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भेल हरिद्वार के संविदा कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, कोर सिक्योरिटी सर्विसेस का किया विरोध

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के संविदा कर्मचारियों ने शनिवार को चार घंटे का कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध जताया. संविदा कर्मचारियों का गुस्सा भेल प्रबंधन के खिलाफ है. संविदा कर्मचारियों को अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है.

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Published : Apr 23, 2022, 1:14 PM IST

देहरादून: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के संविदा कर्मचारियों को अपनी नौकरी खतरे में पड़ती हुई दिख रही है. इसी को लेकर भेल (Bharat Heavy Electricals Limited) के संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी (BHEL contractual employees strike) है. अब भेल में संविदा कर्मचारियों को नई कंपनी "कोर सिक्योरिटी सर्विसेस" के जरिए रखा जाएगा, जिसका संविदा कर्मचारी विरोध कर रहे है. उन्होंने भेल प्रबंधन के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. भेल के मुख्य चिकित्सालय के बाहर ठेकेदार और संविदा कर्मचारियों ने करीब 4 घंटे तक कार्य बहिष्कार रखा.

भेल में अभीतक संविदा कर्मचारी ठेका प्रथा के जरिए रखे जा रहे थे. अब भेल प्रबंधन आउटसोर्स एजेंसी कोर सिक्योरिटी सर्विसेस को ये अधिकार देने जा रहा है. भेल प्रबंधन के इस निर्णय के बाद भेल में सभी संविदा कर्मचारी आउटसोर्स एजेंसी कोर सिक्योरिटी सर्विसेस के जरिए ही रखे जाएंगे. ऐसे में भेल में कई सालों से काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को अपनी नौकरी पर खतरा मंडराता हुआ दिख रहा है. इसीलिए उन्होंने कोर सिक्योरिटी सर्विसेस और भेल प्रबंधन के खिलाफ कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया है.
पढ़ें- हल्द्वानी ट्रेंचिंग ग्राउंड की आग को 6 दिन बाद भी नहीं बुझा पाया नगर निगम, अब इंद्रदेव का सहारा

इस दौरान कर्मचारी नेता लोकेश का कहना था कि वे लगभग 20 सालों से भेल में संविदा कर कार्य कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो नई कंपनी आई है, वो कर्मचारियों से कई तरह के कागजों पर साइन करा रही है, जो सरासर गलत है. भेल प्रबंधन के बात करने के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला तो उन्होंने मजबूरी में कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध जताया.

लोकेश का साफ तौर पर कहना है कि इसके बाद भी यदि समस्या का कोई हल नहीं निकला तो संविदा कर्मचारियों की सलाह पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी. भेल चिकित्सालय में कार्यरत महिला कर्मचारी का कहना है कि उन लोगों ने कोरोना काल में अपने परिवार को छोड़ लोगों की सेवा की थी. अब तरह-तरह के कागजों पर साइन करने के लिए उन लोगों को बाध्य किया जा रहा है. वहीं, अपनी नौकरी जाते देख भेल कर्मचारियों ने हॉस्पिटल में कूड़े से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियां ला कर खड़ी कर दी हैं.

देहरादून: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के संविदा कर्मचारियों को अपनी नौकरी खतरे में पड़ती हुई दिख रही है. इसी को लेकर भेल (Bharat Heavy Electricals Limited) के संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी (BHEL contractual employees strike) है. अब भेल में संविदा कर्मचारियों को नई कंपनी "कोर सिक्योरिटी सर्विसेस" के जरिए रखा जाएगा, जिसका संविदा कर्मचारी विरोध कर रहे है. उन्होंने भेल प्रबंधन के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. भेल के मुख्य चिकित्सालय के बाहर ठेकेदार और संविदा कर्मचारियों ने करीब 4 घंटे तक कार्य बहिष्कार रखा.

भेल में अभीतक संविदा कर्मचारी ठेका प्रथा के जरिए रखे जा रहे थे. अब भेल प्रबंधन आउटसोर्स एजेंसी कोर सिक्योरिटी सर्विसेस को ये अधिकार देने जा रहा है. भेल प्रबंधन के इस निर्णय के बाद भेल में सभी संविदा कर्मचारी आउटसोर्स एजेंसी कोर सिक्योरिटी सर्विसेस के जरिए ही रखे जाएंगे. ऐसे में भेल में कई सालों से काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को अपनी नौकरी पर खतरा मंडराता हुआ दिख रहा है. इसीलिए उन्होंने कोर सिक्योरिटी सर्विसेस और भेल प्रबंधन के खिलाफ कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया है.
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इस दौरान कर्मचारी नेता लोकेश का कहना था कि वे लगभग 20 सालों से भेल में संविदा कर कार्य कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो नई कंपनी आई है, वो कर्मचारियों से कई तरह के कागजों पर साइन करा रही है, जो सरासर गलत है. भेल प्रबंधन के बात करने के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला तो उन्होंने मजबूरी में कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध जताया.

लोकेश का साफ तौर पर कहना है कि इसके बाद भी यदि समस्या का कोई हल नहीं निकला तो संविदा कर्मचारियों की सलाह पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी. भेल चिकित्सालय में कार्यरत महिला कर्मचारी का कहना है कि उन लोगों ने कोरोना काल में अपने परिवार को छोड़ लोगों की सेवा की थी. अब तरह-तरह के कागजों पर साइन करने के लिए उन लोगों को बाध्य किया जा रहा है. वहीं, अपनी नौकरी जाते देख भेल कर्मचारियों ने हॉस्पिटल में कूड़े से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियां ला कर खड़ी कर दी हैं.

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