ETV Bharat / state

कुंभ की SOP का विरोध, संत समाज और होटल एसोसिएशन में आक्रोश

author img

By

Published : Feb 12, 2021, 7:54 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 5:45 PM IST

कुंभ को लेकर जारी एसओपी से संत समाज के साथ-साथ होटल बजट एसोसिएशन भी नाराज हैं. सरकार द्वारा जारी एसओपी का लगातार विरोध हो रहा है.

संत समाज और होटल एसोसिएशन में आक्रोश
संत समाज और होटल एसोसिएशन में आक्रोश

हरिद्वार: कुंभ को लेकर सरकार द्वारा जारी एसओपी का लगातार विरोध हो रहा है. जहां एक ओर हरिद्वार के संत समाज इसका विरोध कर रहे हैं वहीं, हरिद्वार के होटल-ट्रैवल्स व्यवसायियों ने भी मोर्चा खोल दिया है. कुंभ को लेकर जारी इस एसओपी को संत सरकार का तुगलकी फरमान बता रहे हैं. वहीं, कुछ संत सरकार से एसओपी में कुछ छूट देने की मांग कर रहे हैं.

हरिद्वार जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कुंभ के लिए जारी गाइडलाइन में आश्रम और धर्मशाला में धार्मिक अनुष्ठान ना करने को तुगलकी फरमान बताया है. उन्होंने कहा सरकार का यह निर्णय बहुत निंदनीय कार्य है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन और देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाले चुनाव में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की जाती, लेकिन हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक और विश्व का सबसे महत्वपूर्ण मेला कुंभ में आश्रमों के लिए जारी आदेश को तुगलकी फरमान ही कहा जाएगा.

संत समाज में नाराजगी

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: शुक्रवार को मिले 49 नए मरीज, 24 घंटे में दो मरीजों की मौत

गुड़गांव से आई तारा मां ने बताया कि वे हरिद्वार कुंभ के लिए आई थीं, लेकिन अभी तक कुंभ शुरू नहीं हो पाया है. अब एसओपी के कारण उनके अनुयायी भी हरिद्वार नहीं पहुंच पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिना संत सम्मेलनों और कथाओं के कैसा कुंभ होगा. वहीं, तुलसी मानस मंदिर के परमाध्यक्ष ओर वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी ने सरकार के इस कदम को रावण के काल में होने वाले आदेश के बराबर बताया है. उन्होंने कहा कि कुंभ का मतलब ही संत सम्मेलन, कथा, भंडारों आदि से है. अगर कुंभ में ये नहीं होंगे तो कुंभ का क्या औचित्य है.

कुंभ को लेकर जारी एसओपी से संत समाज के साथ-साथ होटल बजट एसोसिएशन भी नाराज हैं. हरिद्वार में होटल बजट एसोसिएशन ने आज एक बैठक बुलाई, जिसमें राज्य सरकार द्वारा कुंभ को लेकर जारी एसओपी का विरोध किया गया. बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि सरकार कुंभ मेले को अति सूक्ष्म करे, जिसमें मात्र अप्रैल माह के स्नानों को ही रखा जाए. ताकि बाकी के स्नानों को कुंभ की एसओपी से छूट मिल सके और हरिद्वार आने वाले यात्री बिना किसी परेशानी के यहां आ सकें. उन्होंने कहा कि हरिद्वार के व्यापारियों ने सोचा था कि कोविड में हुए नुकसान की भरपाई कुंभ के दौरान होगी. लेकिन जारी की गई एसओपी से एक बार फिर नुकसान होने जा रहा है. जिसकी भरपाई करना बहुत मुश्किल है.

हरिद्वार: कुंभ को लेकर सरकार द्वारा जारी एसओपी का लगातार विरोध हो रहा है. जहां एक ओर हरिद्वार के संत समाज इसका विरोध कर रहे हैं वहीं, हरिद्वार के होटल-ट्रैवल्स व्यवसायियों ने भी मोर्चा खोल दिया है. कुंभ को लेकर जारी इस एसओपी को संत सरकार का तुगलकी फरमान बता रहे हैं. वहीं, कुछ संत सरकार से एसओपी में कुछ छूट देने की मांग कर रहे हैं.

हरिद्वार जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कुंभ के लिए जारी गाइडलाइन में आश्रम और धर्मशाला में धार्मिक अनुष्ठान ना करने को तुगलकी फरमान बताया है. उन्होंने कहा सरकार का यह निर्णय बहुत निंदनीय कार्य है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन और देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाले चुनाव में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की जाती, लेकिन हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक और विश्व का सबसे महत्वपूर्ण मेला कुंभ में आश्रमों के लिए जारी आदेश को तुगलकी फरमान ही कहा जाएगा.

संत समाज में नाराजगी

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: शुक्रवार को मिले 49 नए मरीज, 24 घंटे में दो मरीजों की मौत

गुड़गांव से आई तारा मां ने बताया कि वे हरिद्वार कुंभ के लिए आई थीं, लेकिन अभी तक कुंभ शुरू नहीं हो पाया है. अब एसओपी के कारण उनके अनुयायी भी हरिद्वार नहीं पहुंच पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिना संत सम्मेलनों और कथाओं के कैसा कुंभ होगा. वहीं, तुलसी मानस मंदिर के परमाध्यक्ष ओर वरिष्ठ महामंडलेश्वर अर्जुन पुरी ने सरकार के इस कदम को रावण के काल में होने वाले आदेश के बराबर बताया है. उन्होंने कहा कि कुंभ का मतलब ही संत सम्मेलन, कथा, भंडारों आदि से है. अगर कुंभ में ये नहीं होंगे तो कुंभ का क्या औचित्य है.

कुंभ को लेकर जारी एसओपी से संत समाज के साथ-साथ होटल बजट एसोसिएशन भी नाराज हैं. हरिद्वार में होटल बजट एसोसिएशन ने आज एक बैठक बुलाई, जिसमें राज्य सरकार द्वारा कुंभ को लेकर जारी एसओपी का विरोध किया गया. बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि सरकार कुंभ मेले को अति सूक्ष्म करे, जिसमें मात्र अप्रैल माह के स्नानों को ही रखा जाए. ताकि बाकी के स्नानों को कुंभ की एसओपी से छूट मिल सके और हरिद्वार आने वाले यात्री बिना किसी परेशानी के यहां आ सकें. उन्होंने कहा कि हरिद्वार के व्यापारियों ने सोचा था कि कोविड में हुए नुकसान की भरपाई कुंभ के दौरान होगी. लेकिन जारी की गई एसओपी से एक बार फिर नुकसान होने जा रहा है. जिसकी भरपाई करना बहुत मुश्किल है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 5:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.