनस्पति तेल, पशुओं की वसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट तेल से उत्पादित किया जा सकता है. इन तेलों को बायोडीजल में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रिया को ट्रान्स-इस्टरीकरण कहा जाता है.

बता दें कि यूज्ड कुकिंग ऑयल का खाद्य पदार्थों को तलने में बार-बार उपयोग करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है. बार-बार उपयोग किए गए तेल के उपभोग का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है.

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