हरिद्वार/ऋषिकेश: कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद से ही सरकार व जिला प्रशासन अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. हरिद्वार जेल में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. पहले शासन के आदेश पर हरिद्वार जेल में बंद कैदियों की मुलाकात बंद कर दी गई थी. अब हरिद्वार जेल में एक बैरक को आइसोलेशन बैरक के रूप में बदल दिया गया है. जहां बाहर से आने वाले कैदियों को रखा जाएगा. वहीं, कोरोना के खतरे को देखते हुए गंगा सभा ने त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं के लिए शर्तें और नियम लागू कर दिए हैं.
हरिद्वार जिला जेल के अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि हमारे द्वारा कोविड-19 संक्रमण के लगातार बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए हरिद्वार जिला जेल में कई चेंज किए गए हैं. जिसमें एक बैरक को आइसोलेशन बैरक भी बनाया गया है. जिसमें बाहर से आने वाले कैदियों को रखा जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो भी टाइम पीरियड दिया गया है, उसके आधार पर उस अवधि तक उन कैदियों को इस बैरक में रखा जा रहा है. उसके बाद सामान्य बैरक में शिफ्ट कर दिया जा रहा है.
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वहीं, यदि किसी कैदी में किसी भी तरह की सिम्टम्स देखे जा रहे हैं तो उनके लिए भी एक अलग बैरक बनाया गया है. जिससे जिला कारागार में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके. इससे पहले ही प्रशासनिक स्तर पर मुलाकातें भी बंद कर दी गई थी. अब वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बंदी अपने परिवार से मुलाकात कर रहे हैं. आगे भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे.
गंगा आरती में शामिल होने के लिए नियम लागू: कोरोना के खतरे को देखते हुए गंगा सभा ने त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं के लिए शर्तें और नियम लागू कर दिए हैं. अब कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज के सर्टिफिकेट दिखाने के बाद ही श्रद्धालु आरती स्थल में प्रवेश कर पाएंगे. यही नहीं श्रद्धालुओं को मास्क पहनने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा. गंगा सभा ने अपने इन नियम और शर्तों का पालन कराने के लिए व्यवस्थाएं पूरी कर ली हैं. खास बात यह है कि यह नियम और शर्तें गंगा सभा के सभी पदाधिकारियों के लिए भी लागू होंगी.