लक्सर: सरकार लाखों करोड़ों रुपयों की लागत लगाकर ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ दिलाने का प्रयास करती है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सरकार को धोखा देकर अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुच रहे हैं. सरकारी तनख्वाह का आनंद ले रहे हैं. जिसका उदाहरण दाबकी कला गांव में खाली पड़ा आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में देखा जा सकता है.
ग्रामीणों को नहीं मिल रहा वेलनेस सेंटर का लाभ: बता दें कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राइमरी इलाज के लिए दाबकी गांव में वेलनेस सेंटर बनाया गया है. इस सेंटर पर मरीजों को इलाज कराने में सही जानकारी मिल जाती है. क्योंकि वेलनेस सेंटर पर पहले जांच की जाती है. फिर मरीज को उसकी बीमारी की जानकारी देकर आगे रेफर किया जाता है. ताकि मरीज को भटकना न पड़े और वह सही तरीके से इलाज करा सके. मरीज को यह जानकारी मिल जाती है कि वह किस बीमारी से ग्रसित है. मगर इसका ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके लिये ग्रामीणों ने मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
मामले की जांच कर की जाएगी कार्रवाई: इसके लिए इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ही शुगर, ब्लड प्रेशर व हाइपरटेंशन आदि रोगों की स्कैनिंग की जाती है. आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का प्राइमरी इलाज इन्हीं अस्पतालों में होता है. लेकिन दाबकी गांव में बने आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण रविंद का कहना है कि जब गांव में टीके आदि लगाए जाते हैं तो उसी समय यह सेंटर खुला हुआ दिखता है. उसके बाद हमेशा बंद पड़ा रहता है. ग्रामीण राजेश का कहना है कि सेंटर महीने में एक दो बार ही खुलता है. ग्रामीणों को दवा लेने के लिए प्राइवेट डॉक्टर या लक्सर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. उन्होंने सेंटर को नियमानुसार प्रतिदिन खोले जाने की मांग की है.
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वहीं इस बाबत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लक्सर प्रभारी डॉ नालिन्द असवाल का कहना है कि अगर केंद्र पर तैनात कर्मचारी अपनी सीएल लेकर छुट्टी पर गई होंगी तो अलग बात है. अन्यथा जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.