हरिद्वार: हर की पैड़ी पर बहने वाली मां गंगा की धारा को स्कैप चैनल बताने वाला शासनादेश अब चुनावी मुद्दा बन गया है. आम आदमी पार्टी अब स्कैप चैनल वाले मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी को घेरने में लगी है. आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है कि अगर 2022 विधानसभा चुनाव अगर 'आप' की सरकार बनती है तो वे इस शासनादेश को रद्द करेंगे.
हरिद्वार में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश प्रवक्ता नवीन परसाली ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मां गंगा की अविरल धारा को स्कैप चैनल घोषित कर देना सनातन धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ है. कांग्रेस और बीजपी ने अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए मां गंगा का नाम बदलकर स्कैप चैनल रख दिया है, जिसे आम आदमी पार्टी बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेगी.
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उन्होंने साफ तौर से कहा कि स्कैप चैनल के मुद्दे को लेकर वो जनता के बीच जाएंगे. साथ ही आने वाले चुनाव में वे इसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी इसे शामिल करेंगे. उन्होंने कहा अगर 2022 विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार बनती है तो वे इस शासनादेश को रद्द करने का काम करेंगे.
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बता दें कि हर की पैड़ी स्कैप चैनल वाला शासनादेश रद्द करने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने तीर्थ पुरोहितों के धरने को भी समर्थन दिया था. अब राजनीतिक लाभ लेने के लिए इसे चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है. वहीं, आप प्रवक्ता हेमा भंडारी ने बीजेपी कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने चार साल पहले जो पाप किया था, उसी पाप को भाजपा की मौजूदा सरकार आगे बढ़ाने में लगी हुई है.
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कई बार राज्य के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक इस काले कानून को रद्द करने का भरोसा दे चुके हैं, मगर इस पर आजतक कोई निर्णय नहीं हो पाया है. आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर प्रदेश में सर्वे करवा कर आंदोलन करेगी.
वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस जिस मां गंगा को लेकर सियासत करती रही, वहीं हर की पैड़ी में बहने वाली गंगा आज इतने समय बीत जाने के बाद आज भी बतौर स्कैप चैनल बह रही है. कलेर का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस मां गंगा के नाम पर सिर्फ सियासत करती आई हैं. यही कारण है कि 2016 से हर की पैड़ी में बहने वाली मां गंगा की अविरल धारा आज भी कागजों में नहर के रूप में बह रही है. उन्होंने कहा कि इसके इतिहास को देखा जाए तो इसी अविरल धारा को मां गंगा का अस्तित्व देने के लिए कई प्रयास किए गए. तब जाकर गंगा का अस्तित्व हर की पैड़ी में बहने वाली धारा को मिला. उन्होंने कहा कुंभ होने जा रहा है ऐसे में सवाल उठता है कि क्या करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक रही गंगा में स्नान करने वाले क्या कागजों में नहर स्वरूप नदी में स्नान करेंगे?