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43वीं अंतरराष्ट्रीय ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कॉन्फ्रेंस में दिखे भविष्य के हथियार - देहरादून न्यूज

सेमिनार के ऑर्डिनेटर वैज्ञानिक सुधीर खरे ने बताया कि पांच साल में एक बार ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है. जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और छात्र शामिल होते हैं.

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Published : Oct 21, 2019, 11:11 PM IST

देहरादून: डीआरडीओ के आईआरडीई शाखा में इन दिनों 43वीं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल का आयोजन किया गया. जिसमें सैन्य सुरक्षा से जुड़ी तमाम आधुनिक और नई तकनीकों से जुड़े हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई. जिसे सेना भविष्य में इस्तेमाल करेगी. पांच साल में एक बार इस तरह की प्रदर्शनी लगाई जाती है. जिसमें देश-विदेश के तकरीबन 500 वैज्ञानिक, शोधकर्ता और स्टूडेंट शामिल होते हैं.

43वीं अंतरराष्ट्रीय ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कॉन्फ्रेंस

सेमिनार के ऑर्डिनेटर वैज्ञानिक सुधीर खरे ने बताया कि पांच साल में एक बार ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है. जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और छात्र शामिल होते हैं.

पढ़ें- उपचुनाव: 18 राज्यों की 51 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर हुआ मतदान

टेक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस सम्मेलन में भारतीय ऑप्टिकल निर्माताओं को भी एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल रहा है. उन्होंने बताया कि वे नाइट विजन और थर्मल डिवाइस भारतीय सेना को सप्लाई करते है. उन्हें भी यहां देश और दुनिया की आधुनिक तकनीकों से रूबरू होने का मौका मिला है.

देहरादून: डीआरडीओ के आईआरडीई शाखा में इन दिनों 43वीं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल का आयोजन किया गया. जिसमें सैन्य सुरक्षा से जुड़ी तमाम आधुनिक और नई तकनीकों से जुड़े हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई. जिसे सेना भविष्य में इस्तेमाल करेगी. पांच साल में एक बार इस तरह की प्रदर्शनी लगाई जाती है. जिसमें देश-विदेश के तकरीबन 500 वैज्ञानिक, शोधकर्ता और स्टूडेंट शामिल होते हैं.

43वीं अंतरराष्ट्रीय ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल कॉन्फ्रेंस

सेमिनार के ऑर्डिनेटर वैज्ञानिक सुधीर खरे ने बताया कि पांच साल में एक बार ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है. जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और छात्र शामिल होते हैं.

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टेक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस सम्मेलन में भारतीय ऑप्टिकल निर्माताओं को भी एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल रहा है. उन्होंने बताया कि वे नाइट विजन और थर्मल डिवाइस भारतीय सेना को सप्लाई करते है. उन्हें भी यहां देश और दुनिया की आधुनिक तकनीकों से रूबरू होने का मौका मिला है.

Intro:
एंकर- देहरादून डीआरडीओ के आईआरडीई शाखा में इन दिनों 43वीं अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स का आयोजित किया जा रहा है। इस वर्कशॉप की खासबात यह है कि इसमें देश-विदेश से आये निर्माता सैन्य सुरक्षा से जुड़ी उन तमाम आधुनिक और बिल्कुल एक्सक्लुसिव तकनीकों की प्रदर्शनी करते हैं जिस से प्रभावित होकर सेना इन्हें निकट भविष्य में इस्तमाल करती है। हर पांच साल बाद आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में देश-विदेश के तकरीबन 500 वैज्ञानिक, शोधकर्ता और स्टूडेंट शामिल है।


Body:वीओ- ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा इस वर्ष 43 में ICOL संगोष्ठी का आयोजन देहरादून डीआरडीओ के आईआरडीई में आयोजित किया जा रहा है परिसर में आयोजित किया जा रहा है।

इस सम्मेलन में ऑप्टिकल electro-optical के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डिफेंस विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इस सेमिनार में दुनिया भर से तकरीबन 100 से ज्यादा इनवाइटेड वक्ता और 400 से अधिक रिसर्चर आए हैं जिनके द्वारा हैरतंगेज करने वाली आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन इस सम्मेलन में किया जा रहा है।

सेमिनार को ऑर्डिनेटर वैज्ञानिक सुधीर खरे ने बताया कि हर 5 साल बाद ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा इस वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक शोधकर्ता और छात्र मौजूद होते हैं। सुधीर खरे ने बताया ऑप्टिकल का आज हर देश की सेना में बहुत बड़ी भूमिका है, जिसके लिए इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन होना बेहद जरूरी है ताकि नई तकनीकों से और नई रिसर्च को सैन्य इण्डेक्स में शामिल किया जा सके।

बाइट- सुधीर खरे, संयोजक ICOL

तो वहीं अंतराष्ट्रीय स्तर के इस सम्मेलन में भारतीय ऑप्टिकल निर्माताओं को भी एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल रहा है। वर्कशॉप में आये भारतीय डिफेन्स मेनीफेक्चर टेक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड का पर्तनिधि कर रहे व्यक्ति ने हमे बताया कि वो नाइट विजन और थर्मल डिवाइस भारतीय सेना को सप्लाई करते है और उन्हें यंहा पर आकर देश और दुनिया की आधुनिक तकनीकों से रूबरू होने का मौका मिला है।

बाइट- प्रतिनिधि, टेक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड



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