हरिद्वार: धर्मनगरी में साल 2021 में लगने वाले महाकुंभ में गंगा तट पर गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट के तर्ज पर आस्थापथ बनना स्वीकृत है. आस्थापथ के लिए उत्तराखंड की एक टीम गुजरात साबरमती रिवर फ्रंट का अध्ययन करके लौट चुकी है. अब टीम द्वारा अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे सरकार को आचार संहिता हटते ही सौंपा जाएगा. हरिद्वार में बनने जा रहा यह आस्थापथ 14 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 1 किमी और चौड़ाई 30 मीटर होगी. हालांकि, इसे बनाने के लिए कई झोपड़ियां हटाई जा सकती हैं.
दरअसल, मुख्य अभियंता दिनेश चंद्र के नेतृत्व 4 सदस्यीय टीम साबरमती गई थी. जहां डिजाइन की डीप स्टडी करके टीम लौट आई. अब टीम विचार विमर्श कर आस्था पथ का फाइनल डिजाइन तय करेगी. सिंचाई कार्य मंडल के अधीक्षण अभियंता आरके तिवारी ने बताया कि साबरमती रिवर फ्रंड बोर्ड के साथ बैठक की गई थी. अब उसी तर्ज पर हरिद्वार में भी आस्थापथ विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हरकी पैड़ी के मेन हाई-वे के बगल में पार्ग और वॉक वे होगा, जिससे हरिद्वार का मनमोहक नजारा श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगा.
आस्था पथ करीब 30 मीटर चौड़ा होगा. इसके साथ ग्रीन बेल्ट भी बनाई जाएगी. बताया जा रहा है कि आस्था पथ बनाने के लिए गंगा किनारे की झोपड़ी और चंडीपुल के निर्माण के समय से आबाद लक्कड़ बस्ती को हटाया जाएगा. इसके अलावा रोडी बेलवाला की पुरानी पुलिस चौकी भी हटाई जा सकती है.
बता दें कि कुंभ मेला 2021 के लिए स्वीकृत कार्ययोजना में हाई-वे पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्किंग से चंडी पुल तक गंगा के किनारे ऋषिकेश की तरह आस्था पथ बनने की योजना थी. लेकिन अब इसे साबरमती रिवर फ्रंट के डिजाइन पर विकसित किया जाएगा, जिससे हरकी पैड़ी तक पहुंचने वाले रास्ते की खूबसूरती में भी चार चांद लग जायेंगे. वहीं प्रस्तावित आस्थापथ के गंगा के दूसरी तरफ नमामि गंगे परियोजना के तहत चंडीघाट का निर्माण भी किया गया है.