देहरादून: उत्तर प्रदेश में जिस तरह से काशी का कायाकल्प हुआ और दूसरे धार्मिक स्थलों पर काम जारी है. उसी तरह से अब बीजेपी का फोकस हरिद्वार धर्मनगरी पर भी दिखाई देने लगा है. अगर सब कुछ समय पर और प्लान के अनुसार हुआ तो आने वाले समय में धर्मनगरी बेहद बदली बदली नजर आएगी. हरिद्वार के लिए कई ऐसे प्रोजेक्ट पाइप लाइन में हैं, जिनके पूरे होते ही हरिद्वार का पूरा भूगोल बदल जाएगा. आखिरकार कौन-कौन से हो प्रोजेक्ट चलिए हम आपको बता रहे हैं.
हरिद्वार में साल के हर महीने लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ आती है. आए दिन लगने वाले मेले-ठेले और गंगा स्नान के पर्व से पूरा हरिद्वार और ऋषिकेश भरा रहता है. साल में दो बार होने वाली कावड़ यात्रा में भी शिव भक्तों की संख्या और गाड़ियों की लंबी लंबी कतारें हरिद्वार में कहीं भी देखी जा सकती हैं. लगातार हरिद्वार के ऊपर बढ़ रहे दबाव को देखते हुए ना केवल नेशनल हाईवे को सुधारा जा रहा है, बल्कि कई दूसरी परियोजनाओं को भी पाइपलाइन में लाया जा रहा है.
पॉड कार प्रोजेक्ट पर काम शुरू: हरिद्वार के दर्शन कराने के लिए पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) यानी पॉड कार का काम जल्द शुरू होने जा रहा है. उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) ने इसके लिए टेंडर निकाल दिया है. करीब 1200 करोड़ के खर्च से बनने वाली इस परियोजना के तहत पूरे हरिद्वार के दर्शन करने का मौका मिलेगा. यूकेएमआरसी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, यह परियोजना वर्ष 2024 तक पूरी होनी है. इसका रूट भी तय कर दिया गया है.
उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कहते हैं कि हरिद्वार को लेकर केंद्र और राज्य सरकार बेहद गंभीर है, क्योंकि हरिद्वार उत्तराखंड का द्वार है. यहां आने वाला श्रद्धालु एक अच्छा संदेश लेकर जाए. यहां की व्यवस्थाएं अच्छी हो, इसके लिए हमने हरिद्वार में मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को पॉड कार चलाने का काम दिया है. अभी इसका सर्वे किया जा रहा है. इस पॉड कार के माध्यम से जाम में फंसे बिना श्रद्धालु हरिद्वार के प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे.
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पीआरटी के होंगे 21 स्टेशन: पॉड कार के लिए हरिद्वार में 21 स्टेशन बनाए जाएंगे. निर्धारित दूरी के बाद स्टेशन का प्रावधान किया गया है. प्रस्तावित रूट के हिसाब से देखें तो पहला स्टेशन सीतापुर में होगा. इसके बाद ज्वालापुर, आर्यनगर, रामनगर, सिटी हॉस्पिटल, ऋषिकुल, हरिद्वार रेलवे स्टेशन, ललिताराव ब्रिज, बाल्मिकी चौक, मनसादेवी रोपवे गेट, हर की पौड़ी, खड़खड़ी, मोतीचूर, शांतिकुंज, भारत माता मंदिर पर स्टेशन होगा. दूसरी ओर, कनखल चौक, कनखल, गणेशपुरम, दक्ष मंदिर, जगजीतपुर और डीएवी स्कूल पर भी स्टेशन बनाए जाएंगे.
एक साल के भीतर तैयार करना होगा डेढ़ किलोमीटर: उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन ने यह भी तय किया है कि जिस कंपनी को भी यह काम दिया जाएगा, उसे हर हाल में एक साल के भीतर कम से कम डेढ़ किलोमीटर का ट्रैक तैयार करना होगा. इसके बाद साल 2024 तक यह परियोजना पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च तक टेंडर निकलने के बाद इसका काम शुरू हो जाएगा.
रोड कनेक्टिविटी होगी बेहतर: सबसे पहले हम बात कर लेते हैं हरिद्वार के रोड कनेक्टिविटी की. हरिद्वार में संपन्न हुए 2021 में कुंभ मेले के दौरान केंद्र सरकार ने हरिद्वार को हाईवे बना कर दिया लेकिन उसके बाद भी जाम और भीड़ की तादाद की वजह से यह हाईवे भी कम पढ़ने लगा. तो वहीं, अब हरिद्वार में बन रहे उत्तराखंड के सबसे बड़े पुल का निर्माण भी 80% पूरा हो गया है. यह पुल हरिद्वार को बिजनौर मार्ग से जुड़ेगा.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी लगातार प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इस पुल के बनने से बताया जा रहा है कि हरिद्वार से नजीबाबाद की दूरी ना केवल कम होगी बल्कि समय भी अब 40 मिनट का लगेगा. हाल फिलहाल में एक पुल होने की वजह से आए दिन हरिद्वार के चंडी घाट और नजीबाबाद रोड पर भारी जाम लगता है. ऐसे में बताया जा रहा है कि 2023 के अप्रैल महीने तक इस पुल को पूरा कर लिया जाएगा. इस पुल की दूरी 1.25 किलोमीटर की है. इस पुल के बनने से ना केवल नजीबाबाद बल्कि हरिद्वार मुरादाबाद हरिद्वार लखनऊ और हरिद्वार नैनीताल का सफर भी काफी हद तक आसान हो जाएगा.
देगा राहत ये फ्लाईओवर: ऐसा ही एक प्रोजेक्ट और हरिद्वार के लिए शुरू हो गया है, जिसका 30% काम पूरा हो गया है. यह मार्ग होगा रुड़की से हरिद्वार को बाईपास करते हुए जगजीतपुर और नजीबाबाद मार्ग को यह रिंग रोड जुड़गा. 110 किलोमीटर का रिंग रोड हरिद्वार के उस ट्रैफिक को कम करेगा, जो ट्रैफिक रुड़की से नजीबाबाद या फिर रुड़की से बिना हरिद्वार शहर के अंदर आए ही ऋषिकेश और देहरादून की तरफ जा सकता है. इस प्रोजेक्ट का अनुमानित बजट दो हजार करोड़ रुपए है.
अब उम्मीद यही जताई जा रही है कि इस प्रोजेक्ट के पूरे होने के बाद हरिद्वार में आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ में और हरिद्वार के दबाव पर काफी कमी आएगी. इसके साथ ही इसके दूसरे चरण में हरिद्वार दिल्ली और ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई फ्लाईओवर का काम शुरू हो गया है. NH-74 से काली मंदिर नहर के ऊपर से होते हुए यह पुल सीधे रायवाला मोतीचूर फ्लाईओवर पर कनेक्ट किए जाएंगे, जबकि तीसरे चरण में भेल से दूधाधारी चौक तक एक फ्लाईओवर का निर्माण भी प्रस्तावित है. बताया जा रहा है कि इसमें एक सुरंग का भी कार्य किया जाएगा.
रोपवे से बदलेगा हरिद्वार का स्वरुप: हरिद्वार में आए दिन लगने वाले मेलों में हर किसी की इच्छा यही रहती है कि वह मनसा देवी और चंडी देवी के दर्शन भी कर सके. ऐसे में रोपवे से जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है और इससे शहर के बीचो-बीच जाम लगा रहता है. राज्य सरकार ने अब केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव हरिद्वार में दोनों मंदिरों में बड़े रूप में लगवाने का भी भेजा है, जिसका काम 2023 में शुरू हो जाएगा. दोनों मंदिरों में जाने वाली रोपवे हरिद्वार के हर की पौड़ी के समीप रोड़ी बेलवाला से संचालित होगी. इस प्रोजेक्ट के पूरे होने के बाद दोनों धामों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को ना केवल मंदिर के दर्शन होंगे बल्कि पूरे हरिद्वार को भी वह रोपवे के माध्यम से देख सकेंगे.
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हरिद्वार में बनने जा रहा है हर की पैड़ी कॉरिडोर: हरिद्वार का प्रमुख आकर्षण का केंद्र हर की पैड़ी को भी अब एचडीएनए सवारने सजाने का काम शुरू हो सके, इसके लिए बैठक लेनी शुरू कर दी है. बुधवार को एचआरडीए अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि हर की पैड़ी कॉरिडोर को बेहद सुंदर तरीके से विकसित किया जाएगा, जिसके लिए एचआरडीए ने डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं. इस कॉरिडोर के माध्यम से हरिद्वार के उन सड़कों की हर की पौड़ी के आसपास की जगह को बेहद सुंदर और आकर्षक से भरा हुआ बनाया जाएगा, जिससे सड़क के माध्यम से श्रद्धालु हर की पौड़ी तक पहुंचते हैं.
जिला प्रशासन की योजना है कि अगर डीपीआर और राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द शुरु करती है, तो हरिद्वार शहर के अंदर से गुजरने वाली सड़क और हर की पौड़ी के आसपास का नजारा बेहद सुंदर दिखाई देगा, जिसमें यात्रियों की सुविधा को देखते हुए हर वह सुविधा होगी, जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं को चाहिए. इस प्रोजेक्ट के तहत ना केवल हर की पैड़ी के आसपास बल्कि हरिद्वार शहर से लेकर ज्वालापुर तक की सड़कों को भी बेहद खूबसूरत बनाया जाएगा.
एचआरडीए सचिव उत्तम सिंह चौहान का कहना है की अभी हमारी ये सभी योजनाएं बन रही हैं. प्रस्ताव आएं है और जल्द ही इन पर काम शुरु हो जायेगा. हम हरिद्वार को सुन्दर और बेहतर देना चाहते हैं. यही हमारा मकसद है और हरिद्वार के लोग और यहाँ आने वाले लोग भी देखेंगे कि आने वाले साल यानी 23 तक यहां बहुत कुछ बदला बदला नजर आएगा.
ये है हरिद्वार की सबसे बड़ी समस्या: हरिद्वार की हरकी पैड़ी की व्यवस्था संभाल रही गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ट कहते है कि हरिद्वार में हरकी पैड़ी कॉरिडोर बने और हरिद्वार सुन्दर बने, सभी काम हों, ये हर कोई चाहता है. ये अच्छा भी है लेकिन हमे इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि अभी हरिद्वार को सबसे पहले किस व्यवस्था की आवश्यकता है. हरिद्वार में आएं दिन आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में यहां एक पर्किंग की बहुत आवश्यकता हैं. लोगों की गाड़ियों को जहां-तहां पार्क करवाया जाता है, जिससे ट्रैफिक की समस्या हर बार देखने के लिए मिलती है.
इसके बाद सबसे बड़ी समस्या है धर्मिक स्थलों पर भिक्षुओं की. हरकी पैड़ी पर ही इनको रोकने वाला कोई नहीं है ये कहां से आएं हैं, कौन हैं, कितने लोग हैं, किसी के पास इनकी जानकारी नहीं है. हर की पैड़ी पर यात्रियों के साथ किस तरह का ये लोग बर्ताव करते हैं. ये सब को मालूम हैं. ऐसे में सभी मंदिरों के आसपास से सबसे पहले ये हटने चाहिए. इसके साथ ही हरिद्वार में कोई भी अधिकृत वेंडिंग जोन नहीं है, जिस वजह से हर की पैड़ी तक ठेली और जहां तहां लोग दुकानें लगा कर सड़कों पर बैठे हैं. इससे ना केवल लोगो को चलने में बल्कि दूसरी व्यवस्थाओं को पलीता लग रहा है.