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डोईवाला: जान जोखिम में डालकर महिलाओं को करनी पड़ रही नहर की सफाई

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Published : Jul 5, 2020, 11:07 AM IST

Updated : Jul 5, 2020, 12:16 PM IST

डोईवाला विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं को अपनी जान संकट में डालकर नहर सफाई के लिए जंगल में जाना पड़ता है. जिसके पानी से सैंकड़ों किसानों की खेतों की सिंचाई होती है.

doiwala
महिला किसान नहर की कर रही हैं सफाई

डोईवाला: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के किशनपुर ग्रांट में महिला किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. महिलाओं को फसलों की सिंचाई के लिए घने जंगल मे जाकर सिंचाई नहर को साफ करना पड़ता है. महिलाओं का कहना है कि वर्षो से सिंचाई की नहर जंगल से होकर आ रही है और इसी नहर के पानी से सैकड़ों किसानों की खेतों की सिंचाई होती है, लेकिन नहर कच्ची होने की वजह से हर साल महिलाओं को नहर की सफाई करने के लिए जंगल मे जाना पड़ता है और वन विभाग नहर को पक्की करने में व्यवधान पैदा करता है.

जान जोखिम में डालकर महिलाओं को करनी पड़ रही नहर की सफाई.

महिलाओं का कहना है कि उनके पति फौज और सरकारी सेवाओं में है. घर में उन्हीं को खेती-बाड़ी संभालनी पड़ती है. जिसके कारण महिलाओं को जान जोखिम में डालकर घने जंगल में जाकर सिंचाई की गुल को साफ करना पड़ता है. लेकिन वन विभाग इस गुल को पक्की होने नहीं दे रहा है. महिलाओं का कहना है कि उन्होंने कई बार पूर्व वन मंत्री और वर्तमान में वन विभाग के अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया गया है, लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी नहर को ठीक करने की दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ है.

ये भी पढ़े: मसूरी में भारी बारिश से गिरा पेड़, 3 कारें क्षतिग्रस्त

वहीं, महिलाओं ने राज्यमंत्री करण बोरा को भी मामले से अवगत कराया है. जिसे लेकर करण बोहरा ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि वह जल्दी ही इस मामले पर वन मंत्री और मुख्यमंत्री से इस समस्या से अवगत कराएंगे और जल्द ही इसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे.

डोईवाला: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के किशनपुर ग्रांट में महिला किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. महिलाओं को फसलों की सिंचाई के लिए घने जंगल मे जाकर सिंचाई नहर को साफ करना पड़ता है. महिलाओं का कहना है कि वर्षो से सिंचाई की नहर जंगल से होकर आ रही है और इसी नहर के पानी से सैकड़ों किसानों की खेतों की सिंचाई होती है, लेकिन नहर कच्ची होने की वजह से हर साल महिलाओं को नहर की सफाई करने के लिए जंगल मे जाना पड़ता है और वन विभाग नहर को पक्की करने में व्यवधान पैदा करता है.

जान जोखिम में डालकर महिलाओं को करनी पड़ रही नहर की सफाई.

महिलाओं का कहना है कि उनके पति फौज और सरकारी सेवाओं में है. घर में उन्हीं को खेती-बाड़ी संभालनी पड़ती है. जिसके कारण महिलाओं को जान जोखिम में डालकर घने जंगल में जाकर सिंचाई की गुल को साफ करना पड़ता है. लेकिन वन विभाग इस गुल को पक्की होने नहीं दे रहा है. महिलाओं का कहना है कि उन्होंने कई बार पूर्व वन मंत्री और वर्तमान में वन विभाग के अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया गया है, लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी नहर को ठीक करने की दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ है.

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वहीं, महिलाओं ने राज्यमंत्री करण बोरा को भी मामले से अवगत कराया है. जिसे लेकर करण बोहरा ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि वह जल्दी ही इस मामले पर वन मंत्री और मुख्यमंत्री से इस समस्या से अवगत कराएंगे और जल्द ही इसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे.

Last Updated : Jul 5, 2020, 12:16 PM IST
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