देहरादून: उत्तराखंड में कोविड-19 को लेकर विभिन्न संस्थानों और प्रतियोगी परीक्षाओं को कराने वाले संस्थाओं द्वारा कोविड-19 टेस्ट को जरूरी किया गया है. ऐसे में युवा इन परीक्षाओं में शामिल होने से पहले खुद का कोई टेस्ट कराने में जुटे हुए हैं. देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में भी युवा इन्हीं वजहों से भारी संख्या में पहुंच रहे हैं.
उत्तराखंड में न चाहते हुए भी इन दिनों युवाओं को बड़ी संख्या में अस्पतालों की तरफ रुख करते हुए खुद का कोविड-19 टेस्ट करवाना पड़ रहा है. दरअसल, प्रतियोगी परीक्षाओं में कुछ संस्थानों द्वारा कोविड-19 जरूरी किया गया है. इसके बाद ही अभ्यार्थी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो सकता है. इसी तरह कुछ कॉलेज भी परीक्षा से पहले युवाओं का टेस्ट जरूरी रूप से चेक कर रहे हैं. ऐसे में इन युवाओं को भी कोविड-19 टेस्ट के लिए अस्पतालों में आना पड़ रहा है.
दून मेडिकल कॉलेज में ऐसे ही युवाओं की इन दिनों भीड़ लगी हुई है. खास तौर पर लैंसडाउन में होने वाली सेना की भर्ती के लिए युवा पहले ही कोविड-19 टेस्ट करा रहे हैं, ताकि वे इस भर्ती में शामिल हो सके. इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं से पहले भी टेस्ट को जरूरी रखा गया है. ऐसे में परीक्षाओं में शामिल होने वाले ऐसे छात्र भी मेडिकल कॉलेज में आ रहे हैं और अपना टेस्ट करवा रहे हैं.
खास बात यह है कि दून मेडिकल कॉलेज में ऐसे युवाओं को राहत देते हुए इन सभी का आरटी पीसीआर टेस्ट फ्री करने का प्रयास किया है. इसके तहत सभी युवाओं का फ्री में यह टेस्ट किया जा रहा है. इन दिनों औसतन ढाई सौ टेस्ट हर रोज दून मेडिकल कॉलेज में किए जा रहे हैं. करीब एक हफ्ते से युवा दून मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं. शुरू में 100 अभ्यर्थियों के टेस्ट किए जा रहे थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर अब ढाई सौ पहुंच गई है. दून मेडिकल कॉलेज के पीआरओ गौरव चौहान ने बताया कि युवाओं की सुविधा के लिए पीआरओ कक्ष भी तैयार किया गया है, ताकि किसी तरह की दिक्कत आने पर युवा इस कार्यालय में संपर्क कर अपनी समस्याओं को दूर कर सकें.
कॉलेज से जुड़े तमाम संस्थानों ने परीक्षाओं से पहले छात्रों का कोविड-19 जरूरी किया है. ऐसे में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अस्पतालों में टेस्ट करवा रहे हैं. टेस्ट कराने वाली छात्राओं का कहना है कि कॉलेज की तरफ से कोरोना टेस्ट जरूरी किया गया है, इसलिए यह करवाना उनकी मजबूरी है.