देहरादून: 31 मई को होने वाले चंपावत उपचुनाव में महिला मतदाताओं (Women voters of Champawat) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि 14 फरवरी को हुए विधानसभा सामान्य चुनाव में चंपावत जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर महिला मतदाताओं ने पुरुष वोटरों की अपेक्षा अधिक मतदान किया था. यही कारण है कि धामी सरकार 2.0 की एकमात्र महिला मंत्री रेखा आर्य (Minister Rekha Arya) आचार संहिता लागू होने के बाद लगातार बनबसा में डेरा डाले हुई हैं.
विधानसभा चुनाव 2022 में महिला वोट प्रतिशत: चंपावत विधानसभा क्षेत्र के 151 मतदान केंद्रों में से 93 मतदान केंद्रों में महिलाएं मतदान करने में पुरुषों से आगे रहीं थी. इनमें 30,768 पुरुष और 32,602 महिला वोटर शामिल थीं. चंपावत सीट में पुरुषों की तुलना में 1834 अधिक महिलाओं ने वोट डाले. तब चंपावत में जीते भाजपा प्रत्याशी कैलाश चंद्र गहतोड़ी और कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल के बीच हार-जीत का अंतर 5304 वोट का रहा था. विधानसभा उपचुनाव में सामान्य चुनाव की तुलना में करीब 200 मतदाताओं की बढ़ोत्तरी हुई है.
वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के उपचुनाव की बात करें, तो भाजपा ने पूरी तरह से महिला मतदाताओं को रिझाने की योजना बनाई है. यही कारण है कि धामी सरकार 2.0 की एकमात्र महिला मंत्री रेखा आर्य आचार संहिता लागू होने के बाद लगातार चंपावत विधानसभा क्षेत्र के बनबसा और अन्य इलाकों में डेरा डाले हुई हैं. भाजपा के पदाधिकारियों की मानें तो कुमाऊं मंडल में अच्छी पकड़ और इसके साथ ही महिला वोटर्स को साधने के लिए भाजपा संगठन ने महिला मंत्री सहित अन्य पदाधिकारियों को ड्यूटी दी है.
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चंपावत विधानसभा उपचुनाव चुनाव की बात करें तो भाजपा संगठन और पार्टी हाईकमान ने भाजपा सरकार के मंत्रियों से लेकर संगठन के पदाधिकारियों तक की ड्यूटी लगाई है. लेकिन धामी सरकार की महिला मंत्री जिस प्रकार से विधानसभा क्षेत्र में प्रचार प्रसार में लगी हैं, उससे कहीं न कहीं लगता है कि भाजपा विधानसभा 2022 के परिणामों को देखते हुए महिला मतदाताओं के बीच अपनी पैठ नहीं छोड़ना चाहती है, क्योंकि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के खिलाफ महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है.