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देहरादून: अब नगर निगम की बोर्ड बैठक में पार्षद पतियों की होगी NO ENTRY

अक्सर देखने में आता है कि बोर्ड बैठक में महिला पार्षदों की जगह उनके पति हिस्सा लेते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए मेयर ने ये आदेश जारी किया है.

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देहरादून नगर निगम
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Published : Jan 10, 2020, 8:26 PM IST

देहरादून: नगर निगम देहरादून में अब से महिला पार्षदों के पतियों की एंट्री बैन होगी. अब महिला पार्षद को अपने वार्ड का काम कराने के लिए भी खुद आना पड़ेगा. मेयर सुनिल उनियाल गामा ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं. क्योंकि देहरादून नगर निगम के 100 में 39 वार्डों में महिला पार्षद जीत कर आई थी. जीत से बाद से कई महिला पार्षद नगर निगम तक नहीं आई. जबकि उनकी जगह उनके पति आये दिन नगर निगम में फाइल लेकर अधिकारियों के चक्कर लगाते है. लेकिन अब ऐसा नही होने वाला है.

वहीं, बकायदा मेयर ने इसको लेकर एक निर्देश जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि नगर निगम की बोर्ड बैठक सहित अन्य बैठकों और सेमिनार में महिला पार्षदो के साथ उनके पति नहीं आएंगे. साथ ही महिला पार्षद को अब अपने वार्ड का काम कराने के लिए भी खुद आना पड़ेगा. अक्सर देखने में आता है कि मेयर, नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त सहित निर्माण, स्वास्थ्य और विधुत अनुभाग में महिला पार्षदों के पतियों की तरफ से ही प्रस्ताव या फिर शिकायती पत्र दिए जाते है. इतना ही नहीं पार्षद पति हर किसी के सामने धौंस भी दिखाते फिरते है.

गुरुवार को हुई कार्यकारिणी के चुनाव के दौरान भी कई पार्षद पति परिसर में मौजूद थे. कल हुए महिला पार्षदों में हंगामे के बाद मेयर ने निर्णय लिया था कि आगे से होने वाली बोर्ड बैठक में किसी भी महिला पार्षद का पति बैठक में नहीं आएगा. साथ ही भविष्य में होने वाली बैठकों और सेमिनार में पार्षद पतियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है.

पढ़ें- दून नगर निगम कार्यकारिणी समिति चुनाव: सीट को लेकर आपस में भिड़ीं कांग्रेस महिला पार्षद, एक ने जड़ा थप्पड़

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि महिला पार्षद को चुनाव में जनता ने प्रतिनिधित्व दिया है, तो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी उनका सम्मान करना चाहिए. चुनाव के बाद कई महिला पार्षद घर पर रहती है और उनके पति नगर निगम में आकर वार्डो के काम करवाते है. साथ ही पार्षद पति खुद को ही पार्षद मान बैठे है. यह रवैया सरासर गलत है, जो नगर निगम अधिनियम और गरिमा के विरुद्ध भी है. इसलिए नगर निगम की बैठक में पार्षद पतियों की एंट्री पर रोक लगाई गई है.

देहरादून: नगर निगम देहरादून में अब से महिला पार्षदों के पतियों की एंट्री बैन होगी. अब महिला पार्षद को अपने वार्ड का काम कराने के लिए भी खुद आना पड़ेगा. मेयर सुनिल उनियाल गामा ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं. क्योंकि देहरादून नगर निगम के 100 में 39 वार्डों में महिला पार्षद जीत कर आई थी. जीत से बाद से कई महिला पार्षद नगर निगम तक नहीं आई. जबकि उनकी जगह उनके पति आये दिन नगर निगम में फाइल लेकर अधिकारियों के चक्कर लगाते है. लेकिन अब ऐसा नही होने वाला है.

वहीं, बकायदा मेयर ने इसको लेकर एक निर्देश जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि नगर निगम की बोर्ड बैठक सहित अन्य बैठकों और सेमिनार में महिला पार्षदो के साथ उनके पति नहीं आएंगे. साथ ही महिला पार्षद को अब अपने वार्ड का काम कराने के लिए भी खुद आना पड़ेगा. अक्सर देखने में आता है कि मेयर, नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त सहित निर्माण, स्वास्थ्य और विधुत अनुभाग में महिला पार्षदों के पतियों की तरफ से ही प्रस्ताव या फिर शिकायती पत्र दिए जाते है. इतना ही नहीं पार्षद पति हर किसी के सामने धौंस भी दिखाते फिरते है.

गुरुवार को हुई कार्यकारिणी के चुनाव के दौरान भी कई पार्षद पति परिसर में मौजूद थे. कल हुए महिला पार्षदों में हंगामे के बाद मेयर ने निर्णय लिया था कि आगे से होने वाली बोर्ड बैठक में किसी भी महिला पार्षद का पति बैठक में नहीं आएगा. साथ ही भविष्य में होने वाली बैठकों और सेमिनार में पार्षद पतियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है.

पढ़ें- दून नगर निगम कार्यकारिणी समिति चुनाव: सीट को लेकर आपस में भिड़ीं कांग्रेस महिला पार्षद, एक ने जड़ा थप्पड़

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि महिला पार्षद को चुनाव में जनता ने प्रतिनिधित्व दिया है, तो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी उनका सम्मान करना चाहिए. चुनाव के बाद कई महिला पार्षद घर पर रहती है और उनके पति नगर निगम में आकर वार्डो के काम करवाते है. साथ ही पार्षद पति खुद को ही पार्षद मान बैठे है. यह रवैया सरासर गलत है, जो नगर निगम अधिनियम और गरिमा के विरुद्ध भी है. इसलिए नगर निगम की बैठक में पार्षद पतियों की एंट्री पर रोक लगाई गई है.

Intro:नगर निगम के 100 वार्डो में 39 वार्डो में महिला पार्षद जीत कर आई थी।जितने के बाद काफी पार्षद नगर निगम में कई महीनों तक नही आती है वही महिला पार्षदो के पतियों को आये दिन नगर निगम में फ़ाइल लेकर परिसर में अधिकारियों के पास घूमते दिखाई देते है।लेकिन अब ऐसा नही होने वाला है क्योंकि मेयर ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि नगर निगम की बोर्ड बैठक सहित अन्य बैठकों ओर सेमिनार में महिला पार्षदो के साथ आने वाले पतियों पर रोक लगा दी है साथ ही महिला पार्षद को अब अपने वार्ड का काम कराने के लिए भी खुद आना पड़ेगा।


Body:अक्सर मेयर,नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त सहित निर्माण,स्वास्थ्य और विधुत अनुभाग में महिला पार्षदो के पतियों की तरफ से ही प्रस्ताव या फिर शिकायती पत्र दिए जाते है।इतना ही नही पार्षद पति हर किसी के सामने धौंस भी दिखाते फिरते है।वही कल हुई कार्यकारणी के चुनाव के दौरान भी कई पार्षद पति परिसर में मौजूद थे।ओर कल हुए महिला पार्षदो में हंगामे के बाद मेयर ने निर्णय लिया था कि आज होने वाली बोर्ड बैठक में किसी भी महिला पार्षद का पति बैठक नही आएगा।साथ ही भविष्य में होने वाली बैठकों ओर सेमिनार में पार्षद पतियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।


Conclusion:मेयर सुनील उनियाल गामा ने जानकारी देते हुए बताया की महिला पार्षद चुनाव में जनता ने प्रतिनिधित्व दिया है तो निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी उनका सम्मान करना चाहिए।चुनाव के बाद कई महिला पार्षद घर पर रहती है और उनके पति नगर निगम में आकर वार्डो के काम करवाते है साथ ही पार्षद पति खुद को ही पार्षद मान बैठे है।साथ ही कहा कि यह रवैया सरासर गलत है और नगर निगम अधिनियम और गरिमा के विरुद्ध भी है इसलिए नगर निगम की बैठक में पार्षद पतियों की एंट्री पर रोक लगाई गई है।
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