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उत्तराखंडः महिलाओं के ऑफिस आने की अनिवार्यता समाप्त, जानिए क्यों

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Published : Jul 13, 2020, 9:05 PM IST

जिस तेजी के साथ उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है उसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने सरकारी कार्यालयों में कामकाज को लेकर कुछ गाइडलाइन जारी की है.

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देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए कई नियम बनाए जा रहे हैं. सोमवार को भी इसी से संबंधित एक और शासनादेश जारी किया गया है. जिसमें स्पष्ट किया गया है कि गर्भवती महिला व जिस महिला के बच्चे की उम्र 10 साल से कम हो उन्हें किसी अपरिहार्य परिस्थितियों में ही कार्यालय बुलाया जाए. यही नियम 55 साल के अधिक उम्र के कर्मचारी और किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त कर्मचारी पर भी लागू होता है.

शासनादेश के मुताबिक 14 जुलाई से समस्त शासकीय कार्यालयों में क और ख समूह के अधिकारीगण शत प्रतिशत और समूह ग व घ के कर्मचारियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत सुनिश्चित की जाएगी.

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13 जुलाई को आया शासनादेश

पढ़ें- देहरादून में जमीन का 'खेल', भूमाफिया पर शिकंजा कसना SIT की बड़ी चुनौती

शासनादेश में साफ किया गया है कि जहां तक संभव हो बैठकें वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से ही की जाएं. यदि वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए बैंठक संभव नहीं हो तो उसकी अवधि कम से कम रखी जाए. बैठक में सीमित अधिकारी और कर्मचारी ही मौजूद रहे. बैठक में सोशल डिस्टेंडिंसग (कम से कम दो गज की दूरी) का ध्यान रखा जाए. बैठक में फेस मॉस्क का प्रयोग किया जाए. बैठक कक्ष को नियमनुसार सैनिटाइज किया जाए. बैठक कक्ष में वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए.

बता दें कि सूबे में आज कोरोना के 71 नए पॉजिटिव केस मिले हैं. इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 3,608 हो गई है. वहीं, अब तक 2,888 (32 प्रवासी जिनके सैंपलिंग अन्य राज्यों में हुए) लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए कई नियम बनाए जा रहे हैं. सोमवार को भी इसी से संबंधित एक और शासनादेश जारी किया गया है. जिसमें स्पष्ट किया गया है कि गर्भवती महिला व जिस महिला के बच्चे की उम्र 10 साल से कम हो उन्हें किसी अपरिहार्य परिस्थितियों में ही कार्यालय बुलाया जाए. यही नियम 55 साल के अधिक उम्र के कर्मचारी और किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त कर्मचारी पर भी लागू होता है.

शासनादेश के मुताबिक 14 जुलाई से समस्त शासकीय कार्यालयों में क और ख समूह के अधिकारीगण शत प्रतिशत और समूह ग व घ के कर्मचारियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत सुनिश्चित की जाएगी.

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शासनादेश में साफ किया गया है कि जहां तक संभव हो बैठकें वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से ही की जाएं. यदि वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए बैंठक संभव नहीं हो तो उसकी अवधि कम से कम रखी जाए. बैठक में सीमित अधिकारी और कर्मचारी ही मौजूद रहे. बैठक में सोशल डिस्टेंडिंसग (कम से कम दो गज की दूरी) का ध्यान रखा जाए. बैठक में फेस मॉस्क का प्रयोग किया जाए. बैठक कक्ष को नियमनुसार सैनिटाइज किया जाए. बैठक कक्ष में वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए.

बता दें कि सूबे में आज कोरोना के 71 नए पॉजिटिव केस मिले हैं. इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 3,608 हो गई है. वहीं, अब तक 2,888 (32 प्रवासी जिनके सैंपलिंग अन्य राज्यों में हुए) लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं.

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