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महाकुंभ में आए 18 इंच के बाबा की बड़ी है महिमा, सेल्फी के लिए लग रही भीड़ - 18 inches length Narayan Nand Giri Maharaj

जूना अखाड़े के 18 इंच लंबे और 18 किलो वजनी नागा संन्यासी कुंभ में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. लोग इनके दर्शन करने के साथ ही सेल्फी भी ले रहे हैं.

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महाकुंभ में छोटे बाबा की बड़ी महिमा
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Published : Mar 27, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Mar 28, 2021, 9:26 PM IST

हरिद्वार: कुंभ में साधु-संतों के अलग अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. कोई अपनी अनोखी साधना से तो कोई अपनी वेशभूषा से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. ऐसी ही अनूठी कद-काठी के संत नारायण नंद गिरि महाराज भी कुंभ में खासी चर्चाएं बटोर रहे हैं. नारायण नंद गिरि के शरीर की लंबाई 18 इंच और वजन 18 किलो है. ये बाबा हरिद्वार के बिरला घाट पुल के पास रहते हैं. यहां सुबह शाम इन्हें देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है. नारायण नंद गिरि महाराज जूना अखाड़े के नागा संन्यासी हैं. इनका जीवन कठिनाइयों भरा रहा है. आखिर नारायण नंद गिरि महाराज नागा संन्यासी क्यों बने, देखिये हमारी खास रिपोर्ट.

महाकुंभ में आए 18 इंच छोटे बाबा की बड़ी है महिमा

धर्मनगरी हरिद्वार के कुंभ मेले में 18 इंच और 18 किलो के नागा संन्यासी नारायण नंद गिरि सबके लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. नारायण नंद गिरि ने 2010 के कुंभ में संन्यास की दीक्षा ली. तब से आज तक संन्यास परंपरा को बखूबी निभा रहे हैं. संन्यास की दीक्षा लेने से पहले उन्हें अपने छोटे कद काठी के लिए काफी ताने सुनने पड़ते थे. यही कारण रहा कि उनका मन संन्यास की तरफ मुड़ गया.

पढ़ें- अजब-गजब: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को मिला गॉर्ड ऑफ ऑनर, सरकारी हेलीकॉप्टर दे रहा सेवा

आज वह जूना अखाड़े के नागा संन्यासी बन गए हैं. नारायण नंद गिरि बताते हैं कि वे झांसी का रहने वाले है. संन्यास की दीक्षा लेने से पहले उनका सत्यनारायण पाठक था. 2010 के कुंभ मेले में उन्होंने संन्यास की दीक्षा ली. उसके बाद से वे जूना अखाड़े में नागा संन्यासी हो गए. तब से उका नाम नारायण नंद गिरि है. अभी उनकी उम्र 55 साल है.

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संत नारायण नंद गिरि महाराज.

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नारायण नंद गिरि का कद छोटा होने के साथ ही उन्हें कानों से सुनाई भी नहीं देता है. इसी कारण उनकी सेवा उनके शिष्य राजपाल द्वारा की जाती है. नारायण नंद गिरि के शिष्य राजपाल ही नहलाने सहित पूजा पाठ में सहयोग किया जाता है. जो भी श्रद्धालु उनके दर्शन करने आते हैं, उन्हें बाबा से राजपाल ही मिलवाते हैं. श्रद्धालु 18 इंच के नागा संन्यासी का दर्शन कर काफी खुश होते हैं. इनके साथ सेल्फी भी लेते हैं.

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हरिद्वार कुंभ मेले में अलग-अलग साधु संत देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के मन को मोह रहे हैं. मगर कुंभ में ही आखिर क्यों ऐसे साधुओं के दर्शन होते हैं. इसको लेकर प्रखरजी महाराज का कहना है कि कुंभ मेला 12 वर्षों में लगता है. कुंभ में देश भर के अलग-अलग प्रकार के साधु संत आते हैं, मगर अन्य समय में साधु संतों के प्रति लोगों में आकर्षण नहीं होता.

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नारायण नंद गिरि के शिष्य.

जब कुंभ में श्रद्धालु इन साधुओं को देखते हैं तो उनके मन में आता है इन साधुओं के बारे में जाना जाए. इनका कहना है कि कुंभ ही एक ऐसा पर्व है जब लाखों की संख्या में अलग-अलग प्रकार के साधु कुंभ नगरी में पहुंचते हैं. यही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी होता है इसी कारण कुंभ मेले में ही अलग-अलग प्रकार के साधु देखने को मिलते हैं.

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रुद्राक्ष जपते नारायण नंद गिरि.

पढ़ें- लोक जनशक्ति पार्टी ने उठाई आवाज, गरीबों को मिले PM आवास योजना का लाभ

नारायण नंद गिरि महाराज के दर्शन कर श्रद्धालु भी काफी आनंदित हो रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि 18 किलो और 18 इंच के नागा संन्यासी नारायण नंद गिरि हरिद्वार कुंभ में आए हैं जो श्रद्धालुओं के लिए एक अलग ही आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. काफी संख्या में श्रद्धालु इनके दर्शन कर रहे हैं. हमे भी इनके दर्शन करके काफी अच्छा लग रहा है.

हरिद्वार: कुंभ में साधु-संतों के अलग अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. कोई अपनी अनोखी साधना से तो कोई अपनी वेशभूषा से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. ऐसी ही अनूठी कद-काठी के संत नारायण नंद गिरि महाराज भी कुंभ में खासी चर्चाएं बटोर रहे हैं. नारायण नंद गिरि के शरीर की लंबाई 18 इंच और वजन 18 किलो है. ये बाबा हरिद्वार के बिरला घाट पुल के पास रहते हैं. यहां सुबह शाम इन्हें देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है. नारायण नंद गिरि महाराज जूना अखाड़े के नागा संन्यासी हैं. इनका जीवन कठिनाइयों भरा रहा है. आखिर नारायण नंद गिरि महाराज नागा संन्यासी क्यों बने, देखिये हमारी खास रिपोर्ट.

महाकुंभ में आए 18 इंच छोटे बाबा की बड़ी है महिमा

धर्मनगरी हरिद्वार के कुंभ मेले में 18 इंच और 18 किलो के नागा संन्यासी नारायण नंद गिरि सबके लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. नारायण नंद गिरि ने 2010 के कुंभ में संन्यास की दीक्षा ली. तब से आज तक संन्यास परंपरा को बखूबी निभा रहे हैं. संन्यास की दीक्षा लेने से पहले उन्हें अपने छोटे कद काठी के लिए काफी ताने सुनने पड़ते थे. यही कारण रहा कि उनका मन संन्यास की तरफ मुड़ गया.

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आज वह जूना अखाड़े के नागा संन्यासी बन गए हैं. नारायण नंद गिरि बताते हैं कि वे झांसी का रहने वाले है. संन्यास की दीक्षा लेने से पहले उनका सत्यनारायण पाठक था. 2010 के कुंभ मेले में उन्होंने संन्यास की दीक्षा ली. उसके बाद से वे जूना अखाड़े में नागा संन्यासी हो गए. तब से उका नाम नारायण नंद गिरि है. अभी उनकी उम्र 55 साल है.

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संत नारायण नंद गिरि महाराज.

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नारायण नंद गिरि का कद छोटा होने के साथ ही उन्हें कानों से सुनाई भी नहीं देता है. इसी कारण उनकी सेवा उनके शिष्य राजपाल द्वारा की जाती है. नारायण नंद गिरि के शिष्य राजपाल ही नहलाने सहित पूजा पाठ में सहयोग किया जाता है. जो भी श्रद्धालु उनके दर्शन करने आते हैं, उन्हें बाबा से राजपाल ही मिलवाते हैं. श्रद्धालु 18 इंच के नागा संन्यासी का दर्शन कर काफी खुश होते हैं. इनके साथ सेल्फी भी लेते हैं.

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हरिद्वार कुंभ मेले में अलग-अलग साधु संत देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के मन को मोह रहे हैं. मगर कुंभ में ही आखिर क्यों ऐसे साधुओं के दर्शन होते हैं. इसको लेकर प्रखरजी महाराज का कहना है कि कुंभ मेला 12 वर्षों में लगता है. कुंभ में देश भर के अलग-अलग प्रकार के साधु संत आते हैं, मगर अन्य समय में साधु संतों के प्रति लोगों में आकर्षण नहीं होता.

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नारायण नंद गिरि के शिष्य.

जब कुंभ में श्रद्धालु इन साधुओं को देखते हैं तो उनके मन में आता है इन साधुओं के बारे में जाना जाए. इनका कहना है कि कुंभ ही एक ऐसा पर्व है जब लाखों की संख्या में अलग-अलग प्रकार के साधु कुंभ नगरी में पहुंचते हैं. यही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी होता है इसी कारण कुंभ मेले में ही अलग-अलग प्रकार के साधु देखने को मिलते हैं.

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रुद्राक्ष जपते नारायण नंद गिरि.

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नारायण नंद गिरि महाराज के दर्शन कर श्रद्धालु भी काफी आनंदित हो रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि 18 किलो और 18 इंच के नागा संन्यासी नारायण नंद गिरि हरिद्वार कुंभ में आए हैं जो श्रद्धालुओं के लिए एक अलग ही आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. काफी संख्या में श्रद्धालु इनके दर्शन कर रहे हैं. हमे भी इनके दर्शन करके काफी अच्छा लग रहा है.

Last Updated : Mar 28, 2021, 9:26 PM IST
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