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छत्तीसगढ़ में साधुओं की पिटाई को अखाड़ा परिषद ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, घटना को बताया षडयंत्र

छत्तीसगढ़ में साधुओं की पिटाई की घटना को अखाड़ा परिषद ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कड़ी निंदा की. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने इसे साधु संतों के खिलाफ चलाया जा रहा षड्यंत्र बताया है.

Monks Beaten in Durg
साधुओं की पिटाई
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Published : Oct 7, 2022, 4:10 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 4:22 PM IST

हरिद्वारः छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने साधुओं की पिटाई कर दी. इस घटना का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े संतों ने निंदा की है. उन्होंने इसे साधु संतों के खिलाफ चलाया जा रहा षड्यंत्र करार दिया है. उनका कहना है कि धर्म विरोधी लोग साधु संतों को लगातार टारगेट कर रहे हैं. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी (Akhara Parishad President Ravindra Puri) ने कहा कि सनातन धर्म और उससे जुड़े हुए सभी साधु संतों के खिलाफ षड्यंत्र चलाकर टारगेट कर रहे हैं. जिसका एक उदाहरण छत्तीसगढ़ में देखने को मिला है. इससे पहले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में इस तरह की घटना हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वो अखाड़ों की एक बैठक बुलाएंगे और किस तरह साधु संतों को बचाया जा सके इन सब मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे.

छत्तीसगढ़ में साधुओं की पिटाई को अखाड़ा परिषद ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण.

वहीं, सुमेरू पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने भी छत्तीसगढ़ में हुई घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को मामले की उच्च स्तरीय जांच करें. क्योंकि, इससे पहले भी कई जगह पर इस तरह की घटनाएं घटी जा चुकी हैं. उसमें कहीं न कहीं धर्म विरोधी और सनातन विरोधी लोगों का ही षड्यंत्र सामने आया है. इस तरह के षड्यंत्र से साधु संतों को बचाने की जरूरत है. साथ ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी करें.
ये भी पढ़ेंः रुपए नहीं देने पर आरोपियों ने बच्चा चोरी की उड़ाई थी अफवाह, उग्र हो गई भीड़

क्या था मामलाः दरअसल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग के रेलवे स्टेशन के सामने रैन बसेरा में रुककर तीन साधु अलग-अलग क्षेत्र में जाकर भिक्षा मांगते थे, लेकिन दशहरा के दिन चरोदा बस्ती में लोगों ने बच्चा चोरी के शक में तीनों साधुओं की जमकर पिटाई (Monks Beating Case in Chhattisgarh) कर दी. जहां कुछ युवकों ने देखा कि बस्ती की एक बच्चे को ये साधु प्रसाद खिला रहे हैं. युवकों को शक हुआ कि साधु प्रसाद में कुछ मिलाकर बच्चे को दिया है. जिसके बाद बस्ती में बच्चा चोर की अफवाह उड़ाकर साधुओं की पिटाई कर दी गई.

बताया जा रहा है कि तीनों साधु राजस्थान के गोविंदगढ़ जिला के अलवर के रहने वाले हैं. जो राजस्थान से आकर प्रदेश में घूम घूमकर राशन और कपड़े मांगते थे. वहीं, पिटाई के बाद साधुओं को मामूली चोटें भी आई. जिनका अस्पताल में उपचार किया गया. उधर, पुलिस ने साधुओं की पिटाई करने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के पकड़े जाने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी साधुओं से पैसे मांग रहे थे. पैसे नहीं देने पर उन्होंने साधुओं पर आरोप लगाते हुए बच्चा चोरी की अफवाह उड़ाई.

हरिद्वारः छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने साधुओं की पिटाई कर दी. इस घटना का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े संतों ने निंदा की है. उन्होंने इसे साधु संतों के खिलाफ चलाया जा रहा षड्यंत्र करार दिया है. उनका कहना है कि धर्म विरोधी लोग साधु संतों को लगातार टारगेट कर रहे हैं. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी (Akhara Parishad President Ravindra Puri) ने कहा कि सनातन धर्म और उससे जुड़े हुए सभी साधु संतों के खिलाफ षड्यंत्र चलाकर टारगेट कर रहे हैं. जिसका एक उदाहरण छत्तीसगढ़ में देखने को मिला है. इससे पहले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में इस तरह की घटना हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वो अखाड़ों की एक बैठक बुलाएंगे और किस तरह साधु संतों को बचाया जा सके इन सब मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे.

छत्तीसगढ़ में साधुओं की पिटाई को अखाड़ा परिषद ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण.

वहीं, सुमेरू पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने भी छत्तीसगढ़ में हुई घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को मामले की उच्च स्तरीय जांच करें. क्योंकि, इससे पहले भी कई जगह पर इस तरह की घटनाएं घटी जा चुकी हैं. उसमें कहीं न कहीं धर्म विरोधी और सनातन विरोधी लोगों का ही षड्यंत्र सामने आया है. इस तरह के षड्यंत्र से साधु संतों को बचाने की जरूरत है. साथ ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी करें.
ये भी पढ़ेंः रुपए नहीं देने पर आरोपियों ने बच्चा चोरी की उड़ाई थी अफवाह, उग्र हो गई भीड़

क्या था मामलाः दरअसल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग के रेलवे स्टेशन के सामने रैन बसेरा में रुककर तीन साधु अलग-अलग क्षेत्र में जाकर भिक्षा मांगते थे, लेकिन दशहरा के दिन चरोदा बस्ती में लोगों ने बच्चा चोरी के शक में तीनों साधुओं की जमकर पिटाई (Monks Beating Case in Chhattisgarh) कर दी. जहां कुछ युवकों ने देखा कि बस्ती की एक बच्चे को ये साधु प्रसाद खिला रहे हैं. युवकों को शक हुआ कि साधु प्रसाद में कुछ मिलाकर बच्चे को दिया है. जिसके बाद बस्ती में बच्चा चोर की अफवाह उड़ाकर साधुओं की पिटाई कर दी गई.

बताया जा रहा है कि तीनों साधु राजस्थान के गोविंदगढ़ जिला के अलवर के रहने वाले हैं. जो राजस्थान से आकर प्रदेश में घूम घूमकर राशन और कपड़े मांगते थे. वहीं, पिटाई के बाद साधुओं को मामूली चोटें भी आई. जिनका अस्पताल में उपचार किया गया. उधर, पुलिस ने साधुओं की पिटाई करने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के पकड़े जाने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपी साधुओं से पैसे मांग रहे थे. पैसे नहीं देने पर उन्होंने साधुओं पर आरोप लगाते हुए बच्चा चोरी की अफवाह उड़ाई.

Last Updated : Oct 7, 2022, 4:22 PM IST
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