देहरादूनः अंकिता भंडारी हत्याकांड को न्याय दिलाने के लिए देशभर की महिला, मानवाधिकार और जन संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों की गठित संयुक्त टीम ने कमर कस ली है. इसी कड़ी में 6 राज्यों की महिला संगठन की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने विभिन्न क्षेत्रों में जाकर अंकिता हत्याकांड प्रकरण से जुड़े संबंधित विधिक, शासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया है. साथ ही अंकिता मर्डर केस को लेकर तथ्य और महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की है.
दरअसल, उत्तराखंड महिला मंच (Uttarakhand Mahila Manch) ने देशभर के महिला संगठनों के साथ एक टीम गठित की है. जिसमें 6 राज्यों की 20 सदस्यीय फाइंडिंग फैक्ट टीम शामिल हैं. इस टीम ने 27, 28 और 29 अक्टूबर को विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया. पौड़ी स्थित श्रीकोट डोभ में अंकिता के माता-पिता से भी मुलाकात की. इसके अलावा श्रीनगर में स्थानीय व्यक्तियों पत्रकारों और जन संगठन के साथ बैठक की. इसमें से दूसरी टीम ने ऋषिकेश में रिजॉर्ट और चीला बैराज के आसपास की जगह का दौरा किया.
अवैध जमीन पर बना वनंत्रा रिजॉर्टः महिला संगठनों ने पाया कि ऋषिकेश के वनंत्रा रिजॉर्ट अवैध जमीन पर बना हुआ है. जमीन आयुर्वेदिक फैक्ट्री के नाम पर ली गई थी और यह पूरे उत्तराखंड में चल रहे जमीनों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा मामला भी है. जिसका जनता लगातार विरोध कर रही है. पीयूसीएल संगठन से जुड़ी कविता श्रीवास्तव का कहना है कि वहां विशाखा गाइडलाइन या कार्यस्थल पर यौन हिंसा 2013 कानून के तहत कोई भी आंतरिक शिकायत समिति नहीं थी. जिला स्तरीय स्थानीय शिकायत समिति की कोई जानकारी नहीं थी. यह भी पता चला कि पर्यटन उद्योग के साथ-साथ निजी क्षेत्र की किसी भी इकाई में यह समितियां गठित नहीं है.
पुलिस और प्रशासन की लापरवाही से कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिटेः उन्होंने मांग उठाई कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानूनों का खुला उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में छोटे बड़े सभी निजी संस्थानों में यह समिति बननी चाहिए. महिला संगठनों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की लापरवाही से कई महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट हो गए, जैसे रिजॉर्ट को समय पर सील नहीं किया गया और एक हिस्से पर बुलडोजर चला दिया गया. उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए कि अंकिता की पोस्टमार्टम करने वाली डॉक्टरों की टीम में कोई गायनाकोलॉजिस्ट की मौजूदगी नहीं थीं.
यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट की भूमिका का लिया जाए संज्ञानः महिला मंच ने साक्ष्यों को सुरक्षित और गवाहों को लगातार पूरी सुरक्षा दिए जाने की बात भी की है. महिला मंच ने ये भी बताया गया कि आरोपी रसूखदार हैं और ऐसे में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है. साथ ही यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट की साक्ष्य मिटाने में भूमिका का संज्ञान लिया जाए. इसकी भी जांच की जाए कि आखिर आनन-फानन में रिजॉर्ट में बुलडोजर क्यों चलाया गया?
वहीं, महिला संगठनों का ये भी कहना है कि दल को यह भी जानकारी मिली कि जिस रात रिजॉर्ट में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही थी. स्थानीय महिलाओं के मुताबिक खुद यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट (Yamkeshwar MLA Renu Bisht) भी वहां मौजूद थी. इसकी जांच की मांग भी महिला मंच की ओर की गई है.
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क्या था अंकिता भंडारी मर्डर केस: गौर हो कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.
वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर कांग्रेसियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जमकर हंगामा भी किया, लेकिन स्थिति की नजाकत को देखते हुए डॉक्टरों के पैनल ने हाथों-हाथ रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान मिले. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि 28 अगस्त से रिजॉर्ट में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से ही मालिक और उसके सहयोगी उसे प्रताड़ित कर रहे थे. वहीं, श्रीनगर में अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काफी बवाल भी हुआ था.
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