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कांवड़ यात्रा खत्म, हरिद्वार के गंगा घाटों पर लगा गंदगी का अंबार - हरिद्वार हरकी पैड़ी

कांवड़ मेला संपन्न हो गया है और यात्री वापस जा चुके हैं और पीछे कूड़े का ढेर छोड़कर गए हैं. कांवड़ के दौरान गंगा के घाटों पर एनजीटी के आदेशों की खुलकर धज्जियां उड़ी. घाटों पर फैले कूड़े को उठाने में हरिद्वार नगर निगम नाकाम साबित रहा, जिसके कारण घाटों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

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Published : Jul 26, 2022, 7:31 PM IST

Updated : Jul 26, 2022, 7:50 PM IST

हरिद्वार: करीब ढाई साल बाद हरिद्वार में आयोजित हुए कांवड़ मेले ने पिछले कई सालों रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. शिवरात्रि पर हरिद्वार का कांवड़ मेला भी संपन्न हो गया. लेकिन इस कांवड़ मेले के बाद हरिद्वार के गंगा घाट हों या पार्किंग स्थल-हाईवे अथवा शहर की गलियां, चारों ओर गंदगी के अंबार नजर आ रहे हैं. धर्मनगरी हरिद्वार कूड़े के ढेर में तब्दील हो गई है. गंगा घाटों से लेकर हरिद्वार के गली मोहल्लों तक सिर्फ कूड़ा ही पूरा नजर आ रहा है. सड़कों पर फैली गंदगी से कोई महामारी न फैले, इसके लिए नगर निगम ने भी सफाई अभियान बड़े स्तर पर शुरू कर दिया है.

इस बार 10 दिन चले कांवड़ मेले में करीब चार करोड़ कांवड़िए हरिद्वार हरकी पैड़ी पर गंगा जल लेने आए थे. कांवड़ मेले के देखते हुए हरिद्वार नगर निगम और प्रशासन ने शुरू में तो साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था की थी, लेकिन जैसे-जैसे हरिद्वार में कांवड़ियों की भीड़ बढ़ी, सारी की सारी व्यवस्थाएं धड़ाम हो गईं. शिवरात्रि से चार दिनों पहले हरिद्वार के अंदर कांवड़ियों का ऐसा हुजूम आया कि हरिद्वार नगर निगम के कर्मचारियों को सफाई करने तक का मौका भी नहीं मिला और इसी वजह से हरिद्वार नगर निगम में कूड़े के ढेर लग गया. कई जगहों पर स्थिति ये है कि वहां कूड़े की वजह से लोगों का चलना फिरना भी मुश्किल है.

हरिद्वार के गंगा घाटों पर लगा गंदगी का अंबार
पढ़ें- भोले की भक्ति में रमीं रेखा आर्य, 25 KM कांवड़ यात्रा कर 1300 साल पुराने वीरभद्र मंदिर में किया जलाभिषेक

क्या कहते हैं लोग: बिड़ला घाट पर रहने वाले प्रभात कुमार का कहना है कि सफाई व्यवस्था में हरिद्वार नगर निगम कांवड़ मेले के दौरान पूरी तरह से फ्लॉप रहा है. जब से मेला शुरू हुआ तभी से नगर निगम का एक भी कर्मचारी बिरला घाट पर झाड़ू लेकर साफ सफाई करता नजर नहीं आया. साफ-सफाई न होने के कारण घाट पर गंदगी का ढेर लगा हुआ है. प्लास्टिक पॉलीथिन बैन करने के बावजूद पूरे मेले में इनका धड़ल्ले से ना केवल प्रयोग हुआ, बल्कि घाटों पर खुली बिकती हुई नजर आई. सभी जगह फैली गंदगी से अब बीमारी फैलने का अंदेशा है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी: निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था संभालने वाले मुख्य नगर अधिकारी डॉक्टर दयानंद सरस्वती का कहना है कि कांवड़ मेले के दौरान किसी भी जगह साफ-सफाई करने की जगह ही नहीं बची थी. लेकिन कांवड़ मेला समाप्त होते ही निगम द्वारा युद्धस्तर पर सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. पूरे नगर निगम क्षेत्र को 15 जोन में बांट दिया गया है, जिसमें प्रत्येक जोन पर एक सेनेटरी इस्पेक्टर सुपरवाइजर के साथ 50 कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है.

सफाई का यह काम दिन ही नहीं बल्कि रात में भी तब तक लगातार किया जाएगा, जब तक क्षेत्र में फैले कूड़े को पूरी तरह से साफ न कर दिया जाए. क्योंकि अभी भी घाटों पर कांवड़ियों की थोड़ी भीड़ है, जिस कारण कई जगह ऐसी है. जहां पर कूड़ा उठाने के लिए वाहन नहीं पहुंच पा रहे हैं. दिन में फैले हुए कूड़े को एक जगह एकत्र कराया जा रहा है, जिसे रात में वाहनों द्वारा उठा लिया जाएगा.

हरिद्वार: करीब ढाई साल बाद हरिद्वार में आयोजित हुए कांवड़ मेले ने पिछले कई सालों रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. शिवरात्रि पर हरिद्वार का कांवड़ मेला भी संपन्न हो गया. लेकिन इस कांवड़ मेले के बाद हरिद्वार के गंगा घाट हों या पार्किंग स्थल-हाईवे अथवा शहर की गलियां, चारों ओर गंदगी के अंबार नजर आ रहे हैं. धर्मनगरी हरिद्वार कूड़े के ढेर में तब्दील हो गई है. गंगा घाटों से लेकर हरिद्वार के गली मोहल्लों तक सिर्फ कूड़ा ही पूरा नजर आ रहा है. सड़कों पर फैली गंदगी से कोई महामारी न फैले, इसके लिए नगर निगम ने भी सफाई अभियान बड़े स्तर पर शुरू कर दिया है.

इस बार 10 दिन चले कांवड़ मेले में करीब चार करोड़ कांवड़िए हरिद्वार हरकी पैड़ी पर गंगा जल लेने आए थे. कांवड़ मेले के देखते हुए हरिद्वार नगर निगम और प्रशासन ने शुरू में तो साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था की थी, लेकिन जैसे-जैसे हरिद्वार में कांवड़ियों की भीड़ बढ़ी, सारी की सारी व्यवस्थाएं धड़ाम हो गईं. शिवरात्रि से चार दिनों पहले हरिद्वार के अंदर कांवड़ियों का ऐसा हुजूम आया कि हरिद्वार नगर निगम के कर्मचारियों को सफाई करने तक का मौका भी नहीं मिला और इसी वजह से हरिद्वार नगर निगम में कूड़े के ढेर लग गया. कई जगहों पर स्थिति ये है कि वहां कूड़े की वजह से लोगों का चलना फिरना भी मुश्किल है.

हरिद्वार के गंगा घाटों पर लगा गंदगी का अंबार
पढ़ें- भोले की भक्ति में रमीं रेखा आर्य, 25 KM कांवड़ यात्रा कर 1300 साल पुराने वीरभद्र मंदिर में किया जलाभिषेक

क्या कहते हैं लोग: बिड़ला घाट पर रहने वाले प्रभात कुमार का कहना है कि सफाई व्यवस्था में हरिद्वार नगर निगम कांवड़ मेले के दौरान पूरी तरह से फ्लॉप रहा है. जब से मेला शुरू हुआ तभी से नगर निगम का एक भी कर्मचारी बिरला घाट पर झाड़ू लेकर साफ सफाई करता नजर नहीं आया. साफ-सफाई न होने के कारण घाट पर गंदगी का ढेर लगा हुआ है. प्लास्टिक पॉलीथिन बैन करने के बावजूद पूरे मेले में इनका धड़ल्ले से ना केवल प्रयोग हुआ, बल्कि घाटों पर खुली बिकती हुई नजर आई. सभी जगह फैली गंदगी से अब बीमारी फैलने का अंदेशा है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी: निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था संभालने वाले मुख्य नगर अधिकारी डॉक्टर दयानंद सरस्वती का कहना है कि कांवड़ मेले के दौरान किसी भी जगह साफ-सफाई करने की जगह ही नहीं बची थी. लेकिन कांवड़ मेला समाप्त होते ही निगम द्वारा युद्धस्तर पर सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. पूरे नगर निगम क्षेत्र को 15 जोन में बांट दिया गया है, जिसमें प्रत्येक जोन पर एक सेनेटरी इस्पेक्टर सुपरवाइजर के साथ 50 कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है.

सफाई का यह काम दिन ही नहीं बल्कि रात में भी तब तक लगातार किया जाएगा, जब तक क्षेत्र में फैले कूड़े को पूरी तरह से साफ न कर दिया जाए. क्योंकि अभी भी घाटों पर कांवड़ियों की थोड़ी भीड़ है, जिस कारण कई जगह ऐसी है. जहां पर कूड़ा उठाने के लिए वाहन नहीं पहुंच पा रहे हैं. दिन में फैले हुए कूड़े को एक जगह एकत्र कराया जा रहा है, जिसे रात में वाहनों द्वारा उठा लिया जाएगा.

Last Updated : Jul 26, 2022, 7:50 PM IST
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