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अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी ने की राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट को भंग करने की मांग

राम मंदिर ट्रस्ट में तवज्जो नहीं मिलने से बौखलाए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की टीस एक बार फिर से सामने आ गई.

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Published : Dec 30, 2020, 8:14 AM IST

Updated : Dec 30, 2020, 8:31 AM IST

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

हरिद्वार: राम मंदिर ट्रस्ट में तवज्जो नहीं मिलने से बौखलाए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की टीस एक बार फिर से सामने आई है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भंग करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि राम मंदिर के लिए बनाए गए ट्रस्ट में सैकड़ों वर्षों से संघर्ष करने वाले पक्षकारों और धर्माचार्यों को दरकिनार करते हुए भाजपा और संघ के लोगों को रखा गया है.

अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी ने की राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट को भंग करने की मांग.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ट्रस्ट में शंकराचार्यों सहित देश के सभी प्रमुख समुदायों पंथों के धर्माचार्यों को शामिल कर नया ट्रस्ट बनाए जाने की मांग की है. उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट की आड़ में विहिप और भाजपा द्वारा मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा उगाही में भारी अनियमितताओं का आरोप भी लगाया. सैकड़ों सालों की हिंदुओं की आकांक्षा राम मंदिर निर्माण का रास्ता जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साफ हुआ, तो देश के कई बड़े धर्माचार्यों को उम्मीद थी कि उन्हें भी राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाए जाने वाले ट्र्स्ट में जगह जरूर मिलेगी. ज्योतिष शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी इसी उम्मीद में थे. लेकिन जब उन्हें केंद्र सरकार ने ट्र्स्ट में तवज्जो नहीं दी तो वह फिर से केंद्र सरकार के खिलाफ खड़े हो गए.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 500 सालों तक राम मंदिर के लिए संघर्ष किया मुकदमे लड़े और गोलियां खाई उन सब पक्षकारों को केंद्र सरकार ने एकदम किनारे कर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि राम मंदिर के लिए बने ट्रस्ट में असली पक्षकारों को दरकिनार कर राम मंदिर का सत्ता के लिए उपयोग करने वाली भाजपा और संघ के लोगों को बैठाया गया है. उन्होंने राम मंदिर के लिए बनाए गए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्र्स्ट को भंग कर नया ट्र्स्ट गठित किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि नये ट्र्स्ट में चारों शंकराचार्यों के साथ सभी पंथों के संतों व अखाड़ों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए.

पढ़ें: मसूरी: 87 वर्षीय कश्मीरी पंडित ने बयां किया दर्द, अभिनेता अनुपम खेर ने शेयर किया वीडियो

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भाजपा और संघ पर राम मंदिर के निर्माण पर धन उगाही करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के पास देशभर में अपने कार्यकर्ताओं की भारी कमी है. जबकि पर्दे के पीछे भाजपा व संघ के लोग देश भर में मंदिर निर्माण के नाम पर कमीशन पर धन उगाही कर रहे हैं. उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए घर-घर जाकर धन उगाही पर भी गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी किसी धार्मिक अथवा सार्वजनिक कार्य के लिए इस तरह से घर जाकर लोगों से पैसा नहीं मांगा गया. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर क्या वजह है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने चंदे के लिए जो बैंक खाता नंबर जारी किया था, उसमें पैसे नहीं आ रहे हैं.

हरिद्वार: राम मंदिर ट्रस्ट में तवज्जो नहीं मिलने से बौखलाए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की टीस एक बार फिर से सामने आई है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भंग करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि राम मंदिर के लिए बनाए गए ट्रस्ट में सैकड़ों वर्षों से संघर्ष करने वाले पक्षकारों और धर्माचार्यों को दरकिनार करते हुए भाजपा और संघ के लोगों को रखा गया है.

अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी ने की राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट को भंग करने की मांग.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ट्रस्ट में शंकराचार्यों सहित देश के सभी प्रमुख समुदायों पंथों के धर्माचार्यों को शामिल कर नया ट्रस्ट बनाए जाने की मांग की है. उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट की आड़ में विहिप और भाजपा द्वारा मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा उगाही में भारी अनियमितताओं का आरोप भी लगाया. सैकड़ों सालों की हिंदुओं की आकांक्षा राम मंदिर निर्माण का रास्ता जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साफ हुआ, तो देश के कई बड़े धर्माचार्यों को उम्मीद थी कि उन्हें भी राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाए जाने वाले ट्र्स्ट में जगह जरूर मिलेगी. ज्योतिष शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी इसी उम्मीद में थे. लेकिन जब उन्हें केंद्र सरकार ने ट्र्स्ट में तवज्जो नहीं दी तो वह फिर से केंद्र सरकार के खिलाफ खड़े हो गए.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 500 सालों तक राम मंदिर के लिए संघर्ष किया मुकदमे लड़े और गोलियां खाई उन सब पक्षकारों को केंद्र सरकार ने एकदम किनारे कर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि राम मंदिर के लिए बने ट्रस्ट में असली पक्षकारों को दरकिनार कर राम मंदिर का सत्ता के लिए उपयोग करने वाली भाजपा और संघ के लोगों को बैठाया गया है. उन्होंने राम मंदिर के लिए बनाए गए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्र्स्ट को भंग कर नया ट्र्स्ट गठित किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि नये ट्र्स्ट में चारों शंकराचार्यों के साथ सभी पंथों के संतों व अखाड़ों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भाजपा और संघ पर राम मंदिर के निर्माण पर धन उगाही करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के पास देशभर में अपने कार्यकर्ताओं की भारी कमी है. जबकि पर्दे के पीछे भाजपा व संघ के लोग देश भर में मंदिर निर्माण के नाम पर कमीशन पर धन उगाही कर रहे हैं. उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए घर-घर जाकर धन उगाही पर भी गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी किसी धार्मिक अथवा सार्वजनिक कार्य के लिए इस तरह से घर जाकर लोगों से पैसा नहीं मांगा गया. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर क्या वजह है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने चंदे के लिए जो बैंक खाता नंबर जारी किया था, उसमें पैसे नहीं आ रहे हैं.

Last Updated : Dec 30, 2020, 8:31 AM IST
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