हरिद्वार: विगत 16 जुलाई को भीमगौड़ा बैराज के गेट टूटने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. गेट टूटने की शासन स्तर पर हुई जांच में सिंचाई विभाग के दो अधिकारी की लापरवाही सामने आई है. सिंचाई विभाग ने बड़ी कार्रवाई में हरिद्वार एसडीओ शिवकुमार कौशिक और अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन को निलंबित कर दिया गया है. जिसके बाद उन्हें हरिद्वार से हटा दिया गया है.
बता दें कि अधीक्षण अभियंता मेरठ के द्वारा की गई जांच में एसडीओ और अधिशासी अभियंता को पूरे मामले में लापरवाही मिलने पर और एसडीओ शिव कुमार को तत्काल निलंबित करते हुए लखनऊ अटैच कर दिया गया है. वहीं अधीक्षण अभियंता की जांच रिपोर्ट में एसडीओ शिवकुमार को ना केवल इस मामले में लापरवाही पाई गई, बल्कि उच्च अधिकारियों और अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ उचित व्यवहार न करने, घटना की सही जानकारी न देने का भी दोषी पाया गया है.
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वहीं इस मामले में अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन पर भी गाज गिरी है. अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन को भी इस मामले में घोर लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है. उन पर इस घटना को सही तरीके से हैंडल न करने और कर्मचारियों से संबंधित मामले में उचित निर्णय न लेने का दोषी पाया गया है. उन्हें निलंबित करते हुए लखनऊ विभाग में अटैच कर दिया गया है. वहीं इस प्रकरण के बाद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग एसडीओ अनिल कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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गौर हो कि 16 जुलाई को हरिद्वार के भीमगौड़ा बैराज का गेट नंबर- 10 अचानक टूट गया था. जिसके चलते मौके पर हड़कंप मच गया था. उस समय गंगा का जलस्तर भी खतरे के निशान को छू रहा था और अलर्ट जारी किया गया था. गेट टूटने के बाद स्थिति को बमुश्किल कंट्रोल किया गया.
छह पेज की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि एसडीओ शिवकुमार द्वारा घटना की सही जानकारी सही समय पर नहीं दी गई और कार्य में लापरवाही बरती गई. इसी के साथ उनके द्वारा कर्मचारियों के साथ आपसी तालमेल न होना पाया गया है. बताते चलें कि भीमगौड़ा बैराज हरिद्वार में स्थित है, जिसका प्रबंधन यूपी सिंचाई विभाग द्वारा किया जाता है.