देहरादून: डीआरडीओ के आईआरडीई शाखा में इन दिनों 43वीं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ऑफ ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल का आयोजन किया गया. जिसमें सैन्य सुरक्षा से जुड़ी तमाम आधुनिक और नई तकनीकों से जुड़े हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई. जिसे सेना भविष्य में इस्तेमाल करेगी. पांच साल में एक बार इस तरह की प्रदर्शनी लगाई जाती है. जिसमें देश-विदेश के तकरीबन 500 वैज्ञानिक, शोधकर्ता और स्टूडेंट शामिल होते हैं.
सेमिनार के ऑर्डिनेटर वैज्ञानिक सुधीर खरे ने बताया कि पांच साल में एक बार ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है. जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और छात्र शामिल होते हैं.
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टेक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस सम्मेलन में भारतीय ऑप्टिकल निर्माताओं को भी एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल रहा है. उन्होंने बताया कि वे नाइट विजन और थर्मल डिवाइस भारतीय सेना को सप्लाई करते है. उन्हें भी यहां देश और दुनिया की आधुनिक तकनीकों से रूबरू होने का मौका मिला है.