हरिद्वारः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. बीजेपी अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर चुकी है. हरिद्वार के ज्वालापुर विधानसभा सीट से एक बार फिर बीजेपी ने मौजूदा विधायक सुरेश राठौर को अपना प्रत्याशी बनाया है. सुरेश राठौर पर कई विवादित मामले चलने के बाद भी बीजेपी ने उन पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है. वहीं सुरेश राठौर को प्रत्याशी बनाकर बीजेपी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को बैठे-बिठाए मुद्दा दे दिया है.
बता दें कि बहादराबाद थाना क्षेत्र की रहने वाली बीजेपी नेत्री ने बीते साल यानी 5 अगस्त 2021 को विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था. उसके बाद पीड़िता ने अपना मुकदमा वापस लिए जाने की बात कही थी. जिस पर पुलिस ने एफआर रिपोर्ट लगा दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हरिद्वार के सीजेएम मुकेश चंद्र आर्य ने पुलिस की रिपोर्ट को रिजेक्ट करते हुए हरिद्वार पुलिस को दोबारा से इस मामले में जांच करने के आदेश दिए हैं.
ये भी पढ़ेंः इधर बीजेपी के सुरेश राठौड़ को टिकट मिला, उधर कोर्ट ने दुष्कर्म मामले की दोबारा जांच के दिए आदेश
बीजेपी पर AAP हुई हमलावरः सुरेश राठौर को टिकट दिए जाने और उन पर लगे आरोपों की कोर्ट की ओर से दोबारा जांच के आदेश दिए गए हैं. जिस पर आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता हेमा भंडारी ने कहा कि सुरेश राठौर को टिकट दिए जाने के बाद बीजेपी का असली चेहरा सामने आ गया है. बीजेपी की करनी और कथनी में कितना अंतर है, वो आज साफ हो चुका है. वैसे तो बीजेपी महिला सशक्तिकरण की बात करती है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करती है, लेकिन महिलाओं के साथ नाइंसाफी करने वाले को टिकट देने से बीजेपी का असली चेहरे सामने आ गया है.
कांग्रेस ने बोला तीखा हमलाः वहीं, बीजेपी की ओर से सुरेश राठौर को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी जब से सत्ता में आई है, उसके नेताओं पर अक्सर संगीन आरोप लगते रहे हैं. बीजेपी उन आरोपियों को हमेशा बचाने का काम करती है. उन्होंने कहा कि एक महिला ने सुरेश राठौर पर संगीन आरोप लगाए हैं. जिसके बाद उस महिला पर दबाव बनाकर उसका मुंह बंद कर दिया गया.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि महिला के साथ नाइंसाफी करने वाले नेता को टिकट दिए जाने का खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पूर्व में खुद ही कहा था कि वे दागी नेताओं को पार्टी से बाहर करेंगे. जबकि, बीजेपी की ओर से एक दागी नेता को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव में उतारा गया है.
ये भी पढ़ेंः ज्वालापुर से बीजेपी MLA सुरेश राठौर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज
अब क्या बोले सुरेश राठौरः वहीं, बीजेपी के ज्वालापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी सुरेश राठौर का कहना है कि हालांकि, पिछले दिनों कुछ घटना जरूर सामने आए, लेकिन सभी दूर हो गई हैं. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें एक बार फिर प्रत्याशी के रूप में उतारा है. उन्हें उम्मीद है कि वो पहले से अधिक वोट लेकर जीत हासिल करेंगे.
ये है पूरा मामलाः ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर ने साल 2021 में अपनी एक महिला समर्थक और उसके पति पर ब्लैकमेल कर रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. मामले पर ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जमानत पर जेल से छूटने के बाद महिला समर्थक ने विधायक सुरेश राठौर पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए बहादराबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया. बाद में नाटकीय घटनाक्रम के तहत सुरेश राठौड़ ने महिला समर्थक को क्षमा करने का दावा किया. जबकि महिला समर्थक ने भी आरोप वापस ले लिए थे.
इस पर पुलिस ने विधायक के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाकर कोर्ट भेज दी. लेकिन कोर्ट ने पीड़िता के पहले और बाद के बयानों पर विरोधाभास पाते हुए और अंतिम रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद सीजेएम जस्टिस मुकेश चंद आर्य की अदालत ने अंतिम रिपोर्ट निरस्त करते हुए दोबारा जांच के आदेश दिए हैं. जांच रिपोर्ट तीन महीने के भीतर मांगी गई है.