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भगवान भरोसे पशु चिकित्सालय, डॉक्टर नदारद और झोलाछाप कर रहे इलाज

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Published : Dec 5, 2020, 7:54 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 8:00 PM IST

हरिद्वार जिले के लक्सर स्थित खानपुर पशु चिकित्सालय में पशु डॉक्टरों के विभाग में न बैठने से पशुओं के मौत का मामला सामने आया है. मामले में उपजिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.

fake doctor doing treatment
पशु चिकित्सकों की लापरवाही

लक्सर: खानपुर मथाना गांव के एक व्यक्ति ने उप जिलाधिकारी से शिकायत की है. जिसमें उसने आरोप लगाया है कि पशु चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं बैठते. जिसके कारण पशुओं को इलाज नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में इलाज के अभाव कई मवेशी दम तोड़ चुके हैं. जिसका खामियाजा पशुपालकों को भुगतना पड़ता है.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पशु की गोवर्धनपुर पशु चिकित्सा अधिकारी की लापरवाही के चलते मौत हुई है. पशुपालक ने आरोप लगाया है कि लक्सर तहसील में चार पशु चिकित्सालय हैं. लेकिन किसी में भी पशु चिकित्सक रात में नहीं रुकते. पशु चिकित्सक दोपहर के दो बजते ही अपने घर चले जाते हैं.

भगवान भरोसे पशु चिकित्सालय.

पशुपालक ने बताया कि एक दिन अचानक उसके पशु की हालत अचानक खराब हो गई. उसे तड़पता देख उसने गोवर्धनपुर के पशु चिकित्सा अधिकारी को फोन किया. पशु चिकित्सा अधिकारी ने पहले फोन नही उठाया. हालांकि, जब उन्होंने फोन उठाया तो बाहर होने का हवाला देते हुए न आने की बात कही, साथ ही उन्होंने कहा कि किसी अन्य को भेज रहा हूं. पशुपालक ने बताया कि उसके पशु को देखने कोई भी डॉक्टर नहीं पहुंचा. जिससे चलते पशु की मौत हो गयी.

पशुपालक ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी है. गौरतलब है कि लक्सर खानपुर में चार पशु चिकित्सालय है, लेकिन किसी भी चिकित्सालय में पशु डॉक्टर नहीं बैठते हैं. जिससे मजबूर होकर पशुपालकों को अपने पशुओं का इलाज झोलाछाप डॉक्टर से कराना पड़ता है.
ये भी पढ़ें : बस्तर से भागा युवक लक्सर में मिला, जानें कैसे पहुंचा छत्तीसगढ़ से उत्तराखंड

उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. चिकित्सा व्यवस्था आपातकालीन सेवाओं में आती है, उन्होंने कहा कि डॉक्टर अपने अस्पतालों में नहीं रहते तो मामला और भी गंभीर हो जाता है. मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं, साथ ही झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.

लक्सर: खानपुर मथाना गांव के एक व्यक्ति ने उप जिलाधिकारी से शिकायत की है. जिसमें उसने आरोप लगाया है कि पशु चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं बैठते. जिसके कारण पशुओं को इलाज नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में इलाज के अभाव कई मवेशी दम तोड़ चुके हैं. जिसका खामियाजा पशुपालकों को भुगतना पड़ता है.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पशु की गोवर्धनपुर पशु चिकित्सा अधिकारी की लापरवाही के चलते मौत हुई है. पशुपालक ने आरोप लगाया है कि लक्सर तहसील में चार पशु चिकित्सालय हैं. लेकिन किसी में भी पशु चिकित्सक रात में नहीं रुकते. पशु चिकित्सक दोपहर के दो बजते ही अपने घर चले जाते हैं.

भगवान भरोसे पशु चिकित्सालय.

पशुपालक ने बताया कि एक दिन अचानक उसके पशु की हालत अचानक खराब हो गई. उसे तड़पता देख उसने गोवर्धनपुर के पशु चिकित्सा अधिकारी को फोन किया. पशु चिकित्सा अधिकारी ने पहले फोन नही उठाया. हालांकि, जब उन्होंने फोन उठाया तो बाहर होने का हवाला देते हुए न आने की बात कही, साथ ही उन्होंने कहा कि किसी अन्य को भेज रहा हूं. पशुपालक ने बताया कि उसके पशु को देखने कोई भी डॉक्टर नहीं पहुंचा. जिससे चलते पशु की मौत हो गयी.

पशुपालक ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी है. गौरतलब है कि लक्सर खानपुर में चार पशु चिकित्सालय है, लेकिन किसी भी चिकित्सालय में पशु डॉक्टर नहीं बैठते हैं. जिससे मजबूर होकर पशुपालकों को अपने पशुओं का इलाज झोलाछाप डॉक्टर से कराना पड़ता है.
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उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. चिकित्सा व्यवस्था आपातकालीन सेवाओं में आती है, उन्होंने कहा कि डॉक्टर अपने अस्पतालों में नहीं रहते तो मामला और भी गंभीर हो जाता है. मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं, साथ ही झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Dec 5, 2020, 8:00 PM IST
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