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हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच पर उठे सवाल, सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम - हरिद्वार न्यूज

हरिद्वार महाकुंभ में सैंपलिंग करने वाली एक लैब का फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद अब महाकुंभ के दौरान हुई सभी कोरोना जांच संदेह के दायरे में आ गई हैं. आंकड़ों के अध्ययन से पता चला है कि महाकुंभ के दौरान राज्य और हरिद्वार में संक्रमण के ट्रेंड में भारी अंतर रहा है, जिसको लेकर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने एक रिपोर्ट भी जारी की है.

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Published : Jun 14, 2021, 9:28 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 10:43 PM IST

देहरादून: हरिद्वार महाकुंभ शुरू होने से ही सुर्खियों में रहा है. पहले जहां हरिद्वार महाकुंभ को कोरोना का सुपर स्प्रेडर कहा गया. वहीं अब कोरोना जांच रिपोर्ट में फर्जीवाडे़ की बात सामने आई है. हालांकि इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी ने जांच के आदेश भी दिए हैं. हरिद्वार में कुंभ के दौरान कोरोना जांच रिपोर्ट पर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में महाकुंभ के दौरान राज्य और हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के ट्रेंड में भारी अंतर था.

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने हरिद्वार की कोरोना जांच को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उन्होंने रिपोर्ट के आधार पर बताया कि हरिद्वार जिला संक्रमण दर में अन्य जिलों की तुलना मे बहुत कम रहा है. अनूप नौटियाल की रिपोर्ट के मुताबिक, चार अप्रैल से 12 जून के बीच (इसमें हरिद्वार कुंभ भी शामिल है) पूरे प्रदेश मे हुए कुल कोरोना टेस्ट में से 38 प्रतिशत अकेले हरिद्वार में हुए, लेकिन सैंपल जांच के आधार पर हरिद्वार की संक्रमण दर प्रदेश से 60 प्रतिशत कम रही.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ में कोविड टेस्ट में फर्जीवाड़ा, DM ने बनाई जांच कमेटी

हरिद्वार महाकुंभ के दौरान 4 अप्रैल से 12 जून के बीच 70 दिनों में कुल 8,82,382 टेस्ट किए गए, जिसमें से 35,168 कोरोना के मामले सामने आए. जबकि इसी अवधि के दौरान 70 दिनों में पूरे राज्य में कुल 23,25,968 टेस्ट किए गए और पॉजिटिव आने वाले मरीजों की संख्या 2,34,902 रही. यानी हरिद्वार महाकुंभ के दौरान जब पूरे राज्य में कोरोना पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक चल रही थी, उस समय हरिद्वार में भारी भीड़-भाड़ के बावजूद संक्रमण की दर महज 3.99 प्रतिशत थी. यदि पूरे राज्य से हरिद्वार के आंकड़ों की तुलना करें तो इन 70 दिनों के दौरान हरिद्वार में पॉजिटिविटी रेट उत्तराखंड की तुलना में 60 प्रतिशत कम था.

उत्तराखंड के 13 जिलों में तीन अप्रैल से 12 जून 2021 के बीच 10 हफ्तों के आंकड़ों पर एक नजर

शक के घेरे में हरिद्वार कुंभ में हुई कोरोना जांच
शक के घेरे में हरिद्वार कुंभ में हुई कोरोना जांच.

13 जिलों के 10 हफ्ते के आंकड़े

सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम.
शक के घेरे में हरिद्वार कुंभ में हुई कोरोना जांच.

हरिद्वार जिले के 10 हफ्ते के आंकड़े

सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम.
सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम.

बता दें कि कोरोना जांच में फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद डीएम हरिद्वार सी रविशंकर ने 3 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है. साथ ही समिति को 15 दिन में मामले की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. आरोप है कि कुंभ मेले के दौरान आने वाले यात्रियों और साधु-संतों की बड़ी पैमाने पर कोविड जांच की गई थी. इस कोविड जांच के नाम पर निजी लैब द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया. इसका पता चलने पर स्वास्थ्य सचिव ने डीएम हरिद्वार को जांच करवाने के निर्देश दिये थे. जिसके बाद डीएम द्वारा जांच कमेटी गठित की गई है.

देहरादून: हरिद्वार महाकुंभ शुरू होने से ही सुर्खियों में रहा है. पहले जहां हरिद्वार महाकुंभ को कोरोना का सुपर स्प्रेडर कहा गया. वहीं अब कोरोना जांच रिपोर्ट में फर्जीवाडे़ की बात सामने आई है. हालांकि इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी ने जांच के आदेश भी दिए हैं. हरिद्वार में कुंभ के दौरान कोरोना जांच रिपोर्ट पर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में महाकुंभ के दौरान राज्य और हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के ट्रेंड में भारी अंतर था.

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने हरिद्वार की कोरोना जांच को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उन्होंने रिपोर्ट के आधार पर बताया कि हरिद्वार जिला संक्रमण दर में अन्य जिलों की तुलना मे बहुत कम रहा है. अनूप नौटियाल की रिपोर्ट के मुताबिक, चार अप्रैल से 12 जून के बीच (इसमें हरिद्वार कुंभ भी शामिल है) पूरे प्रदेश मे हुए कुल कोरोना टेस्ट में से 38 प्रतिशत अकेले हरिद्वार में हुए, लेकिन सैंपल जांच के आधार पर हरिद्वार की संक्रमण दर प्रदेश से 60 प्रतिशत कम रही.

पढ़ें- हरिद्वार कुंभ में कोविड टेस्ट में फर्जीवाड़ा, DM ने बनाई जांच कमेटी

हरिद्वार महाकुंभ के दौरान 4 अप्रैल से 12 जून के बीच 70 दिनों में कुल 8,82,382 टेस्ट किए गए, जिसमें से 35,168 कोरोना के मामले सामने आए. जबकि इसी अवधि के दौरान 70 दिनों में पूरे राज्य में कुल 23,25,968 टेस्ट किए गए और पॉजिटिव आने वाले मरीजों की संख्या 2,34,902 रही. यानी हरिद्वार महाकुंभ के दौरान जब पूरे राज्य में कोरोना पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक चल रही थी, उस समय हरिद्वार में भारी भीड़-भाड़ के बावजूद संक्रमण की दर महज 3.99 प्रतिशत थी. यदि पूरे राज्य से हरिद्वार के आंकड़ों की तुलना करें तो इन 70 दिनों के दौरान हरिद्वार में पॉजिटिविटी रेट उत्तराखंड की तुलना में 60 प्रतिशत कम था.

उत्तराखंड के 13 जिलों में तीन अप्रैल से 12 जून 2021 के बीच 10 हफ्तों के आंकड़ों पर एक नजर

शक के घेरे में हरिद्वार कुंभ में हुई कोरोना जांच
शक के घेरे में हरिद्वार कुंभ में हुई कोरोना जांच.

13 जिलों के 10 हफ्ते के आंकड़े

सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम.
शक के घेरे में हरिद्वार कुंभ में हुई कोरोना जांच.

हरिद्वार जिले के 10 हफ्ते के आंकड़े

सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम.
सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम.

बता दें कि कोरोना जांच में फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद डीएम हरिद्वार सी रविशंकर ने 3 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है. साथ ही समिति को 15 दिन में मामले की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. आरोप है कि कुंभ मेले के दौरान आने वाले यात्रियों और साधु-संतों की बड़ी पैमाने पर कोविड जांच की गई थी. इस कोविड जांच के नाम पर निजी लैब द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया. इसका पता चलने पर स्वास्थ्य सचिव ने डीएम हरिद्वार को जांच करवाने के निर्देश दिये थे. जिसके बाद डीएम द्वारा जांच कमेटी गठित की गई है.

Last Updated : Jun 14, 2021, 10:43 PM IST
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