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आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बदली इस गांव की तस्वीर, आदिम युग में जीने को मजबूर ग्रामीण - हजारा टोंगिया गांव

हरिद्वार जिले के ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड बहादराबाद में हजारा टोंगिया गांव और हरिपुर टोंगिया गांव स्थित है. जहां पर आजादी के बाद भी गांव की तस्वीर नहीं बदली है. अभी भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.

hazara tongia village
हजारा टोंगिया गांव
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Published : Jan 10, 2020, 3:12 PM IST

लक्सरः आजादी के सात दशक और राज्य गठन के 19 साल बीत जाने के बाद भी कई गांवों में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई है. इसकी बानगी बहादराबाद के हजारा टोंगिया गांव में देखने को मिली. जहां आज भी लोग आदिम युग में जीने को मजबूर हैं. मूलभूत सुविधाओं के अभाव का आलम ये है कि गांव में सड़क, स्वास्थ्य, बिजली, स्कूल और शौचालय की समुचित व्यवस्था तक नहीं है. वहीं विकास की आस में लोगों की आंखें पथरा गई हैं. लेकिन हालात जस के तस हैं.

मूलभूत सुविधा से वंचित गांव.

दरअसल, हरिद्वार जिले के ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड बहादराबाद में हजारा टोंगिया गांव और हरिपुर टोंगिया गांव स्थित है. जहां पर आजादी के बाद भी गांव की तस्वीर नहीं बदली है. अभी भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. डबल इंजन की सरकार भी इस गांव तक नहीं पहुंच पाई है. सरकार खुले में शौचालय मुक्त का दावा करती है, लेकिन गांव में एक भी शौचालय न होना सरकार को आईना दिखा रहा है. साथ ही बिजली, सड़क, स्वास्थ्य सुविधा से भी ग्रामीण महरुम हैं.

laksar news
विकास के लिए तरसते ग्रामीण.

ये भी पढ़ेंः डोइवालाः हाथियों के झुंड ने रौंदी फसल, किसानों ने की मुआवजे की मांग

ग्रामीणों के मुताबिक, करीब 90 साल पहले राजाजी नेशनल पार्क के जंगल में पौधारोपण किया गया था. उस दौरान कई लोगों को पार्क के अधिकारियों ने जमीन देकर आसरा दिया था. उस समय रोजी- रोटी के लिए ये लोग पौधारोपण करते रहे. पौधे तो बढ़कर बड़े पेड़ों में बदल गए, लेकिन आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी इस गांव में रह रहे लोगों का भाग्य नहीं बदला.

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ग्रामीणों की आजीविका का साधन.

ग्रामीणों का कहना है कि सबका साथ सबका विकास की बात करने वाली सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. आजादी के बाद भी बदत्तर जिंदगी जीने को मजबूर हैं. कई लोगों को पंचायत चुनाव में मतदान करने तक का अधिकार प्राप्त नहीं हुआ है. ग्रामीणों का पक्का मकान भी नहीं बना है. ग्रामीण रस्सियां (बाण) बनाकर और मजदूरी कर गुजर बसर कर रहे हैं.

लक्सरः आजादी के सात दशक और राज्य गठन के 19 साल बीत जाने के बाद भी कई गांवों में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई है. इसकी बानगी बहादराबाद के हजारा टोंगिया गांव में देखने को मिली. जहां आज भी लोग आदिम युग में जीने को मजबूर हैं. मूलभूत सुविधाओं के अभाव का आलम ये है कि गांव में सड़क, स्वास्थ्य, बिजली, स्कूल और शौचालय की समुचित व्यवस्था तक नहीं है. वहीं विकास की आस में लोगों की आंखें पथरा गई हैं. लेकिन हालात जस के तस हैं.

मूलभूत सुविधा से वंचित गांव.

दरअसल, हरिद्वार जिले के ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड बहादराबाद में हजारा टोंगिया गांव और हरिपुर टोंगिया गांव स्थित है. जहां पर आजादी के बाद भी गांव की तस्वीर नहीं बदली है. अभी भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. डबल इंजन की सरकार भी इस गांव तक नहीं पहुंच पाई है. सरकार खुले में शौचालय मुक्त का दावा करती है, लेकिन गांव में एक भी शौचालय न होना सरकार को आईना दिखा रहा है. साथ ही बिजली, सड़क, स्वास्थ्य सुविधा से भी ग्रामीण महरुम हैं.

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विकास के लिए तरसते ग्रामीण.

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ग्रामीणों के मुताबिक, करीब 90 साल पहले राजाजी नेशनल पार्क के जंगल में पौधारोपण किया गया था. उस दौरान कई लोगों को पार्क के अधिकारियों ने जमीन देकर आसरा दिया था. उस समय रोजी- रोटी के लिए ये लोग पौधारोपण करते रहे. पौधे तो बढ़कर बड़े पेड़ों में बदल गए, लेकिन आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी इस गांव में रह रहे लोगों का भाग्य नहीं बदला.

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ग्रामीणों की आजीविका का साधन.

ग्रामीणों का कहना है कि सबका साथ सबका विकास की बात करने वाली सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. आजादी के बाद भी बदत्तर जिंदगी जीने को मजबूर हैं. कई लोगों को पंचायत चुनाव में मतदान करने तक का अधिकार प्राप्त नहीं हुआ है. ग्रामीणों का पक्का मकान भी नहीं बना है. ग्रामीण रस्सियां (बाण) बनाकर और मजदूरी कर गुजर बसर कर रहे हैं.

Intro:लोकेशन लक्सर उत्तराखंड

संवाददाता कृष्णकांत शर्मा लक्सर
स्लग - आजादी के बाद भी नही मिल पाई आजादी /एक गांव ऐसा भी
एंकर -लक्सर-- एक तरफ जहां केंद्र सरकार द्वारा एनआरसी और सी ए ए के माध्यम से पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक लोगों को भारत की नागरिकता देने की योजना बना रही है वहीं ब्रिटिश काल से अब तक हजारा टोंगिया व हरिपुर टोंगिया गांव के हजारो परिवार के लोगों को पूर्ण रूप से नागरिकता नहीं मिल पाई है । न्याय पंचायत के चुनाव में अभी तक वोट डालने का अधिकार तक प्राप्त नहीं हो पाया है ।
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जी हां विकास से कोसों दूर ये गांव देवभूमि उत्तराखंड हरिद्वार जिले के ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के विकास खण्ड बहादराबाद हजारा टोंगिया है । यहां पर आज़ादी के बाद से अब तक कुछ नहीं बदला । जैसे ब्रिटिश काल में लोगों को असुविधाओं से दो चार होना पड़ता था वैसे ही आज भी इन लोगों को अपनी ज़िन्दगी गुजारनी पड़ी रही है। उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद इन लोगों को कोई मूलभूत सुविधा नहीं मिल पा रही है। गांव में अब तक ना तो सड़क , ना बिजली , ना शिक्षा और ना ही शौचालय है।
दरअसल ग्रामवासियों के मुताबिक अब से 90 वर्ष पहले राजाजी नेशनल पार्क में बीच जंगल में जब पौधारोपण हुआ था तब अनेक परिवार के लोगों को पार्क के अधिकारियों ने जमीन देकर उनको रख लिया । उस वक्त रोज़ी रोटी के लिए ये लोग जी जान से पौधारोपण करते रहे । पौधे तो बड़े होकर बड़े पेड़ों में बदल गए लेकिन आजादी के 70 वर्ष गुजरने के बाद भी इस गांव में रह रहे लोगों का भाग्य नहीं बदला । सबका साथ सबका विकास की बात करने वाली सरकार का भी इनको कोई लाभ नहीं मिला। केंद्र सरकार द्वारा वैसे तो देश में हर घर में शौचालय देने का दावा कर रही है लेकिन अभी इस गांव में एक भी शौचालय नहीं बन पाया । बने भी कैसे इन लोगों को तो आज तक पंचायत चुनाव में मतदान करने तक का अधिकार प्राप्त नहीं हुआ है। अपना या अपने बच्चों का पेट भरने के लिए ये लोग या तो बाण बनाते है या मजदूरी करने गांव से बाहर जाते है तब कहीं जाकर इनका पेट भरता है। Conclusion: ग्राम वासियों का कहना है कि आज़ादी मिलने के बाद भी हम गुलामी भरी ज़िन्दगी जी रहे है । ना तो गांव में पक्का मकान बना सकते है ना शौचालय , ना रास्ते है ना बिजली और ना ही कोई शिक्षा स्वास्थ्य की कोई सुविधा है।
बाइट 12345678 ग्रामवासी
बाइट बीट अधिकारी धोलपुर रेंज
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