हरिद्वार: गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के दयानन्द द्वार पर भारतीय सेना द्वारा दिए गए टैंक को स्थापित किया गया है. भारतीय सेना ने विश्वविद्यालय को इस टैंक को वॉर ट्रॉफी के रूप में दिया है .गुरुकुल कांगड़ी के कुलपति रूपकिशोर शास्त्री ने बताया यह P55 टैंक है, जो कि पुणे से 7 दिन में हरिद्वार पहुंचा है.
कुलपति ने बताया कि यह विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं बल्कि हरिद्वार नगरी के लिए गौरव की बात है कि भारतीय सेना में विश्वविद्यालय को अपनी गौरव गाथा का प्रतीक टैंक स्थापित करने के लिए दिया है. भारतीय सेना द्वारा पुणे से प्राप्त यह टैंक हरिद्वार में गौरव गाथा स्तम्भ के रूप में भारतीय सेना के शौर्य को प्रकट करेगा.
उन्होंने कहा कि गुरुकुल का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. गुरुकुल के संस्थापक स्वामी श्रद्धानन्द महाराज ने देश की संस्कृति व अखंडता की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया था. आज भी विश्वविद्यालय के छात्र सेना व देश के अन्य क्षेत्रों में अपना योगदान कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं.
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विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि भारतीय सेना के गौरव का प्रतीक विश्वविद्यालय को टैंक के रूप में प्राप्त हुआ है, जो हमारे छात्रों व युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा. देश के स्वतंत्रता आन्दोलन में गुरुकुल व आर्य समाज ने महत्वपूर्ण योगदान किया है, जिसका गौरवशाली इतिहास रहा है. राष्ट्रसेवा में गुरुकुल के छात्र निरन्तर अपना योगदान कर रहे हैं.