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रुड़की: पढ़ाने की बजाय स्कूल में बच्चों से लगवाई जा रही झाड़ू - सरकारी स्कूल

सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिये शासन लगातार प्रयासरत है. सरकार और विभाग स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए नई-नई योजनाएं बनाते हैं. लेकिन ये सारी नीतियां महज फाइलों तक ही सिमट कर रह जाती हैं. इसकी बानगी मंगलौर के राप्रवि लिब्बरहेड़ी में देखी जा सकती है.

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रुड़की स्कूल की तस्वीर
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Published : Dec 1, 2019, 8:03 PM IST

Updated : Dec 2, 2019, 12:08 AM IST

रुड़की: सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारने के लिये शासन लगातार प्रयासरत है. ऐसे सरकार और विभाग स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए नई-नई नीतियां बनाता है. लेकिन ये सारी नीतियां महज फाइलों तक ही सिमट कर रह जाती है. इसकी बानगी मंगलौर के राप्रवि लिब्बरहेड़ी में देखी जा सकती है.

रुड़की स्कूल की तस्वीर

बता दें कि रुड़की क्षेत्र में मंगलौर के लिब्बरहेड़ी गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रथम में पढ़ने वाले बच्चों को सुविधाएं देना तो दूर उनसे शिक्षकों द्वारा झाड़ू लगवाई जाती है. यहां पढ़ने वाले बच्चे पहले स्कूल परिसर और कक्षाओं की सफाई करते हैं. जिसके बाद ही उन्हें पढ़ना नसीब होता है. ऐसे में स्कूल प्रशासन के ऊपर सवाल उठना लाजिमी है.

पढ़ें: गढ़वाल केंद्रीय विवि दीक्षांत समारोह: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दी गई मानद उपाधि

वहीं, इस मामले प्रधानाध्यापक वंदना ने बड़ा ही गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है, उनका कहना है कि अगर प्रशासन उन्हें झाड़ू लगाने को कहेगा तो वो भी झाड़ू लगाएंगे. उधर इस मामले में को लेकर एएसडीएम रुड़की रविंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि ये मामला उनके संज्ञान में नहीं है, अगर विद्यालय में ऐसा हो रहा है तो इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

रुड़की: सरकारी स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारने के लिये शासन लगातार प्रयासरत है. ऐसे सरकार और विभाग स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए नई-नई नीतियां बनाता है. लेकिन ये सारी नीतियां महज फाइलों तक ही सिमट कर रह जाती है. इसकी बानगी मंगलौर के राप्रवि लिब्बरहेड़ी में देखी जा सकती है.

रुड़की स्कूल की तस्वीर

बता दें कि रुड़की क्षेत्र में मंगलौर के लिब्बरहेड़ी गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रथम में पढ़ने वाले बच्चों को सुविधाएं देना तो दूर उनसे शिक्षकों द्वारा झाड़ू लगवाई जाती है. यहां पढ़ने वाले बच्चे पहले स्कूल परिसर और कक्षाओं की सफाई करते हैं. जिसके बाद ही उन्हें पढ़ना नसीब होता है. ऐसे में स्कूल प्रशासन के ऊपर सवाल उठना लाजिमी है.

पढ़ें: गढ़वाल केंद्रीय विवि दीक्षांत समारोह: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को दी गई मानद उपाधि

वहीं, इस मामले प्रधानाध्यापक वंदना ने बड़ा ही गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है, उनका कहना है कि अगर प्रशासन उन्हें झाड़ू लगाने को कहेगा तो वो भी झाड़ू लगाएंगे. उधर इस मामले में को लेकर एएसडीएम रुड़की रविंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि ये मामला उनके संज्ञान में नहीं है, अगर विद्यालय में ऐसा हो रहा है तो इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

Intro:रुड़की

रूड़की:सरकारी स्कूलों में बच्चों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिये उन्हें सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तरह सुविधाएं मुहैया कराने में शासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शासन व शिक्षा विभाग अपने स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलने का दम भर रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई ठीक इसके विपरीत है। ग्रामीण अंचलों के सरकारी स्कूल विभाग और शासन के दावों सर्व शिक्षा अभियान, शिक्षा के अधिकार और पढ़ेगा इंडिया- तो बढ़ेगा इंडिया की पोल खोलते दिखाई दे रहे हैं।

Body:बता दें कि रूड़की क्षेत्र में मंगलौर के लिब्बरहेड़ी गाँव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रथम मे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सुविधाएं देना तो दूर जिम्मेदारों द्वारा उनसे झाड़ू लगवाई जाती है। यहां पढ़ने वाले बच्चे पहले स्कूल परिसर और कक्षाओं की सफाई करते हैं इसके बाद उन्हें पढ़ने का मौका मिलता है। जिससे झाड़ू लगाने से बच्चों की मन:स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।

Conclusion:वहीं इस मामले में जब प्रधानाध्यापक वंदना से बात की गई तो प्रधानाध्यापक का कहना था कि प्रशासन हमें कहे कि आप स्कूल में झाड़ू लगाए तो हम झाड़ू लगाएंगे माने तो प्रधानाध्यापक का जवाब सही नहीं था। वहीं इस मामले को लेकर जब ए एस डी एम रुड़की रविंद्र सिंह बिष्ट से मिले तो उन्होंने कहा मामला मेरे संज्ञान में नहीं है मैं इस मामले की जांच कराता हूं ऐसे में सवाल यह उठता है कि जो देश के भविष्य हैं उनके साथ इतना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है तो क्या होगा देश के भविष्य का।

बाइट - वंदना ( प्रधानाध्यापक)
बाइट - रविन्द्र सिंह बिष्ट (ए एस डी एम रूड़की)
Last Updated : Dec 2, 2019, 12:08 AM IST
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