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देवभूमि के शिवालयों में भोले का जलाभिषेक, शहीदों के सम्मान में हुई विशेष पूजा

देवभूमि उत्तराखंड के सारे शिवालयों में सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ लगी हुई है.

शिवरात्रि में मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.
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Published : Mar 4, 2019, 2:06 PM IST

देहरादून: पूरे देश में शिवरात्रि की धूम मची है, मंदिरों और शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा है. महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर शिवभक्त भक्तिमय होकर भगवान शंकर की पूजा कर रहे हैं और शिवलिंग का श्रृंगार कर जलाभिषेक कर रहे हैं. वहीं मंदिरों में हर-हर महादेव के नारे से गुंजायमान कतारों में लगे लोग भगवान भोले का अभिषेक करने के लिए इंतजार करते दिखाई दिये.

शिवरात्रि में मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.


देवभूमि उत्तराखंड के सारे शिवालयों में सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ लगी हुई है. राजधानी देहरादून स्थित टपकेश्वर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. यह मंदिर पौराणिक काल का बताया जाता है. साथ ही महाभारत काल के महान योद्धा अश्वत्थामा से भी इस मंदिर का संबंध बताया जाता है. इसलिये इस मंदिर की लोगों में काफी महत्ता है.
वहीं मंदिर के पुरोहित पंडित विपिन जोशी ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि सोमवार के दिन पड़ी है, ऐसे में आज का दिन बेहद ही शुभ है. वहीं इस बार शिवरात्रि के मौके पर मंदिर में कई शिव शिवलिंग तैयार किए गए हैं जो देश की रक्षा में जान न्योछावर करने वाले जवानों के नाम हैं.

पढ़ें-महाशिवरात्रि के दिन पाना चाहते हैं महादेव की कृपा तो अपनाएं पूजा की ये विधि


हल्द्वानी
महाशिवरात्रि के मौके पर हल्द्वानी सहित पूरे नैनीताल जिले के मंदिरों में भीड़ सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. हल्द्वानी के पिपलेश्वर महादेव, अष्टभुजी महालक्ष्मी मंदिर और लालकुआं अवंतिका शक्तिपीठ में सुबह से लोगों का जुटना शुरू हो गया था. साथ ही ये सिलसिला जारी है. श्रद्धालु मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजा- अर्चना कर रहे हैं. मंदिरों में सुबह से लोग लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिये. वहीं अवंतिका शक्तिपीठ में दूर-दूर से श्रद्धालु जलाभिषेक के लिये पहुंच रहे हैं.

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ऋषिकेश
सोमवार को महाशिवरात्रि पड़ने की वजह से लोगों में खासा उत्साह दिख रहा है. लोग ऋषिकेश के वीरभद्र मंदिर में सुबह से ही भगवान शिव को दूध, दही और गंगाजल से अभिषेक कर रहे हैं.सुबह से ही तीर्थ नगरी के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है. शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए ऋषिकेश स्थित पौराणिक वीरभद्र मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी लंबी लाइन लगी दिखाई दी. साथ ही पूरा परिसर हर-हर महादेव के उद्घोष से शिवमय हो गया. साथ ही नीलकंठ महादेव मंदिर में भी सुबह से भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया था. वहीं कुछ लोगों ने पुलवामा में शहीद हुए शहीदों की आत्मा की शांति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की.


मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि वीरभद्र भगवान शिव का भैरव स्वरूप है. स्कंदपुराण के केदारखंड में वर्णित कथानुसार शिव ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ को ध्वस्त करने के लिए अपनी जटा को पटक कर वीरभद्र की उत्पत्ति की थी. माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर वीरभद्र का क्रोध शांत किया था और वीरभद्र ने ही यहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी. बताया जाता है कि वीरभद्र महादेव का यह इकलौता मंदिर है.

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देहरादून: पूरे देश में शिवरात्रि की धूम मची है, मंदिरों और शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा है. महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर शिवभक्त भक्तिमय होकर भगवान शंकर की पूजा कर रहे हैं और शिवलिंग का श्रृंगार कर जलाभिषेक कर रहे हैं. वहीं मंदिरों में हर-हर महादेव के नारे से गुंजायमान कतारों में लगे लोग भगवान भोले का अभिषेक करने के लिए इंतजार करते दिखाई दिये.

शिवरात्रि में मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.


देवभूमि उत्तराखंड के सारे शिवालयों में सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ लगी हुई है. राजधानी देहरादून स्थित टपकेश्वर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. यह मंदिर पौराणिक काल का बताया जाता है. साथ ही महाभारत काल के महान योद्धा अश्वत्थामा से भी इस मंदिर का संबंध बताया जाता है. इसलिये इस मंदिर की लोगों में काफी महत्ता है.
वहीं मंदिर के पुरोहित पंडित विपिन जोशी ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि सोमवार के दिन पड़ी है, ऐसे में आज का दिन बेहद ही शुभ है. वहीं इस बार शिवरात्रि के मौके पर मंदिर में कई शिव शिवलिंग तैयार किए गए हैं जो देश की रक्षा में जान न्योछावर करने वाले जवानों के नाम हैं.

पढ़ें-महाशिवरात्रि के दिन पाना चाहते हैं महादेव की कृपा तो अपनाएं पूजा की ये विधि


हल्द्वानी
महाशिवरात्रि के मौके पर हल्द्वानी सहित पूरे नैनीताल जिले के मंदिरों में भीड़ सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. हल्द्वानी के पिपलेश्वर महादेव, अष्टभुजी महालक्ष्मी मंदिर और लालकुआं अवंतिका शक्तिपीठ में सुबह से लोगों का जुटना शुरू हो गया था. साथ ही ये सिलसिला जारी है. श्रद्धालु मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजा- अर्चना कर रहे हैं. मंदिरों में सुबह से लोग लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिये. वहीं अवंतिका शक्तिपीठ में दूर-दूर से श्रद्धालु जलाभिषेक के लिये पहुंच रहे हैं.

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ऋषिकेश
सोमवार को महाशिवरात्रि पड़ने की वजह से लोगों में खासा उत्साह दिख रहा है. लोग ऋषिकेश के वीरभद्र मंदिर में सुबह से ही भगवान शिव को दूध, दही और गंगाजल से अभिषेक कर रहे हैं.सुबह से ही तीर्थ नगरी के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है. शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए ऋषिकेश स्थित पौराणिक वीरभद्र मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी लंबी लाइन लगी दिखाई दी. साथ ही पूरा परिसर हर-हर महादेव के उद्घोष से शिवमय हो गया. साथ ही नीलकंठ महादेव मंदिर में भी सुबह से भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया था. वहीं कुछ लोगों ने पुलवामा में शहीद हुए शहीदों की आत्मा की शांति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की.


मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि वीरभद्र भगवान शिव का भैरव स्वरूप है. स्कंदपुराण के केदारखंड में वर्णित कथानुसार शिव ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ को ध्वस्त करने के लिए अपनी जटा को पटक कर वीरभद्र की उत्पत्ति की थी. माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर वीरभद्र का क्रोध शांत किया था और वीरभद्र ने ही यहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी. बताया जाता है कि वीरभद्र महादेव का यह इकलौता मंदिर है.

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Intro:आजा मां शिवरात्रि का पर्व धर्म नगरी हरिद्वार में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए सुबह तड़के से ही भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई सुबह से ही दक्षेश्वर महादेव बिल्केश्वर महादेव तिलभांडेश्वर महादेव गौरी शंकर और नीलेश्वर महादेव मंदिर पर भक्तों भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं शिव भक्तों ने आज शिवरात्रि पर व्रत भी रखा है मंदिरों में भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के भी बंदोबस्त किए गए हैं माना जाता है कि दक्षेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है क्योंकि शिव यहां पर विराजमान रहते हैं यह सिर्फ की ससुराल भी है


Body:दक्ष प्रजापति दक्षेश्वर महादेव का काफी महत्व माना जाता है और यहां जलाभिषेक करने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है क्योकि यह शिव की ससुराल है और सिर्फ यहां शिव विराजमान रहते हैं ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिस पुरी का कहना है कि यहां पर जलाभिषेक करने से जो भी मन में कामना हो वह पूरी होती है यह मंदिर बड़ा आलौकिक है और यहां पर जलाभिषेक करने के साथ बेलपत्र भांग धतूरा अगर शिव को चढ़ाया जाए तो शिव तुरंत प्रसन्न होते हैं और जैसे केदारनाथ पर पूजा करने का फल मिलता है वैसा ही फल दक्षेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करने का मिलता है

बाइट-- प्रतीक मिस्रपुरी--ज्योतिष आचार्य


भगवान भोलेनाथ की ससुराल कनखल के दृश्य विषय महादेव के मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है भक्त लंबी लंबी कतारों में लगकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र अति प्रिय है इसलिए भक्त बेलपत्र फूल दूध दही शहद और गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक कर रहे हैं भक्तों का मानना है कि बाबा भोलेनाथ की आराधना करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं और भोलेनाथ अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं इसलिए वह भगवान शिव का जलाभिषेक करने दक्षेश्वर महादेव पर आए हैं

बाइट--अंजना--श्रद्धालु
बाइट--प्रदीप--श्रद्धालु


Conclusion:धरना की हरिद्वार में महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का शिवालयों में ताला लगा हुआ है भारी संख्या में भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं और भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना कर रहे भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी कड़े बंदोबस्त किए हुए हैं हर मंदिर में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाया गया है
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