रुड़की: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड की ओर से गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हों, लेकिन रुड़की में विभाग की लापरवाही और जागरूकता के अभाव में इन योजनाओं को पलीता लगता नजर आ रहा है. राज्य सरकार के करोड़ों की योजनाएं संचालित किए जाने के बावजूद शहर में 200 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. इनमें 120 बच्चे अति कुपोषित हैं.
बाल विकास विभाग के रुड़की कार्यालय के अधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में कार्यालय के पास रुड़की और आसपास के क्षेत्र के 200 बच्चे ऐसे हैं, तो कुपोषण का शिकार हैं. इनमें 120 बच्चे अति कुपोषित हैं. अक्सर देखने में आता है कि अभिभावक बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान नहीं देते हैं. केवल दूध, दाल का पानी और चावल का पानी पिलाकर ही इतिश्री कर लेते हैं. इसके अलावा बच्चों के वजन और लंबाई पर ध्यान नहीं दिया जाता. इससे बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं.
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इस समय बाल विकास विभाग की ओर से राष्ट्रीय पोषाहार माह चलाया जा रहा है. इसमें विभाग की ओर से गर्भवती महिलाओं को अपने और बच्चों की तंदुरुस्ती बनाए रखने के लिए खानपान आदि की जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही विभाग की गर्भवती महिलाओं को महालक्ष्मी किट भी दी जा रही है. इसके बावजूद गांव से लेकर शहर तक के बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं.