हरिद्वार: उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. 15 दिन बीत जाने के बाद भी मजदूरों को कब बाहर निकाला जाएगा, इसको लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हालांकि टनल पर प्लान भी लागू कर दिया गया है. जिसके तहत वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. इसी बीच हरिद्वार के पर्यावरणविद प्रोफेसर बीडी जोशी ने एक प्लान तैयार किया है.
सुरंग में खोदा जाए गड्ढा: पर्यावरणविद प्रोफेसर बीडी जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया गया कि सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में जो समस्याएं आ रही हैं, उनको देखते हुए उन्होंने एक प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत जो कार्य जैसे चल रहे हैं, वह वैसे ही चलते रहेंगे, लेकिन जहां से सुरंग में मलबा की शुरुआत होती है, वहां पर एक गड्ढा करके देखना चाहिए और उस गड्ढे की माप सुरंग में जितना मलबा है, लगभग उसके बराबर होना चाहिए.
प्लान से टनल के ऊपर की स्थिति का चलेगा पता: उससे मलबा गड्ढे में गिरना शुरू हो जाएगा और वह एरिया जो उस मलबे के कारण बंद हुआ है, उसे खोला जा सकेगा. इतना ही नहीं इससे यह भी पता लग जाएगा कि टनल के ऊपर की स्थिति क्या है और वहां से किस तरह की मिट्टी आ रही है. इससे आने वाले समय में कार्य करने में और आसानी मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि टेक्नीशियन जो काम कर रहे हैं, वह उसे करते रहे, लेकिन उसी के साथ-साथ इस प्लान पर भी अगर वर्क किया जाएगा, तो मजदूरों तक पहुंचाना और भी आसान हो जाएगा.
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बुलडोजर से खोदा जाए गड्ढा: पर्यावरणविद बीडी जोशी ने कहा कि जहां तक बुलडोजर पहुंच सकता है, वहां तक बुलडोजर को पहुंचाया जाए और उसके नीचे की और गड्ढा खुदा जाए. जिससे मलबा उस गड्ढे में आना शुरू हो जाएगा और धीरे-धीरे ऊपर की सतह खाली होती जाएगी. उन्होंने कहा कि वहीं, अगर ऊपर की सतह खाली नहीं होती है, तो इसका मतलब पहाड़ से मिट्टी आ रही है जो कि आने वाले समय में और परेशानी का कारण बन सकती है. ऐसे में इस कार्य को करना भी अति आवश्यक है.
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