देहरादून: पूरे विश्व में 4 जुलाई को विश्व जुगनू दिवस मनाया जाता है. इस खास मौके पर आज हम आपको रात में चमकने वाले जीव के बारे में बताएंगे, जो रात के समय चमकता है. अक्सर आपने भी रात के समय जुगनुओं को चमकते हुए जरूर देखा होगा. इसे देखने के बाद आपके मन में भी ये सवाल उठता होगा कि आखिर जुगनू रात में क्यों चमकते हैं? अगर नहीं, तो चलिए इसके बारे में आज हम आपको बताते हैं.
जुगनू कुदरत का वो नायाब तोहफा है, जो खुद से रोशन होने का करिश्मा रखता है. कुदरत की बहुत गहरी समझ रखने वाले लोग इस संसार की अहमियत समझते हैं. दुनिया की दिखावटी चकाचौंध के परे जुगनुओं से वो सुंदर घाटियां रोशन होती हैं, जहां दूर-दूर तक मानव निर्मित कोई चीज ना हो. ऐसे में दुनिया भर के प्रकृति प्रेमी चिंतित हैं. दुनिया भर में जुगनुओं के सरक्षंण के लिए हर साल 3 और 4 जुलाई को विश्व जुगनू दिवस (word firefly day) मनाया जाता है.
शोधकर्ताओं ने शुरू की अनोखी मुहिम
इस बार विश्व जुगनू दिवस के मौके पर पूरी दुनिया भर से कीट विशेषज्ञों द्वारा एक बड़ी मुहिम शुरू की गई है. इस बार नेचर लवर की मदद से शोधकर्ताओं द्वारा दुनिया भर के जुगनुओं की गणना की जा रही है. साथ ही सभी से अपील की गई कि वो अपने आस-पास मौजूद जुगनुओं की तस्वीर खींचे और शोधकर्ताओं द्वारा बनाये गए एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर उपलोड करें.
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जुगनु की संरक्षण और संवर्धन की जरूरत- कीट विशेषज्ञ डॉ. वीपी उनियाल
देहरादून में स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ कीट विशेषज्ञ डॉ. वीपी उनियाल ने ईटीवी भारत से बताया कि जुगनुओं की हम सब के बचपन में एक अलग भूमिका है, लेकिन आज जगनुओं की संख्या घटती जा रही है. ऐसे में आज जुगनुओं के संरक्षण और संवर्धन की बेहद जरूरत है.
पर्यावरण से विलुप्त होते जा रहे जुगनू- पीएचडी स्टूडेंट निधि राणा
पीएचडी स्टूडेंट निधि राणा कहती हैं कि वो लगातार जुगनू को लेकर शोध कर रही हैं. जुगनू लगातार हमारे पर्यावरण से विलुप्त होते जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में जुगनू के ऊपर कई तरह के शोध किए जा रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य इनकी घटती जनसंख्या पर नियंत्रण लगाना है. साथ ही इसके कारणों का भी पता लगाना है. उन्होंने कहा कि जुगनू के संवर्धन और संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनकी मुहिम के साथ जोड़ना होगा.