हरिद्वार: देश में वैदिक शिक्षा के लिए बन रहे पहले बोर्ड का नेतृत्व योग गुरु बाबा रामदेव को सौंपा जा सकता है. वैदिक शिक्षा बोर्ड की 5 सदस्य समिति ने बाबा रामदेव के नाम पर अपनी सहमति दे दी है. उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी.
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बता दें कि भारतीय वैदिक शिक्षा बोर्ड के गठन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्राइवेट संस्थाओं से आवेदन मांगे थे. जिसमें एमपी ग्रुप के संचालक रीतानंद बालवेड एजुकेशन फाउंडेशन, पुणे स्थित महाराष्ट्र प्रौद्योगिकी संस्थान और बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ने आवेदन दिया था. हालांकि, वैदिक शिक्षा बोर्ड की 5 सदस्य समिति द्वारा बाबा रामदेव का नाम का प्रस्ताव भारतीय शिक्षा परिषद महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के पास भेजा जाना है. जिसके बाद इस पर अंतिम फैसला आएगा.
वैदिक शिक्षा का कैसा होगा पाठ्यक्रम
भारतीय वैदिक शिक्षा बोर्ड द्वारा पौराणिक शिक्षा पद्धति में शिक्षा-दीक्षा दी जाएगी. जिसमें देश के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और परंपरा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा का ज्ञान भी दिया जाएगा. इसके अलावा वेद, पुराण एवं उपनिषद भी इसका अंग होंगे. जिसमें बच्चों को योग, यज्ञ, वेद, पुराण के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी जाएगी.