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अखाड़ा परिषद की बैठक में फैसला, हरिद्वार में होगा दिव्य और भव्य कुंभ का आयोजन

हरिद्वार में अखाड़ा परिषद की बैठक में कुंभ को भव्य और दिव्य तरीके से मनाने पर फैसला हुआ.

Haridwar News
हरिद्वार में होगा दिव्य और भव्य कुंभ का आयोजन
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Published : Nov 21, 2020, 6:55 PM IST

Updated : Nov 21, 2020, 7:56 PM IST

हरिद्वार: महाकुंभ के आयोजन को लेकर शनिवार को जूना अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई. साढ़े चार घंटे हुई बैठक में कुंभ मेले के स्वरूप को लेकर की गई. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों ने हरिद्वार महाकुंभ को भव्य और दिव्य तरीके से मनाने का फैसला लिया है. वहीं, बैठक में पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को संतों की खरी-खोटी सुननी पड़ी.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया गया कि कुंभ मेले में किसी भी प्रकार के टेंट या पंडाल नहीं लगाए जाएंगे. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों का कहना है कि जिस तरह से 2010 में कुंभ का आयोजन हुआ था. उसी तरह सभी अखाड़ों के लिए पंडाल और टेंट लगाने के लिए जमीन दी जाएगी और बैरागी कैंप में बैरागी अखाड़ों के टेंट लगेंगे. बैरागी कैंप को तोड़ा नहीं जाएगा. साथ ही सड़कें, बिजली और पानी की व्यवस्था सरकार करेगी.

हरिद्वार में होगा दिव्य और भव्य कुंभ का आयोजन.

सभी महामंडलेश्वर कुंभ मेले में आएंगे. अगर फरवरी या मार्च में कोरोना का प्रकोप ज्यादा बढ़ता है तो जो सरकार की गाइडलाइन होगी. साधु-संत उसका पालन करेगी. अखाड़ा परिषद का कहना है कि हरिद्वार महाकुंभ में पेशवाई भी निकाली जाएगी और संत शाही स्नान भी करेंगे. बैठक में हमारे द्वारा मेला प्रशासन को कहा गया है कि जितने भी अखाड़े अपनी पेशवाई के लिए तारीख की घोषणा करेंगे. उसी समय पर पेशवाई निकाली जाएगी. बैरागी कैंप को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में जा रहे हैं. बैरागी के तीनों अखाड़े जल्द जमीन भी खरीद लेंगे और उनको सरकार द्वारा दिए जाने वाला पैसा भी मिलेगा.

ये भी पढ़ें: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में लाखों नहीं सिर्फ 26 साधु करेंगे शाही स्नान, ये है वजह

बैठक में कुंभ मेले को भव्य तरीके से मनाने के प्रस्ताव पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी अखाड़ों के सुर में सुर मिलाते नजर आए. मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि रविवार को अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों के साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की बैठक होनी है. उस बैठक में साधु-संतों के प्रमुख मुद्दों को उठाया जाएगा.

वहीं, मदन कौशिक ने कहा कि सरकार द्वारा कुंभ मेले में टेंट लगाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया. मगर अभी सरकार टेंट नहीं लगाएगी. वहीं, अखाड़ा परिषद की नाराजगी पर मदन कौशिक कन्नी काटते नजर आए. कुंभ मेले में अखाड़ों द्वारा निकाली जानी पेशवाई को लेकर उनका कहना है कि सभी अखाड़ों की पेशवाई कुंभ मेले में निकाली जाएगी और इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य ही होगा.

हरिद्वार कुंभ में होने हैं 4 शाही स्नान

हरिद्वार में अगले साल 2021 में होने जा रहे कुंभ में चार शाही स्नान होने हैं. पहला शाही स्नान गुरुवार 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन होगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर आयोजित होगा. वहीं, तीसरा शाही स्नान 13 अप्रैल मेष संक्रांति पर आयोजित होगा और आखिरी शाही स्नान वैशाखी 27 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा को होगा.

हरिद्वार कुंभ में 6 अन्य स्नान भी प्रस्तावित

हरिद्वार कुंभ में 4 शाही स्नान के अलावा भक्तों के लिए कई अन्य दिन तय हो चुके हैं. प्रमुख स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी को, मौनी अमावस्या 11 फरवरी को दूसरा स्नान, बसंत पंचमी 16 फरवरी को तीसरा स्नान, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा को, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी हिन्दी नववर्ष के दिन और 21 अप्रैल राम नवमी को भी स्नान के दिन तय किए जा चुके हैं.

हरिद्वार: महाकुंभ के आयोजन को लेकर शनिवार को जूना अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई. साढ़े चार घंटे हुई बैठक में कुंभ मेले के स्वरूप को लेकर की गई. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों ने हरिद्वार महाकुंभ को भव्य और दिव्य तरीके से मनाने का फैसला लिया है. वहीं, बैठक में पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को संतों की खरी-खोटी सुननी पड़ी.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया गया कि कुंभ मेले में किसी भी प्रकार के टेंट या पंडाल नहीं लगाए जाएंगे. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों का कहना है कि जिस तरह से 2010 में कुंभ का आयोजन हुआ था. उसी तरह सभी अखाड़ों के लिए पंडाल और टेंट लगाने के लिए जमीन दी जाएगी और बैरागी कैंप में बैरागी अखाड़ों के टेंट लगेंगे. बैरागी कैंप को तोड़ा नहीं जाएगा. साथ ही सड़कें, बिजली और पानी की व्यवस्था सरकार करेगी.

हरिद्वार में होगा दिव्य और भव्य कुंभ का आयोजन.

सभी महामंडलेश्वर कुंभ मेले में आएंगे. अगर फरवरी या मार्च में कोरोना का प्रकोप ज्यादा बढ़ता है तो जो सरकार की गाइडलाइन होगी. साधु-संत उसका पालन करेगी. अखाड़ा परिषद का कहना है कि हरिद्वार महाकुंभ में पेशवाई भी निकाली जाएगी और संत शाही स्नान भी करेंगे. बैठक में हमारे द्वारा मेला प्रशासन को कहा गया है कि जितने भी अखाड़े अपनी पेशवाई के लिए तारीख की घोषणा करेंगे. उसी समय पर पेशवाई निकाली जाएगी. बैरागी कैंप को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में जा रहे हैं. बैरागी के तीनों अखाड़े जल्द जमीन भी खरीद लेंगे और उनको सरकार द्वारा दिए जाने वाला पैसा भी मिलेगा.

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बैठक में कुंभ मेले को भव्य तरीके से मनाने के प्रस्ताव पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी अखाड़ों के सुर में सुर मिलाते नजर आए. मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि रविवार को अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों के साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की बैठक होनी है. उस बैठक में साधु-संतों के प्रमुख मुद्दों को उठाया जाएगा.

वहीं, मदन कौशिक ने कहा कि सरकार द्वारा कुंभ मेले में टेंट लगाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया. मगर अभी सरकार टेंट नहीं लगाएगी. वहीं, अखाड़ा परिषद की नाराजगी पर मदन कौशिक कन्नी काटते नजर आए. कुंभ मेले में अखाड़ों द्वारा निकाली जानी पेशवाई को लेकर उनका कहना है कि सभी अखाड़ों की पेशवाई कुंभ मेले में निकाली जाएगी और इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य ही होगा.

हरिद्वार कुंभ में होने हैं 4 शाही स्नान

हरिद्वार में अगले साल 2021 में होने जा रहे कुंभ में चार शाही स्नान होने हैं. पहला शाही स्नान गुरुवार 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन होगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर आयोजित होगा. वहीं, तीसरा शाही स्नान 13 अप्रैल मेष संक्रांति पर आयोजित होगा और आखिरी शाही स्नान वैशाखी 27 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा को होगा.

हरिद्वार कुंभ में 6 अन्य स्नान भी प्रस्तावित

हरिद्वार कुंभ में 4 शाही स्नान के अलावा भक्तों के लिए कई अन्य दिन तय हो चुके हैं. प्रमुख स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी को, मौनी अमावस्या 11 फरवरी को दूसरा स्नान, बसंत पंचमी 16 फरवरी को तीसरा स्नान, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा को, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी हिन्दी नववर्ष के दिन और 21 अप्रैल राम नवमी को भी स्नान के दिन तय किए जा चुके हैं.

Last Updated : Nov 21, 2020, 7:56 PM IST
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